Weather Update : जमकर गरजा बादल, झमाझम हुई बारिश, जानिए कबतक बिगड़ा रहेगा मौसम का मिजाज Jamshedpur News
Weather Update . अचानक मौसम ने करवट ली। जमकर बादल गरजे और झमाझम बारिश हुई। आइए जानिए कबतक बिगड़ा रहेगा मौसम का मिजाज
जमशेदपुर, जेएनएन। Weather Update अचानक मौसम ने करवट ली। जमकर बादल गरजे और झमाझम बारिश हुई। हालांकि, लॉकडाउन की वजह से बहुत कम लोग ही सड़कों पर निकलते हैं, लेकिन जा भी निकले थे बुधवार दोपहर एकबारगी तेज हवा, बादलों का गर्जन और झमाझम बारिश की वजह से जहां-तहां दुबकने को विवश हो गए। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि मौसम का मिजाज अभी अगने कुछ दिनों तक यानी तीन मई तक इसी तरह बिगड़ा रहेगा। करीब-करीब राेज बारिश हो सकती है।
हाल के दिनों में मौसम सामान्य नहीं रह रहा है। झारखंड के कोल्हान के जमशेदपुर शहर का तापमान सामान्य से कम दर्ज किया जा रहा है। मौसम के बिगड़े मिजाज के बीच अप्रैल माह में तीन दिन ही तापमान 40 का अंक छू सका है। अप्रैल माह खत्म होने को है और इस माह दो ही दिन तापमान 40 का अंक पार किया है।
अबतक नहीं दिखा गर्मी का प्रचंड रूप
17 अप्रैल को शहर का तापमान इस सीजन के सर्वाधिक अंक 41.2 पर पहुंचा था। इसके पहले शहर का अधिकतम तापमान 13 को 40.0 और 14 अप्रैल को 40.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। ऐसे में लौहनगरी अप्रैल माह के गर्मी का प्रचंड रूप नहीं दिखा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार तीन मई तक शहर और आसपास के क्षेत्रों में मौसम का मिजाज बदला रहेगा। इस दौरान बारिश होगी और तेज हवा चलने के साथ बिजली भी चमकेगी। मंगलवार को आंशिक बादलों के साथ मौसम सामान्य रहा था। शाम को आसमान में बादल उमड़े, लेकिन बारिश नहीं हुई थी। मौसम विभाग ने शहर का अधिकतम तापमान सामान्य से 8.0 डिग्री कम 33.0 और न्यूनतम तापमान सामान्य से 5.0 डिग्री सेल्सियस कम 21.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था।
ओलावृष्टि व आंधी-पानी से नुकसान का लिया जायजा
इसबीच कोल्हान प्रमंडल के मनोहरपुर प्रखंड के छोटानागरा पंचायत के धुबिल व रडवा गांव में पिछले दिनों ओलावृष्टि व आंधी-बारिश से नुकसान का आंकलन प्रशासनिक अधिकारियों ने किया। प्रशासनिक अधिकारी ग्राम मुंडा रामलाल चाम्पिया व अन्य ग्रामीणों से मिले। ग्रामीणों ने बताया कि ओलावृष्टि से हुए नुकसान की वजह से उनके मिट्टी के घरों की दीवारें दरक गई हैं। घरों की मिट्टी के फर्श गीले हैं। लिहाजा लोगों के दिन का वक्त घर पर बीतता है और रात स्कूल के कमरों और बरामदों में बीतती है। लोग सोने के लिए स्कूल आ जाते हैं। यहां 222 परिवार हैं।