अनसुलझी गुत्थी : मरने वाले गुमनाम, शव पूछ रहे अपनी पहचान Jamshedpur News
Jamshedpur Crime. जमशेदपुर और आसपास क्षेत्रों में नदी-नाली झाड़ियों और सुनसान इलाके में आए दिन एक के बाद एक शव मिल रहे हैं।
जमशेदपुर, अन्वेश अंबष्ठ। लौहनगरी और आसपास के क्षेत्रों में एक बार फिर पुलिस की लाचारी व व्यवस्था की पोल खुलती दिखाई दे रही है। यहां पुलिस की सक्रियता, पेट्रोलिंग व उसके सूचना तंत्र (मुखबिर) की कमी साफ झलक रही है। जमशेदपुर और आसपास क्षेत्रों में नदी-नाली, झाड़ियों और सुनसान इलाके में आए दिन एक के बाद एक शव मिल रहे हैं। पुलिस का बस इतना ही काम रह गया कि शव मिलते गए पुलिस पोस्टमार्टम कराती रही। 15 दिनों में 12 अज्ञात शव मिलने से लोगों में दहशत है।
पुलिस इस बात को लेकर हैरान है कि लॉकडाउन में ढील के बाद से अचानक शवों का मिलना जारी है। जिसमें दो की ही पहचान हो सकी। बाकी पहेली बनकर रह गए हैं। इनमें एक महिला का शव भी शामिल है। अन्य शवों की गुत्थी आज भी पुलिस के लिए पहेली बनी हुई है। मरने वाले गुमनाम हो गए। किसी की खोज खबर नहीं मिली।
गुरुवार को सिदगोड़ा थाना की पुलिस ने बारीडीह स्वर्णरेखा नदी से अज्ञात युवक का शव बरामद किया। इससे पहले मंगलवार को बारीडीह भूषण कॉलोनी की नाले से एक शव मिला था। कार्रवाई पुलिस की डायरी, फाइल में मृतक की तस्वीर और पोस्टमार्टम के रजिस्ट्रर में केवल अज्ञात एंट्री तक सीमित रह जाती है। फिलहाल शवों को लेकर चर्चा जारी हैं कि शव कहीं से लाकर फेंके जा रहे हैं या कुछ और है। पुलिस का रटाया जवाब शव की पहचान हो तब तो कुछ बात बने।
72 घंटे शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखने का नियम
नियमानुसार 72 घंटे शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखते हैं जब तक इनकी शिनाख्त होती है तब तक शव अपनी पहचान छोड़ चुका होता है। मतलब 72 घंटे बाद शवों का अंतिम संस्कार कराना होता है। इससे पहले शवों की फोटाग्राफी करानी पड़ती है। शरीर में मिले वस्त्र या कुछ अन्य सामान उसे सुरक्षित रखना होता है।
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