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Basu Chatterjee : यहां ताजा हैं फिल्म निर्देशक बासु चटर्जी की यादें Jamshedpur News

Basu Chatterjee. बासु चटर्जी 1992 में जमशेदपुर आए थे। उन्होंने सेल्यूलायड चैप्टर द्वारा आयोजित जमशेदपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भाग लिया था।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 07:51 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 07:51 AM (IST)
Basu Chatterjee : यहां ताजा हैं फिल्म निर्देशक बासु चटर्जी की यादें Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। Basu Chatterjee फिल्म निर्देशक बासु चटर्जी के निधन की खबर से लौहनगरी भी गमगीन है, क्योंकि यहां उनसे जुड़ी कई यादें अब भी ताजा हैं। बासु चटर्जी 1992 में जमशेदपुर आए थे। उन्होंने सेल्यूलायड चैप्टर द्वारा आयोजित जमशेदपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भाग लिया था।

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चैप्टर के महासचिव अमिताभ घोष ने बताया कि वह बहुत बड़ा फेस्टिवल था। रवींद्र भवन, माइकल जॉन आडिटोरियम समेत कई जगह फिल्में दिखाई जा रही थीं। इसमें फिल्म निर्देशक जीपी सिप्पी, प्रकाश झा, बालू महेंद्र, दक्षिण भारत से अर्चना के अलावा बासु चटर्जी भी आए थे। साकची स्थित रवींद्र भवन में उनकी फिल्म छोटी सी बात और एक रुका हुआ फैसला दिखाई गई थी। इस दौरान शहर के जाने-माने अधिवक्ता स्व. उदित सरकार, टाटा स्टील के पूर्व अधिकारी संजय चौधरी व उनकी (अमिताभ घोष) पत्नी श्रावणी घोष ने भी बासु चटर्जी से ढेरों बातें की थीं।
एक रुका हुआ फैसला
घोष बताते हैं कि एक रुका हुआ फैसला टॉकीज में तो नहीं चली, लेकिन टेलीविजन पर कई बार दिखाई गई। आज भी यह फिल्म प्रयोगात्मक सिनेमा की मिसाल के रूप में याद की जाती है। बासु दा चितचोर, रजनीगंधा, बातों-बातों में, खट्ठा-मीठा, शौकीन जैसी लाजवाब फिल्मों के माध्यम से युगों-युगों तक याद किए जाएंगे। 

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