जेएनयू बवाल में बच गई माहिया की आंख, झारखंड के कई छात्रों को आई थी चोट Jamshedpur News
JNU DISPUT. जेएनयू में भाषा विज्ञान विभाग में पढ़ाई कर रही मानगो की माहिया की आंख जेएनयू बवाल में गई। माहिया पर भी रॉड से वार किया गया था।
जमशेदपुर, जासं। JNU DISPUT जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) मेंं भाषा विज्ञान विभाग में पढ़ाई कर रही झारखंड के जमशेदपुर के मानगो की माहिया की आंख जेएनयू बवाल में बच गई। उनपर भी रॉड से वार किया गया था। वह आज भी उस खौफनाक मंजर को याद कर सिहर उठती है।
माहिया करीम सिटी कॉलेज के प्रोफेसर सह जाने माने साहित्यकार अहमद बद्र की बेटी है। माहिया ने बताया कि वह अपने साथियों व शिक्षकों के साथ परिसर में फीस वृद्धि का विरोध कर रही थी। इसी दौरान शाम के साढ़े छह बजे के करीब मुंह ढंककर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के कई कार्यकर्ता पहुंच गए। उसमें से वह कई सदस्यों को पहचानती भी है। मुंह ढंके ने इन लोगों ने पहले पथराव किया। इस कारण प्रदर्शन कर रहे छात्रों व शिक्षकों ने पहले बचने की कोशिश की। बावजूद इसके कई छात्र और मैं इसकी चपेट में आ गई।
झारखंड के कई छात्र हुए चोटिल
कई छात्र लहूलुहान हो गए। माहिया पर भी रॉड से हमला कर दिया। बाद में किसी तरह घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल से इलाज के बाद शाहीनबाग में उनके चाचा के यहां माहिया को ठहरा दिया गया। माहिया ने बताया कि झारखंड के कई छात्रों को इस घटना को चोट लगी है, उसमें से एक मधुपुर का संदीप कुमार भी शामिल है। माहिया ने बताया कि उपद्रवियों ने हॉस्टल में घुस-घुसकर तोड़-फोड़ की। इस घटना को उन्होंने अपनी आंखों से देखा, इसे वे कभी नहीं भूल सकती।
ये कैसी राजनीति
माहिया मानती है कि कैंपस में इस तरह की घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। सबों को अपनी बात रखने का हक लोकतांत्रिक व्यवस्था में है और इसके लिए उचित प्लेटफार्म भी है। छात्र फीस में इजाफे का विरोध कर रहे थे जो उनका हक है। ऐसे में उनपर हमला कर कायराना हरकत की गई। यह आचरण अशोभनीय है।