जागरण संस्कारशाला : वृक्ष के समान होते हैं हमारे बुजुर्ग Jamshedpur News
ब्लू बेल्स इंग्शिल स्कूल की प्राचार्या रश्मि भाटिया ने बच्चों में अच्छे संस्कारों की समझ बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग एक बड़े वृक्ष के समान होते हैं।
By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 05:36 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 05:36 PM (IST)
भारत एक प्राचीन देश है और यह अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता है, ये हमारी ही संस्कृति है कि हमारे दादा-दादी, नाना-नानी हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है। वह एक वृक्ष के समान है, जैसे एक वृक्ष हमें फल-फुल, साफ हवा आदि देती है, वैसे ही हमारे जीवन में घर के बड़े बुजुर्ग अच्छे संस्कार देकर हमें बेहतर इंसान बनाने की कोशिश करते हैं।
कहानियों के माध्यम से वे हमें जीवन के आदर्श, अच्छाई, अनुशासन, परोपकार, सहायता, एकता आदि बड़े-बड़े सबक सीखा जाता है। आज के बदलते परिवेश में हम कहीं न कहीं घर में बड़े बुजुर्गो को उतना अहमियत नहीं देते हैं, जो कि हमें देना चाहिए। हम आज अपने ही जीवन में व्यस्त रहते हैं। खुशनुमा शाम को उनके साथ टहलने जाने से बेहतर हम टीवी, मोबाइल, यूट्यूब और मोबाइल गेम्स में अपने आपको ज्यादा व्यस्त कर लेते हैं। इससे जहां हम एक तरफ उनको अकेलेपन का एहसास कराते हैं तो दूसरी तरफ हम गलत चीजों के आदि होते चले जा रहे हैं। अंजाने में हमारे बच्चे हमसे यह सीखते और वक्त आने पर वही व्यवहार दोहराते हैं, इसलिए हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को संस्कार से मजबूत बनाना है तो हमें अपने बड़ों को वो इज्जत और सम्मान देना पड़ेगा, जिसके वे हकदार है। इसलिए जिन्होंने हमारा बचपन संवारा हमें उनकी कद्र करना फर्ज है।
रश्मि भाटिया
प्राचार्या, ब्लू बेल्स इंग्लिश हाईस्कूल, तुरियाबेड़ा
बताई गई संस्कार की बातें
ब्लू बेल्स इंग्लिश हाईस्कूल तुरियाबेडा की प्रार्थना सभा में छात्रों को संस्कार की बातें बताई गई। दैनिक जागरण के संस्कारशाला कार्यक्रम की जानकारी दी गई। जागरण के इस कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रीति बोस, मौसमी दे, सुचेता कुंडू, सुमन कुमार ओझा, अमित पांडेय, कंचन कुमारी, प्रियंका गुप्ता का योगदान सराहनीय रहा।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें