Jamshedpur ACB की कार्रवाई : ढाई हजार रिश्वत मांगने के कारण वन विभाग के इस अधिकारी ने गंवा दिया एक करोड़ रुपया
Jamshedpur Acb की कार्रवाई रेंजर विजय कुमार मूलरूप से आनंदपुर रेंज का रेंजर था। इसके अलावा उसे कोयना और सोंगड़ा रेंज का अतिरिक्त प्रभार मिला था। आनंदपुर व सोंगड़ा रेंज पोड़ाहाट वन प्रमंडल एवं कोयना रेंज सारंडा वन प्रमंडल में पड़ती है।
जमशेदपुर : झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के मनोहरपुर के आनंदपुर वन क्षेत्र अधिकारी विजय कुमार और कंप्यूटर आपरेटर मनीष पोद्दार को एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो), जमशेदपुर प्रमंडल की टीम ने 2500 रुपए घूस लेते गुरुवार को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। विजय कुमार के सरकारी आवास से एक करोड़ रुपये बरामद किए गए है छापेमारी में एसीबी की टीम में 12 सदस्य शामिल थे जिसका नेतृत्व एसबी के डीएसपी समीर तिर्की कर रहे थे। बरामद रुपये की गिनती के लिए बैक से मशीन मंगवाई गई थी।
बरामद पैसे
एसीबी के डीएसपी समीर तिर्की ने बताया मनोहरपुर ग्वाला पट्टी निवासी गणेश प्रमाणिक ने 11 अप्रैल को एसबी के प्रमंडलीय पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत दी थी कि अपने घर में रखे पुरना पलंग को जमशेदपुर ले जाने के लिए मनोहरपुर के कोयना प्रक्षेत्र पोड़ाहाट, आनंदपुर व सोंगरा चक्रधरपुर वन क्षेत्र के अधिकारी विजय कुमार को विगत 28 मार्च को आवेदन ( वन क्षेत्र से लकड़ी के सामान ले जाने का एनओसी) दिया था। इसकी अनुमति देने की एवज में 2500 रुपये रिश्वत की मांग की गई जो वह देना नहीं चाहता था।
इसकी शिकायत एसीबी, जमशेदपुर कार्यालय में 25 मई को दी गई। विजय कुमार और कंप्यूटर आपरेटर के विरुद्ध दर्ज की गई। शिकायत को सही पाया गया। आपरेटर संविदा पर वन क्षेत्र अधिकारी के कार्यालय में कार्यरत है। गुरुवार को एसीबी की टीम ने आरोपितों का रंगेहाथ घूस लेते गिरफ्तार किया। देर रात आरोपितों को एसीबी, जमशेदपुर के सोनारी कार्यालय पर लाया गया। विभाग की इस वर्ष की यह चौथी कार्रवाई है। इधर, आरोपित के आवास से एक करोड़ रुपये की बरामदगी को लेकर वन विभाग के अधिकारियों में चर्चा होती रही।
रेंजर का 80 हजार रुपए वेतन था
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की गिरफ्त में आये घूसखोर रेंजर विजय कुमार के सरकारी आवास से 99 लाख 2 हजार 540 रुपये बरामद होने की खबर से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। विभाग में यह चर्चा हो रही है कि आखिर इतनी बड़ी रकम विजय ने जुटाई कैसे। 2017 में फारेस्टर से रेंजर बने विजय का मासिक वेतन करीब 80 हजार रुपये है। नौकरी के अभी दो साल बचे थे। वन विभाग के अनुसार 2024 में उसका रिटायरमेंट है। एसीबी सूत्रों का कहना है कि विजय और उसके कार्यालय के कंप्यूटर आपरेटर मनीष पोद्दार के मोबाइल फोन के जरिये भी सुराग ढूंढे जा रहे हैं। शुक्रवार को एसीबी दोनों घूस के आरोपितों को जेल भेज देगी।
रेंजर विजय कुमार तत्काल प्रभाव से निलंबित, मनीष पोद्दार बर्खास्त
घूस की रकम के साथ रंगेहाथ गिरफ्तार आनंदपुर के रेंजर विजय की नौकरी जायेगी। इससे पहले उसे निलंबित करने की प्रक्रिया की जायेगी। पोड़ाहाट वन प्रमंडल के डीएफओ नीतिश कुमार ने कहा कि रेंजर के इस कृत्य ने पूरे वन विभाग को बदनाम कर दिया है। वर्तमान में वन विभाग कैशलेस काम कर रहा है। यानि किसी भी तरह के विभागीय शुल्क को नकद लेने पर रोक है। रेंजर के पास इतनी बड़ी रकम मिलने से पूरा विभाग अचरज में है। सरकारी प्रक्रिया के तहत गिरफ्तारी के साथ ही तत्काल प्रभाव से रेंजर विजय कुमार को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही दैनिक मानदेय पर कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर मनीष पोद्दार को हटा दिया गया है।
एसीबी की गाड़ी में 99 लाख रुपये थे कैश इसलिए पुलिस ने दी कड़ी सुरक्षा
99 लाख 2 हजार 594 रुपये नकद, आनंदपुर रेंजर विजय कुमार और कंप्यूटर आपरेटर मनीष पोद्दार को एसीबी की टीम कड़ी सुरक्षा के बीच रात में ही जमशेदपुर ले गयी। मनोहरपुर में सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद एसीबी की टीम दोनों आरोपितों और रकम को लेकर शाम करीब 5 बजे निकली। टीम मनोहरपुर से सैंडल गेट, हाथी चौक, बड़ाजामदा, नोवामुंडी, जगन्नाथपुर, टोंटो, झींकपानी, चाईबासा, खूंटपानी से सरायकेला होते हुए सभी को जमशेदपुर स्थित एसीबी कार्यालय ले जाया गया। इस बीच रास्ते में जितने भी थाने पड़े, संबंधित थानों की पुलिस ने पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर के निर्देश पर एसीबी की गाड़ी को सुरक्षा देते हुए स्काट किया। एसीबी की गाड़ी रात में करीब नौ बजे चाईबासा से जमशेदपुर के लिए निकली। बताया गया कि एसीबी जिस रास्ते से आरोपितों को ला रही थी, वो नक्सल प्रभावित हैं। बड़ी राशि गाड़ी में होने के कारण अतिरिक्त सुरक्षा टीम को दी गयी।
रेंजर विजय कुमार मूलरूप से आनंदपुर रेंज का रेंजर था। इसके अलावा उसे कोयना और सोंगड़ा रेंज का अतिरिक्त प्रभार मिला था। आनंदपुर व सोंगड़ा रेंज पोड़ाहाट वन प्रमंडल एवं कोयना रेंज सारंडा वन प्रमंडल में पड़ती है। एसीबी ने गुरुवार को उसे घूस की रकम के साथ रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। वन विभाग से उसे निलंबित किया जा रहा है। जहां तक 99 लाख से अधिक रुपये सरकारी आवास से बरामद होने की बात है तो इसमें विभाग कुछ नहीं कह सकता। यह एसीबी व पुलिस के अनुसंधान का विषय है।
-चंद्रमौली प्रसाद सिन्हा, डीएफओ सारंडा।