आपने होटल-क्लब में पार्टी दी है, तो आयकर भेजेगा नोटिस
यदि आपने होटल, क्लब या समाज भवन में पार्टी दी है, तो आपको आय
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : यदि आपने होटल, क्लब या समाज भवन में पार्टी दी है, तो आपको आयकर विभाग नोटिस भेजेगा। अब तक अछूते रहे इस सेक्टर के खिलाफ विभाग इन दिनों अभियान चला रहा है, जिसमें शहर के होटल, क्लब व समाज भवनों के संचालक से ब्योरा देने को कहा गया है।
सर्किट हाउस एरिया स्थित आयकर कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आयकर उपायुक्त रंजीत मधुकर ने बताया कि अब तक विभागीय अधिकारी कई होटलों-क्लबों व समाज भवन का सर्वे कर चुके हैं। उनसे उनके यहां पिछले वित्तीय वर्ष 2017-18 में हुई पार्टियों-दावतों का ब्योरा देने को कहा गया है, जिसमें पार्टी-दावत करने वालों का नाम-पता मांगा गया है। उपायुक्त ने बताया कि आमतौर पर लोग आयकर रिटर्न में इन पार्टियों-दावतों पर हुए खर्च को नहीं दर्शाते हैं। होटल-क्लब व समाज भवन भी अपने रिटर्न में इसे नजरअंदाज कर देते हैं, तो कई संस्थाएं इस मद में सालाना आमदनी एक-दो लाख रुपये ही दिखाते हैं। सूची मिलने के बाद ऐसे सभी लोगों को प्रधान आयकर आयुक्त की ओर से नोटिस भेजा जाएगा, जिन्होंने अपने रिटर्न में इसका उल्लेख नहीं किया है। उनसे इस मद में हुए खर्च पर देय आयकर का भुगतान कराया जाएगा। विभाग का उद्देश्य इसके माध्यम से पार्टियों में सजावट और कैट¨रग सेवा देने वालों का ब्योरा संग्रह करना है, जो अमूमन विभाग से दूर रहते हैं।
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इन होटलों-क्लबों में हो चुका सर्वे : होटल सोनेट, होटल अलकोर, होटल रमाडा, होटल फार्च्यून, होटल केनेलाइट, होटल वेव इंटरनेशनल, होटल गोल्डेन आइरिश, बेल्डीह क्लब, यूनाइटेड क्लब, गुजराती सनातन समाज, खालसा क्लब, अग्रसेन भवन आदि।
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बैंकों से मांगा गया ब्योरा
आयकर विभाग ने तमाम बैंकों से उन लोगों का ब्योरा तलब किया है, जो 15-जी व 15-एच फार्म भरकर ब्याज पर कर कटौती से मुक्त हो जाते हैं। आयकर उपायुक्त रंजीत मधुकर ने बताया कि नियम के मुताबिक जिन्हें भी बैंक में जमा रकम पर सालाना 10,000 रुपये से अधिक का ब्याज मिलता है, उनका टीडीएस काटना अनिवार्य है। बैंक वैसे लोगों से भी 15-जी व एच फार्म लेकर कर कटौती नहीं करती, जिनकी वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से ज्यादा रहती है। बैंक से प्राप्त ब्योरा के आधार पर ऐसे लोगों से आयकर जमा कराया जाएगा।
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बिना खरीद-बिक्री भी जमीन मालिक को देना होगा आयकर
आम धारणा है कि संपत्ति की खरीद-बिक्री पर ही आयकर का भुगतान करना पड़ता है, लेकिन आयकर अधिनियम के मुताबिक वैसे लोगों को भी आयकर का भुगतान करना है जो बिल्डर से अपनी जमीन पर मकान बनाकर घर ले लेते हैं। आयकर उपायुक्त ने बताया कि जो भी जमीन मालिक बिल्डर के साथ 'ज्वाइंट डेवलपमेंट एग्रीमेंट' (जेडीए) करते हैं, उन्हें आयकर भुगतान करना होगा। यह नियम उनके साथ भी लागू होगा, जो भवन बनने के बाद उसमें घर या फ्लैट ले लेते हैं। दीर्घकालिक आय या निवेश पर 20 से 30 फीसद तक आयकर लगता है।
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इन बिल्डरों को दी गई नोटिस : सीएसएन डेवलपर्स, कृतंजन प्रमोटर एंड डेवलपर, गौरी गौतम कंस्ट्रक्शन, जय मातादी कंस्ट्रक्शन, विधि डेवलपर आदि।