Jamshedpur Good News: बागबेड़ा निवासियों के लिए अच्छी खबर, अगले साल से खत्म हो जाएगा पानी का संकट
Jamshedpur Good News निरीक्षण के बाद चीफ इंजीनियर ने सुरेश प्रसाद ने बताया कि कभी संवेदक तो कभी परिस्थितियां ऐसी बनी की काम में लेट होता गया। अब यह बाधाएं दूर हो गई है और तय समय सीमा में इस योजना को धरातल पर उतार देना है।
जमशेदपुर, जासं। बागबेड़ा निवासियों को मार्च 2023 तक पीने का पानी मिल जाएगा। यह कहना था पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, झारखंड के चीफ इंजीनियर सुरेश प्रसाद का। चीफ इंजीनियर सुरेश प्रसाद शुक्रवार को जमशेदपुर पहुंचे थे। जमशेदपुर पहुंचते ही उन्होंने बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत बागबेड़ा के गिद्दी झोपड़ी फिल्टर प्लांट और बड़ौदा घाट का निरीक्षण किया। इसके साथ ही उन्होंने हाउसिंग कालोनी के टंकी स्थल का निरीक्षण किया। इस अवसर पर चीफ इंजीनियर के साथ अधीक्षण अभियंता शिशिर सोरेन, कार्यपालक अभियंता अभय टोप्पो के अलावा बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सुबोध झा के अलावा संपूर्ण घाघीडीह विकास समिति के छोटराय किस्कू उपस्थित थे। निरीक्षण के बाद चीफ इंजीनियर ने सुरेश प्रसाद ने बताया कि कभी संवेदक तो कभी परिस्थितियां ऐसी बनी की काम में लेट होता गया। अब यह बाधाएं दूर हो गई है और तय समय सीमा में इस योजना को धरातल पर उतार देना है।
योजना का काम शुरू होने तक आंदोलन रहेगा जारी
सुबोध झाबागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के आंदोलनकारी सुबोध झा ने बताया कि चीफ इंजीनियर सुरेश प्रसाद भले ही वायदे कर रहे हों, लेकिन उनकी बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। जब तक काम तेजी से शुरू नहीं हो जाता आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि जलापूर्ति योजना को धरातल पर उतारने के लिए जमशेदपुर से दिल्ली तक पदयात्रा का कार्यक्रम था, लेकिन बुंडू के पास आंदोलनकारी को रोक लिया गया और अभियंता प्रमुख ने तीन माह में काम शुरू होने की बात कही थी, लेकिन तीन महीना बीतने के बाद आज चीफ इंजीनियर योजना का निरीक्षण करने पहुंचे हैं। अब विभाग के रवैये पर ही निर्भर करेगा, लेकिन योजना का काम तेजी से शुरु होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
11 पिलर का काम अब भी अधूरा
आंदोलनकारी छोटराय मुर्मू कहते हैं कि 2018 से बागबेड़ा और घाघीडीह के लोगों को इस योजना के तहत पानी देने का केवल आश्वासन ही मिला है। छोटराय कहते हैं कि गोविंदपुर के लोगों को तो पानी मिल गया। उनका कहना है कि इस योजना का शिलान्यास 2015 में हुई थी, लेकिन आज भी गिद्दी झोपड़ी के पास बने फिल्टर प्लांट और उसके 11 पिलर का काम अब भी अधूरे हैं। इसके कारण बागबेड़ा, परसुडीह, घाघीडीह, कीताडीह के 19 पंचायतों में रहने वाले करीब दो लाख की आबादी अब भी पानी के लिए तरस रहे हैं।