IPL : आइपीएल मैच की सट्टेबाजी में तीन गिरफ्तार, यहां हर साल लगता 50 करोड़ का दांव
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर के परसुडीह थाने की पुलिस ने इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) मैच में सट्टेबाजी करते तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर के परसुडीह थाने की पुलिस ने इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) मैच में सट्टेबाजी करते तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। तीनों को थाने में रखा गया है।
परसुडीह थाना प्रभारी अनिमेष गुप्ता ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि परसुडीह बाजार में आइपीएल क्रिकेट मैच में जीत-हार को लेकर सट्टेबाजी का खेल हो रहा है। सूचना के बाद पुलिस की एक टीम ने उक्त स्थल को चारों ओर से घेर लिया। जिसमें तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। थाना प्रभारी ने बताया कि गिरफ्तारी के दौरान आरोपितों के पास से कुछ रुपये व कागजात बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि पकड़े गए लोगों की सूचना के आधार पर शहर में कुछ स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। इसलिए फिलहाल पकड़े गए आरोपितों के नाम सार्वजनिक नहीं किए जा रहे हैं।
खेल में व्यापारियों से लेकर अपराधी तक शामिल
सट्टेबाजी के इस खेल में शहर के व्यापारियों से लेकर अपराधी तत्व तक शामिल हैं। दिल्ली, मुंबई और दुबई में बैठे सट्टा बाजार के मास्टर लोकल दलालों के माध्यम इस कारोबार को चला रहे हैं। आइपीएल के मैच में सट्टा लगाने वाले कई दलाल ऐसे हैं, जिनकी पृष्ठभूमि आपराधिक है। आपराधिक रिकॉर्ड वाले ये बुकी पैसा फंसने पर लोगों से धमकाकर वसूली करते हैं।
क्रिकेट के कोड से होता पूरा खेल
सट्टे का बाजार कोड वर्ड का है। सट्टेबाज हर बात कोडवर्ड में करते हैं। इसमें दलाल को एडवांस देकर अकाउंट खुलवाना पड़ता है, जिसकी एक लिमिट होती है। सट्टे के भाव को डिब्बे की आवाज बोला जाता है। सट्टेबाज 20 ओवर को लंबी पारी, दस ओवर को सेशन और छह ओवर तक सट्टा लगाने को छोटी पारी खेलना कहते हैं। मैच की पहली गेंद से लेकर टीम के जीत तक भाव चढ़ते-उतरते हैं। मैच के रुख के हिसाब से रेट में उतार-चढ़ाव होता है। फोन से ये सट्टेबाज लगातार दांव लगाते रहते हैं।
सटोरियों के कई समूह सक्रिय
बताया जाता है शहर में आइपीएल के दौरान लगभग 50 करोड़ तक का सट्टा हर साल लगता है। शहर में सटोरियों के कई समूह सक्रिय हैं। जो हर साल आइपीएल मैचों में दांव खेलते हैं। पिछले साल भी आइपीएल के दौरान जमशेदपुर शहर के 18 सटोरियों का नाम पुलिस को पता चला था। इनके मोबाइल की कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस कार्रवाई की थी। इनमें तीन बड़े सटोरी थे, जिनका संपर्क दिल्ली में बैठे सट्टा संचालक डैडी से था।
कैसे लगता है रुपया
आइपीएल मैच के दौरान सट्टे के इस खेल में मैच शुरू होने से पहले दोनों टीम का रेट जारी किया जाता है, जो हर गेंद से लेकर टीम की जीत तक भाव चढ़ते-उतरते हैं। इसी दौरान मैच में सट्टा लगाने वाले अपनी मनपसंद टीम पर भाव के हिसाब पर रुपया लगाते हैं। अगर टीम जीत जाती है तो भाव के हिसाब से रुपया मिलता है और अगर टीम हार जाती है, तो एजेंट को रुपया देना होता है। यह खेल हर मैच के दौरान शहर में खेला जाता है।
एक झटके में कंगाल होने का रहता खतरा, कई बने कजर्दार
क्रिकेट प्रेमियों के अलावा सटोरियों का एक बड़ा वर्ग भी है जो मैच के टॉस से लेकर हर बॉल को गंभीरता से देखता है और हर गेंद पर दांव लगाता है। सट्टे के इस खेल में कई एक झटके में कंगाल हो गए। शहर में कई ऐसे युवा हैं जो इस सट्टेबाजी के कारण कंगाल हो गए। कर्जा में डूब गए। कदमा में ऐसे ही एक युवक का उदाहरण है, जिसने सट्टे के लिए 12 लाख का कर्ज लिया और पैसे डूब गए।