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लॉकडाउन अवधि का भुगतान नहीं करने के मामले में टिनप्लेट व बीएमडब्ल्यू को शोकॉज Jamshedpur News

शिकायत मिलने पर उप श्रमायुक्‍त ने दूरभाष पर लॉकडाउन के पैसे देने को कहा था। बावजूद इन कंपनियों के मजदूरों को लॉकडाउन की अवधि का पैसा नहीं मिला है।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Mon, 13 Apr 2020 07:48 PM (IST)Updated: Tue, 14 Apr 2020 07:13 AM (IST)
लॉकडाउन अवधि का भुगतान नहीं करने के मामले में टिनप्लेट व बीएमडब्ल्यू को शोकॉज Jamshedpur News
लॉकडाउन अवधि का भुगतान नहीं करने के मामले में टिनप्लेट व बीएमडब्ल्यू को शोकॉज Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। कोरोना वायरस से संक्रमण के बचाव को लेकर चल रहे देशव्‍यापी लॉकडाउन में कामकाज ठप है। ऐसे में श्रम विभाग की ओर से यह निर्दश जारी किया गया था कि सात अप्रैल तक मार्च महीने का पूरा भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

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इस निर्देश की अवहेलना करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई थी। अब उन कंपनियों या कंपनियों के अधीन कार्यरत ठेका कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की तलवार लटकनी शुरू हो गई है जिन्‍होंने निर्देश का अनुपालन नहीं किया। शिकायत मिलने पर सभी को नोटिस जारी किया जा रहा है। 

उप श्रमायुक्‍त ने दो कंपनियों से दो दिन में जवाब देने को कहा

 मार्च महीने में हुए लॉकडाउन का पैसा नहीं देने के मामले में श्रम विभाग ने कई कंपनियों पर नकेल कसी है। इसी क्रम में सोमवार को उप श्रमायुक्त की ओर से टिनप्लेट कंपनी प्रबंधन,उसके अंतगर्त कार्यरत एक ठेका कंपनी व बीएमडब्ल्यू कंपनी को शो-कॉज किया है।

उप श्रमायुक्त ने बताया है कि टिनप्लेट के एक ठेकेदार ने अपने मजदूरों को लॉकडाउन का पूरा पैसा नहीं दिया है। वहीं बीएमडब्ल्यू प्रबंधन अपने कर्मचारियों के मामले में संज्ञान नहीं लिया है। वहां के मजदूरों की शिकायत मिलने पर उन्होंने भी दूरभाष पर लॉकडाउन के पैसे देने को कहा था। बावजूद वहां के मजदूरों को लॉकडाउन का पैसा नहीं मिला है। विभाग की ओर से दो दिन का समय दिया गया है। निश्चित अवधि में पैसे नहीं मिलने पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।

अस्‍थायी कर्मियों के खाते में भी टाटा मोटर्स ने भेजे 12,000 रु.

मार्च महीने में हुए लॉकडाउन को लेकर टाटा मोटर्स अस्थायी कर्मियों के बैंक खाते में सोमवार को 12,000 भेज दी गई। बैंक बंदी की वजह से यह राशि मिलने में विलंब हुआ। वहीं मार्च में काम करने वाले अस्थायी कर्मियों को उनके कार्य दिवस के मुताबिक पांच अप्रैल को ही उनका वेतन उनके बैंक खाते में भेेज दी गई है।

मार्च में काम नहीं करने वाले अस्थायी कर्मियों को भी एक समान 12 हजार रुपए मिल गए। उधर, टेल्को वर्कर्स यूनियन के  नेता हर्षवद्धर्न ङ्क्षसह ने कहा है कि अस्थायी र्किमयों को पूरे माह का वेतन मिलना था, 12 हजार किस हिसाब से दिया गया।


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