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Jamshedpur News : अंतरराज्यीय बस अड्डा अधर में, तीन वर्ष बाद भी जमीन हस्तांतरित नहीं

Jamshedpur News तीन वर्ष पूर्व वसुंधरा एस्टेट के पास जमीन देखी गई लेकिन तब से अब तक जमीन हस्तांतरित नहीं हुई। विभाग से जिला प्रशासन को अनापत्ति प्रमाणपत्र मिल चुका है लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं दिख रहा है।

By Jitendra SinghEdited By: Jitendra SinghPublished: Wed, 28 Sep 2022 12:03 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 12:03 PM (IST)
Jamshedpur News : अंतरराज्यीय बस अड्डा अधर में, तीन वर्ष बाद भी जमीन हस्तांतरित नहीं
Jamshedpur News : अंतरराज्यीय बस अड्डा अधर में, तीन वर्ष बाद भी जमीन हस्तांतरित नहीं

जमशेदपुर : सीतारामडेरा थाना अंतर्गत मानगो बस स्टैंड को बने करीब 30 वर्ष हो गए हैं, जहां से लंबी दूरी की बसें भी खुलती हैं। उस वक्त शहर व आसपास की आबादी करीब 15 लाख थी, जबकि आज यह लगभग दोगुनी हो गई है। इसके लिए बस स्टैंड का विस्तार करने की जरूरत करीब 10 वर्ष पहले महसूस की गई थी। उसी समय मानगो में अंतरराज्यीय बस अड्डा के लिए स्थान ढूंढने की कवायद शुरू हुई, जो आज तक अधर में है।

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अभी तक जमीन हस्तांतरित नहीं हुई

तीन वर्ष पूर्व एनएच-33 पर वसुंधरा एस्टेट के पास जल संसाधन विभाग की जमीन देखी गई, लेकिन तब से अब तक जमीन हस्तांतरित नहीं हुई। बताया जाता है कि विभाग से जिला प्रशासन को अनापत्ति प्रमाणपत्र मिल चुका है, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं दिख रहा है। इससे बड़ी बात कि बस अड्डा की जमीन पर जल संसाधन विभाग ने चारदीवारी भी बना दी है।

इसका खामियाजा मौजूदा बस स्टैंड से बस चलाने वाले मालिकों-संचालकों को हो रही है। जिला प्रशासन ने बस मालिकों से उन 28 बसों को हटाने का नोटिस दे दिया है, जो महीनों से बेकार पड़ी हैं।

बढ़ती आबादी के साथ मानगो बस स्टैंड छोटा पड़ गया

इस पर जमशेदपुर बस आनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रामउदय सिंह बताते हैं कि बढ़ती आबादी के साथ मानगो बस स्टैंड छोटा पड़ रहा है। हमें भी बसों को रखने में परेशानी होती है, लेकिन क्या करें। प्रशासन से हम कई वर्ष से बस स्टैंड के पीछे नाले पर पाइप लगाकर भरकर विस्तार करने की मांग कर रहे हैं, जो अब तक नहीं हुआ। वहीं पुरुलिया बस स्टैंड में करीब छह वर्ष पूर्व आश्रय गृह बनाकर छोटा कर दिया गया।

सड़कों पर लग रही बसें

वहां करीब 50 बसें खड़ी हो सकती थीं। मजबूरी में हमें बस सड़क पर लगानी पड़ती है। इस पर ट्रैफिक पुलिस जुर्माना भी वसूलती है। यह तब है, जब स्टैंड में बस लगाने का हम सरकार को प्रति बस करीब 3000 रुपये प्रतिमाह पार्किंग शुल्क भी देते हैं। जिन बसों को बेकार बताया जा रहा है, वह यात्री के अभाव में नहीं चल रही हैं। इन बसों के मालिक सरकार को हर तरह का राजस्व भुगतान भी कर रहे हैं। ऐसे में यह प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि हमें बस रखने के लिए स्थान उपलब्ध कराए। इन सबके बावजूद जिला प्रशासन हमें जिम्मेदार ठहरा रहा है। उधर, अंतरराज्यीय बस अड्डा कहां और कब बनेगा, इसकी कोई सूचना नहीं है।


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