हिंदुत्व की तुलना आतंकवाद से करनेवाले सलमान खुर्शीद की पुस्तक पर प्रतिबंध लगाएं, हिंदू जनजागृति समिति ने उठाई मांग
हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को हिंदू धर्म के विषय में यदि वास्तव में प्रेम होता तो ‘भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण काल्पनिक है’ भगवा आतंकवाद से देश को संकट है ऐसे कथनों द्वारा हिंदू धर्म का अपमान न किया होता।
जमशेदपुर, जासं। भारत और भारतीयत्व, माता और मातृत्व जिस प्रकार इनमें भेद नहीं, वैसे ही हिंदू और हिंदुत्व में भेद नहीं किया जा सकता। इसलिए राहुल गांधी और सलमान खुर्शीद ने ‘हिंदुइज्म’ और हिंदुत्व में भेद होने के संदर्भ में कितने भी स्पष्टीकरण दिए, तो भी हिंदू उसमें फंसने वाले नहीं हैं।
हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को हिंदू धर्म के विषय में यदि वास्तव में प्रेम होता, तो ‘भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण काल्पनिक है’, भगवा आतंकवाद से देश को संकट है, ऐसे कथनों द्वारा कांग्रेस ने हिंदू धर्म का अपमान न किया होता। इसके साथ ही कश्मीर और पाकिस्तान-बांग्लादेश के हिंदुओं पर हुए अत्याचारों के विरोध में आवाज उठाई होती, परंतु यह कुछ भी न करते हुए अब चुनाव निकट आने पर हिंदू मतों के लालच में मंदिर-पर्यटन आरंभ किया है। ऐसे में भी इनके नेताओं द्वारा हिंदुओं की तुलना ‘बोको-हराम’ और ‘आइएसआइएस’ के आतंकवादियों से कर उन्हें अपमानित किया गया है। इस पर मरहम लगाने के लिए हिंदुत्व और ‘हिंदुइज्म’ में भेद होने की कपोल कल्पना बताई जा रही है। इसे हिंदू समाज भूलेगा नहीं, यह कांग्रेस के नेताओं ने ध्यान में रखना चाहिए। उन्हें यदि वास्तव में हिंदू धर्म से प्रेम है, तो सलमान खुर्शीद को उनकी पुस्तक वापस लेकर हिंदू समाज से माफी मांगने के लिए कहें। हम सरकार से भी मांग करते है कि यदि भारत में द-विंची कोड, सैटनिक वर्सेस आदि अन्य धर्मों से संबंधित पुस्तकों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है, तब सलमान खुर्शीद की ‘सनराइज ओवर अयोध्या : नेशनहुड इन आवर टाइम्स’ इस पुस्तक पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
इस्लाम और जिहादी आतंकवाद भिन्न है, ऐसा बोलने का साहस कांग्रेस दिखाए
हिंदू आतंकवाद के संदर्भ में बोलते हुए हिंदुत्व और ‘हिंदूइज्म’ में भेद बतानेवाले कांग्रेस के नेता पूरे विश्व को आतंकवादी गतिविधियों द्वारा त्रस्त करनेवाले जिहादियों के विषय में कभी भी कुछ भी नहीं कहते। इस्लाम और जिहादी आतंकवाद भिन्न है, ऐसा कहकर जिहादी आतंकवादियों के विरोध में वे कुछ क्यों नहीं कहते। उस समय ‘आतंकवाद का धर्म नहीं होता, कोई भी धर्म आतंकवाद नहीं सिखाता’, ऐसा बताकर मुस्लिम तुष्टिकरण का प्रयास किया जाता है। इसलिए मुसलमानप्रेमी कांग्रेस सर्वप्रथम सुस्पष्टता से जिहादी आतंकवाद के विषय में बोलें। कुछ दिनों पूर्व त्रिपुरा राज्य में मुसलमानों पर हुए कथित आक्रमणों के विषय में त्वरित प्रतिक्रिया देने वाले कांग्रेस के राहुल गांधी ने नवरात्र की कालावधि में बांग्लादेश के निरपराध हिंदुओं पर किए गए अमानवीय आक्रमणों के विषय में एक शब्द भी कहा है क्या। इसी से पता चलता है कि कांग्रेस का हिंदुओं से कुछ भी लेना-देना नहीं है।