टायो की जमीन सरकार की है, टाटा स्टील की नहीं
टायो की जमीन टाटा स्टील की नहीं बल्कि तत्कालीन बिहार सरकार की है। टायो की कुल जमीन करीब 350 एकड़ तो केबुल कंपनी का 175 एकड़ जमीन है।
जासं, जमशेदपुर : टायो की जमीन टाटा स्टील की नहीं बल्कि तत्कालीन बिहार सरकार की है। टायो की कुल जमीन करीब 350 एकड़ तो केबुल कंपनी का 175 एकड़ जमीन है।
यह जानकारी रविवार को केबुल मैदान में आयोजित इंकैब व टायो कर्मियों की बैठक में दी गई। बैठक को संबोधित करते हुए टायो संघर्ष समिति के संयोजक अजय कुमार शर्मा, एसके सिंह व अरविंद अंजुम बताया कि तत्कालीन बिहार सरकार से टायो कंपनी चलाने के लिए जगह मांगी गई थी। ग्राम विकास प्राधिकार अधिनियम के तहत यह जमीन टाटा स्टील को निर्गत किया गया था।
टायो में तय हुआ था कि जमीन के एवज में भूमि मालिक के आश्रित को नौकरी मिलेगी तो कंपनी क्षेत्र के निकटवर्ती इलाके में नागरिक सुविधा बहाल रहेगी। बैठक में शामिल इंकैब कर्मियों ने कहा कि अगर कंपनी के पास पैसे नहीं हैं तो वह जमीन के एवज में मिले पैसे से बकाया चुकाने का काम करे। कहा गया कि कंपनी की जमीन की कीमत आज के रेट से लगना चाहिए, जमीन का सही मूल्यांकन से ही कर्मचारियों को उनका हक मिलेगा। बैठक में यह भी बताया गया कि सोमवार को इंकैब अधिग्रहण मामले में कोलकाता एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) में सुनवाई होने वाली है, उसमें कंपनी के जमीन का मुद्दा उठाया जाएगा।
----
पांच गांव के रैयतों से हुआ था समझौता
टायो कंपनी चलाने के लिए पांच गांव के रैयतों से समझौता किया गया था। इन रैयतों की जमीन के एवज में उनके परिवार से एक को नौकरी व निकटवर्ती क्षेत्रों में सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराने की सहमति बनी थी।
बैठक में थे शामिल
केके महतो, भगवती सिंह, कल्याण साहू, इंद्रदेव दुबे, गुप्तेश्वर सिंह, जोगी चौधरी, शंभु पांडेय व भुवनेश्वर पांडेय, राजेश कुमार सिंह, रंजीत कुमार, शरम सुमन, प्रेम झा, भावेश कुमार, अमित कुमार, पप्पू कुमार, विपिन मिश्रा आदि उपस्थित थे। कंपनी अधिग्रहण से होगा सबका कल्याण
जब भी कंपनी अधिग्रहण की बात आगे बढ़ती है कुछ लोग उसे लटकाने में जुट जाते हैं। केबुल कर्मचारी यूनियन के नेता रामविनोद सिंह ने कहा कि सोमवार को एनसीएलटी में सुनवाई होने वाली है। इंकैब अधिग्रहण की ओर से अग्रसर है, कंपनी खुलने से ही सभी का कल्याण होगा। ऐसे में सबको मिल-जुलकर बंद कंपनी को चालू कराने में मदद करनी चाहिए।