यहा वोकल फार लोकल से प्रमोट हो रहे उत्पाद, जाने दीपावली के कौन-कौन से मिल रहे उत्पाद
सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से बिष्टुपुर स्थित चैंबर भवन में तीन दिनी दीप महोत्सव शुरू।
जासं, जमशेदपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों को वोकल फार लोकल का संदेश दिया था, ताकि स्थानीय स्तर पर बन रहे हर उत्पादों को प्रमोट कर उसकी बिक्री बढ़ाई जा सके। इसी उद्देश्य से सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने बिष्टुपुर स्थित चैंबर भवन में बुधवार से तीन दिनी दीप महोत्सव का शुभारंभ किया है। इसका उद्घाटन चैंबर अध्यक्ष अशोक भालोटिया व कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया ने संयुक्त रूप से दीप जला कर किया।
इस प्रदर्शनी को विशेषकर दीपावली को ध्यान में रखकर आयोजित किया गया है। यहा मिट्टी के दीये, कलश, हैंडमेड हैंगिंग दीये, दीपावली घर, पापड़ सहित कई तरह के उत्पाद रखे गए हैं। इस मौके पर चैंबर उपाध्यक्ष मानव केडिया, नितेश धूत सहित कई कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे।
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जाने कौन-कौन से बिक रखे हैं उत्पाद
मिट्टी समूह : परसुडीह क्षेत्र की महिलाओं ने मिट्टी समूह के नाम से प्रदर्शनी लगाई है। यहा मिट्टी से बने नौ व चार दीयों वाले हैंगिंग दीया हाथ से तैयार किए गए हैं। इसकी कीमत 350 रुपये है। इसके अलावा 400 रुपये कीमत वाली इंडोर पार्ट, वन स्टॉप पेंटिंग द्वारा सुंदर नक्काशी वाले कुल्लहड़, गमले, पिलर वॉश भी हैं। संस्था की सदस्य नलिनी सिन्हा व निक्की शर्मा ने बताया कि उनके सभी उत्पादों को खासकर दीपावली को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इनमें ऐसे रंगों का इस्तेमाल किया गया है जो कभी खराब नहीं होंगे। इस्तेमाल के बाद भी ये चमकते रहेंगे। इस संस्था में प्रतिमा मुंडा, अर्पिता सिन्हा, बबीता सिंह व सुष्मा देवी सहित अन्य शामिल हैं। नलिनी खुश हैं कि चैंबर ने इस तरह की पहल कर उन्हें मंच दिया है। इसकी मदद से अपनी कला को बाजार तक पहुंचा रही हैं।
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मिट्टी के मिलेंगे हर सामान
बागबेड़ा निवासी विनोद कुमार प्रजापति ने दीप मेला में मिट्टी के बने सभी उत्पाद रखे हैं। यहा छोटे दीये एक रुपये पीस, बड़ा दीया 10 रुपये, ढ़क्कन के साथ कलश 35 रुपये, मिट्टी के खिलौनों के रूप में बाल्टी, कड़ाही, डेकची, चूल्हा, जाता भी 10 रुपये प्रति पीस उपलब्ध है। दीपावली में उपयोग में लाई जाने वाली ग्वालिन दीया, चौमुखी हाथी दीया 80 रुपये प्रति पीस पर उपलब्ध है। दीपावली में पूजा के लिए लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा भी यहां 85 रुपये से 550 रुपये में उपलब्ध है।
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मैकेनिकल की छात्रा ने बनाया दीपावली घर
दीप मेला में मानगो की रहने वाली शोभा अग्रवाल ने भी अपना स्टॉल लगाया है। शोभा गम्हरिया पालिटेक्निक कालेज में मैकेनिकल संकाय में पहले वर्ष की छात्रा हैं। दीप मेला में दूसरी बार शामिल हुई हैं। शोभा ने थर्मोकोल से दीपावली घर बनाया है। कीमत 350 रुपये है। शोभा दीपावली में घर सजाने के लिए कैनवास पेटिंग भी बेच रही हैं। इसमें राधे-गोविंद, भगवान गणेश, भगवान बुद्ध व प्रकृति की सुंदरता को दर्शाते कई पेंटिंग हैं। इनकी कीमत 200 रुपये से 500 रुपये तक है। इसके अलावा शोभा ने हाथों से सुंदर-सुंदर छोटे और बड़े दीयों को सजाया है। यहां 12 डिजाइन वाले दीयों की कीमत 10 रुपये है।
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मारवाड़ी महिला गृह उद्योग ने लगाया है पापड़ का स्टॉल
काशीडीह की रहने वाली सरला देवी और उनके पति शिव शकर मोदी ने प्रदर्शनी में 12 तरह के पापड़ का स्टॉल लगाया है। सभी होम मेड पापड़ हैं। पंजाबी मसाले वाला मूंग दाल पापड़, खार मसाला वाले मूंग पापड़, लाल मिर्च, आजवाइन, सौंफ फ्लेवर वाले चने के पापड़, चावल पापड़ जिन्हें मारवाड़ी खजला व गुजराती खिचिया कहते हैं, बिक्री के लिए रखे हैं। शुरुआती कीमत 280 रुपये से 300 रुपये प्रति किलो है। इसके अलावा इनके पास हाथ से बनी कपड़े की फूलों वाली रंगोली भी है, जिसके बीच दीया रखकर डाइनिंग टेबल को सजा सकते हैं। कीमत 200 रुपये से 500 रुपये तक है। इनके पास हाथी कैंडल सेट भी है जिसे इन्होंने राजस्थान से मंगाया है। हाथी पर मोमबत्ती को सजाया जा सकता है। इस उत्पाद की कीमत 60 रुपये है।
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संस्कृति क्रिएशन के पास है भगवान के श्रृंगार का हर सामान
संस्कृति क्रिएशन की सुषमा अग्रवाल इस प्रदर्शनी में पहली बार शामिल हुई हैं। इनके पास कन्हैया जी, लक्ष्मी-गणेश, कान्हा जी, साईं बाबा की पोशाक और श्रृंगार के सभी सामान हैं। इनके पास दीपावली के लिए रूई बत्ती से लेकर भगवान की चुनरी, आसन, लकड़ी का चोपड़ा (सिंदूरदानी), लकड़ी का शुभ-लाभ, भगवान की मोतियों वाली माला, मुकुट, मौली, रोली, रक्षा-सूत्र भी है। इसके अलावा दीपावली के लिए सजाई गई पूजा की थाली, 150 रुपये में हैंगिंग, 550 रुपये में तोरण, महिलाओं के लिए लाख की चूड़ियां भी उपलब्ध है।