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एक साल मेंं जमशेदपुर एफसी को आठ करोड़ से ज्यादा का घाटा Jamshedpur News

एटीके की हालत सबसे ज्‍यादा खराब बेंगलुरू एफसी एक मात्र क्लब जिसने पिछले सीजन में करोड़ों की कमाई की

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 02:00 PM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 02:00 PM (IST)
एक साल मेंं जमशेदपुर एफसी को आठ करोड़ से ज्यादा का घाटा Jamshedpur News
एक साल मेंं जमशेदपुर एफसी को आठ करोड़ से ज्यादा का घाटा Jamshedpur News

जमशेदपुर (जितेंद्र सिंह)। इंडियन सुपर लीग का आगाज शनिवार से हो रहा है। लेकिन देश की प्रतिष्ठित फुटबॉल लीग में भाग लेने वाले क्लब आज आर्थिक बोझ से इस कदर दबे हुए हैं कि उन्हें क्लब चलाना मुश्किल हो रहा है। यही कारण है कि एफसी पुणे सिटी को बेचना पड़ा। वधवान ग्रुप ने इसे खरीदा और हैदराबाद एफसी के नाम से इस साल मैदान में उत

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र रही है। उधर, दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का भाड़ा देने में असमर्थ दिल्ली डायनेमोज को भुवनेश्वर शिफ्ट होना पड़ा। अब उसे ओडिशा एफसी के नाम से जाना जाएगा। उधर, जमशेदपुर एफसी की बात करें तो सिर्फ एक साल में लौहनगरी की इस क्लब को 8.1 करोड़ का घाटा हुआ है। सबसे ज्यादा घाटा एटीके को उठाना पड़ा है। उसे पिछले साल 53.5 करोड़ का घाटा हुआ है। आइएसएल एशियन फुटबॉल कंफेडरेशन से मान्यता प्राप्त एशियाई लीग है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के एमसीए-21 डाटा के अनुसार बेंगलुरु एफसी ही एक मात्र ऐसा क्लब है, जिसने 37.4 करोड़ का फायदा हुआ है। 

जहां तक जमशेदपुर एफसी की बात है, पहले साल टाटा स्टील ने इस क्लब को 30 करोड़ रुपये दिया था। 19 जुलाई 2019 को हुई क्लब की वार्षिक आम बैठक के अनुसार इस क्लब का वर्तमान शेयर कैपिटल 75 करोड़ है, जिसमें 40 करोड़ 80 हजार पेड अप कैपिटल बताया गया है। पिछले एक साल में इस क्लब को 8.1 करोड़ का घाटा हुआ है। औसतन सभी क्लबों को 30 करोड़ का घाटा हुआ है। 

जमशेदपुर एफसी को टाटा समूह से आर्थिक सहयोग मिलता है। लेकिन जमशेदपुर एफसी जैसी किस्मत अन्य क्लबों का नहीं है। एटीके को सबसे ज्यादा 53.5 करोड़ का घाटा हुआ है। इंडियन प्रीमियर लीग की तुलना में फुटबॉल क्लब चलाना काफी मुश्किल है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आइपीएल में खेलने वाली मुंबई इंडियंस ने पिछले साल 202 करोड़ शुद्ध मुनाफा कमाया था। 

आइएसएल से भी क्लबों को मिलता राजस्व

आइएसएल को रिलायंस ग्रुप की स्वामित्व वाली फुटबॉल स्पोट्र्स डेवलपमेंट लिमिटेड (एफएसडीएल) संचालित करती है। पिछले पांच साल में एफएसडीएल का लाभ दोगुना हो गया है। हालांकि इस लाभ में सभी क्लबों की हिस्सेदारी भी है। पिछले साल जमशेदपुर एफसी को सेंट्रल रेवेन्यू पूल से 13 करोड़ रुपये मिला था। उसी तरह टेलीकास्ट कंपनी स्टार स्पोट्र्स ने विज्ञापन से 200 करोड़ रुपये की कमाई की। 

टीम -घाटा (2017-18)

एटीके-53.5 करोड़

दिल्ली डायनेमोज-33.6 करोड़

मुंबई सिटी एफसी-33 करोड़

एफसी पुणे सिटी-29 करोड़

चेन्नईयन एफसी-25.6 करोड़

एफसी गोवा-18.8 करोड़

जमशेदपुर एफसी-8.1 करोड़

नॉर्थ ईस्ट यूनाइटेड -7.7 करोड़


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