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Jamshedpur News : पांच वर्षों से इस कालेज में चल रहा था अवैध कंप्यूटर लैब, खुलासा होने के बाद मचा हड़कंप

Jamshedpur News फर्जी लैब में छात्राओं से अलग से कंप्यूटर शुल्क भी लिया जाता रहा। महिला विश्वविद्यालय की ओर से जांच प्रारंभ की गई तो कई खुलासे हुए। अनियमितताओं की जांच के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से एक चार सदस्यीय टीम का भी गठन कर दिया गया है।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Thu, 22 Sep 2022 11:51 AM (IST)Updated: Thu, 22 Sep 2022 11:51 AM (IST)
Jamshedpur News : पांच वर्षों से इस कालेज में चल रहा था अवैध कंप्यूटर लैब

जमशेदपुर : जमशेदपुर वीमेंस कालेज का अनियमितताओं से पुराना नाता रहा है। पहले भी कोल्हान विश्वविद्यालय कई मामलों में वीमेंस कालेज में अनियमितताओं की जांच कर चुका है। मामले की रिपोर्ट राजभवन तक भेजी जा चुकी है। अब नए सिरे कई और मामले सामने आए हैं। इसमें एक महत्वपूर्ण मामला बिना टेंडर के इंटर में कंप्यूटर लैब के संचालन का। वह भी कालेज परिसर के अंदर। पिछले पांच वर्षो से इसका संचालन हो रहा था।

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छात्राओं से वसूला जा रहा था फीस

इसके एवज में छात्राओं से अलग से कंप्यूटर शुल्क भी लिया जाता रहा। इस मामले को उजागर एक छात्र नेता ने किया। इस छात्र नेता की शिकायत पर जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से जांच प्रारंभ की गई तो कई खुलासे हुए। अनियमितताओं की जांच के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से एक चार सदस्यीय टीम का भी गठन कर दिया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने फिर से कालेज का आडिट कराने का निर्णय ले लिया है।

विश्वविद्यालय प्रबंधन ने साधी चुप्पी

इंटर के कंप्यूटर लैब के बारे में यह पता चला है कि पांच वर्ष में छात्राओं से वसूली गई राशि का कोई हिसाब किताब नहीं है। कंप्यूटर लैब के मद में एक-एक छात्रा से 500-500 रुपए की राशि की वसूली गई। विश्वविद्यालय प्रबंधन के पदाधिकारी अधिकृत रूप से कुछ भी बयान देने से बच रहे हैं, लेकिन इस जांच से इंटर के कर्मियों एवं शिक्षकों में हडकंप मचा हुआ है।

20 शिक्षक व कर्मचारियों को दो जगह से मिल रहा था वेतन

जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा वीमेंस कालेज में हुई अनियमितता की जांच को लेकर गठित कमेटी के सदस्य इस बात से हतप्रभ है कि कालेज के 20 शिक्षक एवं कर्मचारियों को दो जगह से अलग-अलग वेतन मिल रहा था। इस बात की सूचना कमेटी के सदस्यों ने विश्वविद्यालय के वरीय पदाधिकारियों को दे दी है।

जांच में पाया गया कि एक ही शैक्षणिक संस्थान में अलग-अलग श्रेणी का कर्मचारी दिखाकर वेतन भुगतान किया गया। मामला सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कर्मचारियों का भुगतान रोक दिया है। कर्मचारियों से कहा गया है कि वह अपनी नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज पेश करें। इससे यह पता चल सकेगा कि आखिर किन शर्तों के साथ इनकी बहाली की गई।


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