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डिजिटल इंडिया को सहयोग कर रहे 17 वर्षीय सौरभ कुमार की किताब ' द गोल्डन एज 17' में जमशेदपुर के युवा लेखक अंशुमन भगत का नाम है शामिल

जमशेदपुर में अब लेखन के क्षेत्र में एक से बढ़ कर नए चेहरे शामिल होते जा रहे हैं जिसका श्रेय युवा लेखक अंशुमन भगत को जाता है। युवा उद्यमी सौरभ कुमार ने द गोल्डन एज 17 किताब लिख डाली जिसे पढ़ कर युवा स्टार्टअप कर सकते हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 03 Oct 2021 10:08 PM (IST)Updated: Mon, 04 Oct 2021 09:42 AM (IST)
डिजिटल इंडिया को सहयोग कर रहे 17 वर्षीय सौरभ कुमार की किताब ' द गोल्डन एज 17' में जमशेदपुर के युवा लेखक अंशुमन भगत का नाम है शामिल
सौरभ ने अपनी पढ़ाई चेन्नई के डॉन बॉस्को स्कूल से की है।

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। आज देश में कोरोना जैसी महामारी में लोग कठिनाई से अपना जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसी मुश्किल घड़ी में इस युवा ने लोगों के लिए डिजिटली सहयोग करने का निर्णय लिया है।  ये हैं सौरभ। इन्होंने अब तक सैकड़ों लोगों को अपने स्किल के माध्यम से जमशेदपुर के युवा लेखक अंशुमन भगत के साथ मिलकर मदद कर अपना योगदान दिया है। लेखक अंशुमन भगत के साथ सौरभ हर वर्ग के लोगों के लिए एक नए शोध में जुड़े हुए हैं ताकि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को डिजिटली मदद कर पाएं। इसके साथ सौरभ ने अभी- अभी एक नयी किताब लिखी है, जो कम उम्र में खुद के स्टार्टअप को शुरू करने से संबंधित किताब है। नाम है- "द गोल्डन एज 17"

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जमशेदपुर में अब लेखन के क्षेत्र में एक से बढ़ कर नए चेहरे शामिल होते जा रहे हैं जिसका श्रेय युवा लेखक अंशुमन भगत को जाता है। प्रेरित होकर युवा उद्यमी सौरभ कुमार ने "द गोल्डन एज 17" किताब लिख डाली, जिसे पढ़ कर कम उम्र के युवा खुद के स्टार्टअप को शुरू कर सकते हैं। सौरभ ने खुद के अनुभव को एक किताब का रूप दिया ताकि उनकी उम्र के युवा को इस किताब से मदद मिल सके। इस किताब के माध्यम से युवा अपने स्किल्स को डवलप करने के साथ अपने आय की शुरुआत कम उम्र से ही करना शुरु कर सकते हैं, जो इस किताब "द गोल्डन एज 17" में युवा सौरभ कुमार ने विस्तार से कुछ महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर लिखा है। जैसे स्किल्स टू डेवलप, हाउ टू अर्न टू योर स्किल्स, हाउ टू जेनरेट योर फर्स्ट इनकॉम, हाउ टू स्टार्ट योर फर्स्ट स्टार्टअप इति आदि। इसके अलावा ऑनलाइन पोर्टल फॉर्म के द्वारा अपने स्टार्टअप से पैसे कमाने के कई तरीके इस किताब में हैं। सौरभ कुमार इस उम्र में अपने काम के जरिए डिजिटल इंडिया को भी सहयोग कर रहे हैं। इन्होंने अब तक सैकड़ों लोगों को अपने स्किल के माध्यम से मदद कर दिया है।

युवा को मिल रहा सहयोग

17 वर्षीय इस युवा ने अपने अनुभव को किताब का रूप देकर अन्य युवाओं के लिए एक अच्छा विकल्प दे दिया है जिससे उनको अपने क्षेत्र में आगे बढ़ने में इस किताब "द गोल्डन एज 17" से काफी ज्यादा सहयोग मिलेगा। अंशुमन के द्वारा लिखें गए विचारों से अब तक कई युवा प्रेरित हो चुके है। जिसमें युवाओं को पुस्तक लिखने से लेकर पुस्तक के प्रकाशन में भी अंशुमन का पूरा सहयोग रहा है। शिक्षा और लेखन में जिस प्रकार युवाओं का रुझान बढ़ता दिख रहा है। इससे युवाओं का प्रयास आने वाले दिनों में भारत को एक नया रूप दे सकता है। पुस्तक "द गोल्डन एज 17" का प्रकाशन छत्तीसगढ़ के ऑथर्स ट्री पब्लिकेशन द्वारा किया गया है।

डाॅन बास्को से की पढाइ

सौरभ ने अपनी पढ़ाई चेन्नई के डॉन बॉस्को स्कूल से की है। उनके पिता सुभाष कुमार जो एलएंडटी में मैच इंजीनियर के पोस्ट पर है तथा माता सुधा देवी गृहणी है इसके अलावा उनके तीन भाई है और सौरभ पहले नंबर पर आते हैं।


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