जमशेदपुर एफसी को मिस करेंगे मेमो
जमशेदपुर एफसी के स्टार मिडफील्डर मेमो माउरा बुधवार को इंडियन सुपर लीग का यह अंमित मैच होगा।
जासं, जमशेदपुर : जमशेदपुर एफसी के स्टार मिडफील्डर मेमो माउरा बुधवार को इंडियन सुपर लीग का अंतिम मैच खेलेंगे। जमशेदपुर एफसी की टीम पहले ही प्ले ऑफ के दौड़ से बाहर हो चुकी है।
मंगलवार को मैच की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए ब्राजीलियन मिडफील्डर मेमो ने बताया कि पिछले तीन सीजन से जमशेदपुर एफसी से जुड़ा हूं। मैंने ब्राजीलियाई कोच से प्रशिक्षण लिया था। पहली बार भारत आया तो स्टीव कॉपेल कोच थे। वह अंग्रेज थे और इंग्लिश स्टाइल सीखने को मिला। अगले दो सीजन में सीजर फेरांडो व इरियांडो जैसे स्पेनिश कोच से भी काफी कुछ सीखने को मिला। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में मेरा दिल बसता है और इस क्लब को हमेशा मिस करूंगा। उन्होंने बताया कि हिदी भाषा से भी मुझे काफी प्यार है। पिछले तीन सालों में मैंने यहां इंग्लिश के अलावा हिदी भी सीखी।
खराब प्रदर्शन दुस्वप्न से कम नहीं : कोच इरियांडो :
इंडियन सुपर लीग के इतिहास में जमशेदपुर एफसी का यह सबसे खराब प्रदर्शन है। कभी अर्श पर रहा इंडियन सुपर लीग का यह क्लब आज फर्श पर पड़ा कराह रहा है। ऐसे में टीम के स्पेनिश कोच एंटोनियो इरियांडो का आहत होना लाजिमी है। एफसी गोवा के खिलाफ मैच की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कोच इरियांडो का दर्द छलक पड़ा।
उन्होंने माना कि यह सीजन टीम के लिए किसी दुस्वप्न से कम नहीं है। उन्होंने इसके कई कारण बताए। उन्होंने बताया कि सीनियर खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण टीम की यह गत हुई। उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर यह सीजन हमारे लिए खराब रहा। हमारे साथ कुछ समस्याएं थी। उम्मीद है कि हम इस सीजन से सीखेंगे और अगले सीजन में बेहतर करेंगे। हर किसी को जिम्मेदारी लेनी होगी और क्लब के हित में काम करना होगा।
इंडियन सुपर लीग को दिखाया आइना, रेफरी को कोसा
इरियांडो ने इंडियन सुपर लीग को आइना दिखाते हुए कई खामियां बताई। उन्होंने कहा कि यह भारतीय लीग अभी शैशवाकाल में है। इसे 100 साल से अधिक पुरानी यूरोपियन या स्पेनिश लीग से तुलना करना बेमानी है, लेकिन इस लीग में सुधार की काफी गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि लीग को रोमांचक बनाने के लिए टीमों की संख्या बढ़ानी है। इससे मैचों की संख्या भी बढ़ेगी। अधिक से अधिक पेशेवर क्लब को जोड़ना चाहिए, ताकि रेलीगेशन पद्धति शुरू हो सके। अभी रेलीगेशन पद्धति नहीं होने के कारण प्रतिद्वंद्विता कम देखी जा रही है। उन्होंने आइएसएल के रेफरियों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि रेफरिग में सुधार की जरूरत है। हाल ही में दिल्ली में इंडियन सुपर लीग के कोचों की बैठक में भी मैंने रेफरिग पर चिंता व्यक्त की थी। अगर अच्छी रेफरिग नहीं करते हैं तो इसका सीधा असर टीम का मनोबल पर पड़ता है।