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प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक में बदलाव की जरूरत Jamshedpur News

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2020 में बजट पेश करने वाली हैं। इसमें शिक्षा जगत की व्यापक अपेक्षाएं है।

By Edited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 02:05 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 11:37 AM (IST)
प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक में बदलाव की जरूरत Jamshedpur News
प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक में बदलाव की जरूरत Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2020 में बजट पेश करने वाली हैं। इसमें शिक्षा जगत की व्यापक अपेक्षाएं है। शिक्षाविदों ने बताया कि बजट में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में व्यापक बदलाव की आवश्यकता है। सरकार को गैर सरकारी संगठनों के भरोसे रहना छोड़ना होगा। शिक्षकों पर भरोसा करना होगा। बजट में शिक्षाविदों की अपेक्षाएं बढ़ गई है।

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शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर संसाधन, आधारभूत ढाचे, डिजिटल शिक्षा सहित तकनीकी आधारित रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देना। विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा बाल सर्वे तथा अनियमित ड्रॉपआउट बच्चों को विशेष रिमेडियल क्लासेस की व्यवस्था करना। बजट पर शिक्षा का व्यय बढ़ाना। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को आसान एवं बिना परेशानी के सुलभ एजुकेशन लोन का बजटीय प्रावधान करना।

सुनील कुमार ठाकुर, प्रदेश सलाहकार, अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ।

नीति आयोग की सूची में झारखंड के लगभग 20 जिले आकाक्षी जिले की श्रेणी में आते हैं। इनमें प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक में बुनियादी बदलाव की जरूरत है। इस बार के केंद्रीय बजट से उम्मीद रहेगी झारखंड की ओर विशेष ध्यान रखा जाय। उच्च शिक्षा में नियुक्ति, प्रोन्नति, शिक्षण और शोध में गुणात्मक विकास के लिये बेहतर बजट आवंटन की अपेक्षा है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को पूरी तरह से लागू करने के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता होगी। इस दिशा में भी बजट का उम्मीदें हैं।

डॉ. अविनाश कुमार सिंह, शिक्षक, जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज।

शिक्षा के बजट में वृद्धि करनी चाहिए। साक्षर भारत के बाद शिक्षित भारत की तरफ दिशा बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान दिया दिया। जो कमजोर संस्थान है, उन्हें चिन्हित कर उनके आधारभूत संरचना, फैकल्टी आदि के विकास के लिए ज्यादा बजटीय प्रावधान की आवश्यकता है। 

डॉ. एके झा, प्रॉक्टर, कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा।

बजट शैक्षणिक सुविधाओं में सुधार होने के साथ-साथ अधिक नौकरियों के सृजन वाला हो, ताकि शिक्षा व रोजगार की खाई को कम किया जा सके। शिक्षा विभाग में नियुक्ति हो। प्राथमिक से लेकर हाई स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था तक फोकस हो।

अरुण कुमार सिंह, जिलाध्यक्ष, झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, पूर्वी सिंहभूम।


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