ऑफलाइन के चक्कर में बढ़ गया विश्वविद्यालय का टेंशन
विश्वविद्यालय में अपनी पकड़ मजबूत कर चुके एक छात्र संगठन के इशारे पर केयू कई तरह के उटपटांग निर्णय ले रहा है।
By Edited By: Published: Thu, 15 Feb 2018 02:43 AM (IST)Updated: Fri, 16 Feb 2018 12:03 PM (IST)
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय में फार्म फिलप का कार्य एक बार फिर से ऑफलाइन कर दिए जाने से विश्वविद्यालय का टेंशन पूरी तरह बढ़ गया है। छात्र नेताओं की मर्जी के अनुसार विश्वविद्यालय लगातार सीबीसीएस से आयोजित होने वाली परीक्षा की तिथियों में परिवर्तन कर रहा है। परीक्षा फार्म भरने से लेकर रजिस्ट्रेशन की तिथियां चार-पांच बार बढ़ा दी गई। छात्र नेताओं की हर जायज और नाजायज माग पर विश्वविद्यालय लगातार दबाव में फैसले ले रह है। विश्वविद्यालय की ओर से परीक्षा फार्म भरने से वंचित रह गये छात्रों के डाटा जाच के बगैर ही एक बार फिर परीक्षा फार्म भरने की तिथि बढ़ाई गई। मतलब यह कि पिछली बार भरे गए फार्मो की जांच भी नहीं की गई। विश्वविद्यालय में अपनी पकड़ मजबूत कर चुके एक छात्र संगठन के इशारे पर केयू कई तरह के उटपटांग निर्णय ले रहा है। कोल्हान विवि में यूजी व पीजी का सत्र पहले ही तीन माह विलंब से चल रहा है। ऐसे में विवि की ओर से लगातार आवेदन पत्र भरने की तिथि में की जा रही बढ़ोतरी ससमय परीक्षा फार्म भरने वाले छात्रों के भविष्य पर संकट खड़ा करने वाली है। अब ये छात्र दूसरे विश्वविद्यालय में दूसरे सेमेस्टर में प्रवेश नहंी ले सकते। लगभग सभी विश्वविद्यालयों में यूजी पार्ट के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा हो चुकी है। मालूम हो कि पहले विश्वविद्यालय द्वारा रजिस्ट्रेशन से लेकर परीक्षा फार्म भरने का कार्य पूरी तरह ऑनलाइन था। इस कारण खास छात्र संगठन के नेताओं को यह रास नहीं आया। चूंकि फार्म भरने संबंधी कार्य ऑनलाइन होने से इस छात्र संगठन के पास और अन्य छात्र संगठनों के पास छात्रों का आना ही बंद हो गया था। इस कारण उनकी जेब नहीं भर पा रही थी, अब फिर से यह कार्य ऑफलाइन हो जाने से छात्र नेता कॉलेज के कर्मचारियों से सांठ-गांठ कर अपनी जेबें गर्म कर रहे हैं। इन छात्र नेताओं के चक्कर में तो परीक्षा विभाग पूरी तरह त्रस्त हो चुका है। ----------------- -अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि कितने छात्रों ने परीक्षा फार्म भरा है और कितने इससे वंचित रह गए हैं। कॉलेज की ओर से भी यह आंकड़ा अब तक नहीं दिया गया है। परीक्षा फार्म की तिथि लगातार बढ़ाये जाने के कारण 32000 छात्रों के भविष्य पर इसका प्रतिकूल असर पड़ने वाला है। -डॉ. पीके पाणि, परीक्षा नियंत्रक, कोल्हान विश्वविद्यालय।
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