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50 रुपयेे घूस लेने का मामला, शिक्षा विभाग ने 32 में से सिर्फ 6 शिक्षकों से पूूछताछ कर निदेशक को भेजी रिपोर्ट Jamshedpur News

जांच प्रक्रिया में विलंब से शिक्षा विभाग की किरकिरी होने के बाद विभाग ने आनन-फानन में जन्माष्टमी की छुट्टी के दिन अपनी जांच पूरी कर दी।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 09:18 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 09:18 PM (IST)
50 रुपयेे घूस लेने का मामला, शिक्षा विभाग ने 32 में से सिर्फ 6 शिक्षकों से पूूछताछ कर निदेशक को भेजी रिपोर्ट Jamshedpur News
50 रुपयेे घूस लेने का मामला, शिक्षा विभाग ने 32 में से सिर्फ 6 शिक्षकों से पूूछताछ कर निदेशक को भेजी रिपोर्ट Jamshedpur News

जमशेदपुर ( जासं) । धालभूमगढ़ बीईईओ रामनेरश राम द्वारा शिक्षकों से वेतन निकासी के मद में 50-50 रुपये घूस मांगे जाने के मामले में जांच प्रक्रिया में विलंब से शिक्षा विभाग की किरकिरी होने के बाद विभाग ने आनन-फानन में जन्माष्टमी की छुट्टी के दिन अपनी जांच पूरी कर दी। इसके लिए जिला शिक्षा अधीक्षक की ओर से मुसाबनी व घाटशिला के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीईईओ) को जांच पदाधिकारी बनाया गया। इन दोनों पदाधिकारियों ने जनमाष्टमी की छुट्टी के बावजूद मात्र छह शिक्षकों को पूूछताछ के लिए धालभूमगढ़ बुलाया।

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इन छह शिक्षकों ने घूस लेने की बात से इंकार कर दिया तथा आरोपी बीईईओ ने भी कहा कि ऑडियो में आवाज उनकी नहीं है। शिक्षा विभाग की इस जांच प्रक्रिया पर ही सवाल उठने लगे हैं। आरोपी बीईईओ के खिलाफ 32 शिक्षकों ने शिकायत की थी, इसमें से मात्र 6 शिक्षकों को बुलाकर मामले की इतिश्री कर दी गई। अब इससे रिपोर्ट जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय से प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को गुरुवार को भेज दिया गया। इधर पूर्वी ङ्क्षसहभूम के डीसी द्वारा कराए गए जांच की रिपोर्ट भी शिक्षा मंत्री व शिक्षा सचिव को भेज दी गई। इस रिपोर्ट में क्या है यह अभी मालूम नहीं चला है। 

उठ रहे हैं ये सवाल

1.  जन्माष्टमी की छुट्टी के दिन, जब सभी विद्यालय बंद है, तब प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी मुसाबनी एवं घाटशिला द्वारा धालभूमगढ़ प्रकरण की जांच करना कितना उचित है?

2. जांच के क्रम में कुछ शिक्षकों ने उपस्थित होकर अपना बयान कैसे दिया जब कि विद्यालय बंद है। जाहिर है कुछ खास शिक्षकों को ही सूचना देकर बुलाया गया एवं उनका बयान प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, धालभूमगढ़ के पक्ष में लेकर आनन- फानन में जांच का कोरम पूरा किया गया। 

3. एक प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के विरुद्ध लगे आरोप की जांच कोई दूसरा प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी अर्थात समतुल्य पदाधिकारी कैसे कर सकता है ?

4. इस पूरे मामले का आधार प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, धालभूमगढ़ से हुई बातचीत का ऑडियो रिकॉर्डिंग है? इसकी फौरेंसिक या अन्य तकनीकी जांच तीन माह भी अब तक क्यों नहीं कराई गई ?

5.  सरकार का भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति है। इसके बावजूद घूस/ भ्रष्टाचार से संबंधित इतने गंभीर मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों को सारे तीन माह पूर्व करने के बावजूद इतने लंबे समय तक कार्रवाई लंबित क्यों रही ? 


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