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Corona Effect : फीस माफी पर निजी स्कूल बाद में लेंगे निर्णय Jamshedpur News

झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से फीस माफी से संबंधित पत्र का इंतजार किया जा रहा है। वैसे मार्च तक की फीस निजी स्‍कूल जमा करा चुके हैं।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 08:04 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 08:04 PM (IST)
Corona Effect : फीस माफी पर निजी स्कूल बाद में लेंगे निर्णय Jamshedpur News
Corona Effect : फीस माफी पर निजी स्कूल बाद में लेंगे निर्णय Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददता)। पहले शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने ट्वीट से निजी स्कूलों से कहा बंद अवधि का स्कूल फीस नहीं लें।

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निजी स्कूल नहीं माने तो मंगलवार को शिक्षा सचिव के आदेश से पहली बार झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के सचिव महीप सिंह ने इस संबंध में विधिवत आदेश जारी कर दिया। इस आदेश में निजी स्कूलों से फीस के लिए दबाब नहीं बनाने तथा स्कूल फीस माफ करने की बात लिखी गई है। पूर्वी सिंहभूम के जिला शिक्षा पदाधिकारी शिवेंद्र कुमार ने बताया कि जैक का पत्र प्राप्त हुआ है। पत्र की प्रति सभी निजी स्कूलों को भेजी जायेगी। जैके आदेश का अक्षरश: पालन कराया जायेगा।

इधर इस पत्र के बाद शहर के निजी स्कूलों में भी फीस माफी चर्चाएं चल रही है। जैक के पत्र का इंतजार निजी स्कूलों का संघ कर रहा है। मार्च की फीस निजी स्कूलों ने जमा करा ली है। अब अप्रैल का फीस को लेकर विभागीय आदेश का पालन करेंगे या नहीं इस पर निर्णय बाद में लेंगे। स्कूलों में फीस बढ़ोत्तरी व फीस माफी को लेकर न्यायालयों से लेकर झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (जैट)  के कई आदेश है, लेकिन इन आदेशों के खिलाफ ही स्कूलों की ओर से अपील दायर कर रखी गई है।

सरकार के आदेश को भी निजी स्कूल नहीं मानते। जैट के नियमों की धजिज्यां उड़ायी जाती है। शहर में आज तक एक भी स्कूल में फीस निर्धारण समिति का गठन नहीं हुआ है। स्कूल में मामला हल होने के बाद उपायुक्त की अध्यक्षता में बनी समिति इसका हल निकालेगी। पूर्वी ङ्क्षसहभूम में इस जिला स्तरीय समिति का गठन हो चुका है। 

ये हैं जेट के नियम

•सभी निजी विद्यालयों में फीस समिति होगी जिसमें 9 सदस्य होंगे। 

•निजी विद्यालय में प्रबंधन द्वारा मनोनीत प्रतिनिधि इस समिति के अध्यक्ष होंगे।

•निजी विद्यालय के प्राचार्य इस समिति के सचिव होंगे।

•निजी विद्यालय के प्रबंधन द्वारा मनोनीत तीन शिक्षक इस समिति के सदस्य होंगे।

•माता-पिता शिक्षक संघ द्वारा नामित चार माता/पिता इसके सदस्य होंगे।

•समिति का कार्यकाल तीन शैक्षणिक वर्षों के लिए होगा और कोई भी अभिभावक सदस्य समिति के सदस्य के रूप में पुन: मनोनयन के लिए पात्र नहीं होंगे।

•निजी विद्यालय का प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए फीस का प्रस्ताव देने में सक्षम होगा।

•समिति के अध्यक्ष एक सप्ताह पूर्व बैठक को लेकर सदस्यों को सूचित करेंगे।

 शुल्क निर्धारण का कारण

•विद्यालय की अवस्थिति

•गुणात्मक शिक्षा के लिए छात्रों को उपलब्ध कराई गई संरचनाएं

•प्रशासन और रखरखाव पर व्यय

•मापदंडों के अनुसार अर्हितत शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी तथा उनके वेतन घटक

•वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए युक्तियुक्त राशि

•विद्यालय में कुल आय से छात्रों पर व्यय

•शिक्षा के विकास और विद्यालय के विस्तार के लिए आवश्यक राजस्व।

•अधिनियम के निर्धारित कारकों पर विचार करने के बाद शुल्क समिति प्रस्तावित शुल्क संरचना की तारीख से 30 दिनों के अंदर लिखित रूप से प्रस्ताव पर स्वीकृति देगी।

•समिति विभिन्न शीर्षो को बताएगी जिसके तहत शुल्क लगाया गया है।  

ऐसी है जिले की समिति 

उपायुक्त - अध्यक्ष

जिला शिक्षा पदाधिकारी - पदेन सदस्य सचिव (उच्च विद्यालयों के लिए)

जिला शिक्षा अधीक्षक - पदेन सदस्य सचिव (प्राथमिक विद्यालयों के लिए)

जिला परिवहन पदाधिकारी - सदस्य

अध्यक्ष द्वारा नामित एक चार्टर्ड एकाउंटेंट - सदस्य

अध्यक्ष द्वारा नामित दो निजी विद्यालय के प्राचार्य - सदस्य

दो माता-पिता - सदस्य।

फीस माफी के बारे में बाद में निर्णय लिया जायेगा। आदेश में फीस के लिए दबाव न देने की बात की गई है। फिलहाल पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। पत्र प्राप्त होने के बाद अध्ययन कर इस बारे में निर्णय लिया जायेगा। निजी स्कूल के छात्र को घर बैठे ही शिक्षा दी जा रही है।  -बी चंद्रशेखर, सचिव, अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन

हर बार शहर के निजी स्कूल आदेशों की धज्जियां उड़ाते हैं। इस बार जैक की ओर से फीस माफी का आदेश निकाला गया है। फीस बढ़ोत्तरी पर सरकार लगाम नहीं लगा सकी। अब फीस माफी कैसे करवायेगी, यह चुनौतीपूर्ण है। - अंकित आनंद, संस्थापक, शिक्षा सत्याग्रह।

हमने भी फीस माफी को लेकर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री को ट्वीट किया है। फीस माफी का आदेश भी निकला है। आने वाले दिनों में पता चलेगा कि स्कूल फीस माफी कर रहे हैं या नहीं। शिक्षा मंत्री का यह पहल सराहनीय है। -डॉ. उमेश कुमार, अध्यक्ष, जमशेदपुर अभिभावक संघ।

हमने कार्य करने वाले शिक्षकों के वेतन मद में तीन माह की राशि कम से कम 15 हजार की मांग की है। फीस माफी करने में हमें कोई दिक्कत नहीं है। शिक्षकों का यह मानदेय मिल जाये तो जैक के निर्णय का हम पालन करेंगे। - मो. ताहिर हुसैन, अध्यक्ष, झारखंड गैर सरकारी विद्यालय संघ। 


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