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World Hepatitis Day 2019 : हेपेटाइटिस के खौफ से कांपते यहां के लोग Jamshedpur News

जमशेदपुर में पिछले वर्ष हेपेटाइटिस कहर बनकर टूटा था। यहां हालात को काबू में करने के लिए दिल्ली से टीम बुलानी पड़ी थी। यह इलाका था धतकीडीह का।

By Edited By: Published: Sun, 28 Jul 2019 08:36 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 01:20 PM (IST)
World Hepatitis Day 2019 : हेपेटाइटिस के खौफ से कांपते यहां के लोग Jamshedpur News
World Hepatitis Day 2019 : हेपेटाइटिस के खौफ से कांपते यहां के लोग Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं।  हेपेटाइटिस के खौफ से जमशेदपुर के धतकीडीह क्षेत्र के लोग कांपते हैं। यहां बीते साल हेपेटाइटिस कहर बनकर टूटा था, जिसमें पांच लोगों की जान चली गई थी। वहीं 1200 से अधिक लोग चपेट में आ गए थे। स्थिति यह हो गई थी कि हर घर में एक से दो लोग हेपेटाइटिस ए व ई रोग से ग्रस्त थे। इस महामारी की रोकथाम के लिए दिल्ली से तीन सदस्यीय टीम बुलानी पड़ी थी, जो लगातार एक सप्ताह तक धतकीडीह क्षेत्र में कैंप किया था।

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दैनिक जागरण की टीम उस क्षेत्र का जायजा लिया। इस दौरान पता चला कि इस क्षेत्र के लोग हेपेटाइटिस के नाम लेने से डरते हैं। हालांकि, बीमारी को लेकर लोगों में जागरूकता का अभाव नजर आया। समाजसेवी मो. अजीज कहते है कि आठ से दस फीसद लोगों में जागरूकता आई है पर बड़ी आबादी जबतक इस बीमारी को लेकर गंभीर नहीं होगी तबतक इसे रोक पाना मुश्किल होगा। फिलहाल मरीजों की संख्या कम है। धतकीडीह व कदमा क्षेत्र में करीब नौ निजी पैथोलॉजी सेंटर संचालित हैं। इन सेंटरों का आंकड़ा देखा जाए तो 50 मरीजों की जांच में दो से तीन हेपेटाइटिस ए व ई के मरीज मिल रहे हैं। जो बीते साल से काफी कम है। बीते साल रोजाना 300 से अधिक रोग हेपेटाइटिस की जांच कराने पहुंच रहे थे।

नीचे नाली, ऊपर ठेला पर बनता खाना

नीचे नाली, ऊपर ठेला और उसी पर बनता खाना जो खाने को लोग मजबूर होते है। इसी वजह से हेपेटाइटिस ए व ई फैलता है। हेपेटाइटिस ई जलजनित रोग है और इसके व्यापक प्रकोप का कारण दूषित पानी या भोजन की आपूर्ति है। प्रदूषित पानी इस महामारी को बढ़ा देता है। शहर के अधिकांश जगहों पर प्रदूषित पानी व भोजन परोसा जा रहा है, जो लोगों की सेहत बिगाड़ सकती है। वहीं संक्रमित भोजन, संक्रमित पानी एवं संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट संपर्क से हेपेटाइटिस ए होने की संभावना होती है। हेपेटाइटिस ए से बचने का सबसे अच्छा तरीका है, साफ सफाई का ध्यान रखना और नियमित रूप से हाथ धोना।

इस बार का थीम

लोगों को जागरूक करना इस साल हेपेटाइटिस डे का थीम लोगों को जागरूक करना है। दुनिया में लगभग 325 मिलीयन लोग हेपेटाइटिस से पीड़ित हैं। जिसमें 290 मिलियन लोगों को यह पता भी नहीं है कि उनको यह बीमारी है। लगभग प्रतिदिन 4000 लोगों की मौत हेपेटाइटिस की वजह से होती है। हेपेटाइटिस मुख्यत: पांच प्रकार के होते हैं। इसमें हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी व ई शामिल हैं।

एमजीएम व सदर अस्पताल में खुलेगा ट्रीटमेंट सेंटर

झारखंड में हेपेटाइटिस को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार ने पहल तेज कर दी है। हेपेटाइटिस 'सी' को वर्ष 2030 तक देश से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. नीतिन मदन कुलकर्णी ने रोग की रोकथाम व इलाज के लिए अलग से सेंटर खोलने का निर्देश जारी किए हैं। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल व खासमहल स्थित सदर अस्पताल में तीन लाख रुपये की लागत से ट्रीटमेंट सेंटर खोला जाएगा। इसमें पांचों तरह के हेपेटाइटिस की जांच व इलाज की सुविधा होगी।

ये हैं रोग के लक्षण

हेपेटाइटिस ए और ई के लक्षण में पीलिया रोग, वायरल बुखार, डायरिया, पेट में दर्द आदि जबकि हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी के कोई प्रमुख लक्षण नहीं दिखाई देता है। हेपेटाइटिस रोग की पहचान मुख्यत: रक्त जांच द्वारा होती है। संक्रमित गर्भवती महिलाओं के बच्चे को हेपेटाइटिस बी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।

- डॉ. विवेक मोहन शर्मा, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट, ब्रह्मानंद अस्पताल।

इस साल आंकड़ा कम

पिछले साल की अपेक्षा इस साल हेपेटाइटिस काफी कम है। हालांकि, आगे बारिश होने की वजह से ये बीमारियां बढ़ने की संभावना है। इससे बचने के लिए लोगों को विशेष रूप से जागरूक होने की जरूरत है। साफ-सफाई व दूषित खान-पान से बचना चाहिए। क्योंकि यह बीमारी का बड़ा कारण है। स्वच्छ पानी ही पीए।

- डॉ. राजेश मोहंती, पूर्व अध्यक्ष, इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी।

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