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देश में नहीं है डॉक्टरों की कमी, पीपीपी मोड भी फ्लॉप : डॉ. आरबी

देश में डॉक्टरों की कमी नहीं है। भारत में 538 मेडिकल कॉलेज हैं जहां से हर साल 78000 एमबीबीएस और 27000 हजार पीजी छात्राएं उत्तीर्ण होते हैं। लेकिन उन्हें समय पर काम नहीं मिल पाता।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 08:08 AM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 08:08 AM (IST)
देश में नहीं है डॉक्टरों की कमी, पीपीपी मोड भी फ्लॉप : डॉ. आरबी

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : देश में डॉक्टरों की कमी नहीं है। भारत में 538 मेडिकल कॉलेज हैं जहां से हर साल 78000 एमबीबीएस और 27000 हजार पीजी छात्राएं उत्तीर्ण होते हैं। लेकिन, उन्हें समय पर काम नहीं मिल पाता।

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उक्त बातें रविवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के केंद्रीय सचिव डॉ. आरबी अशोकन ने कही। मौका था आइएमए जमशेदपुर की शाखा की ओर से आयोजित दो दिवसीय कांफ्रेंस के समापन का। इस मौके पर डॉ. आरबी अशोकन ने कहा कि सरकार कहतीं है देश में चिकित्सकों की कमी है। उसकी भरपाई के लिए राष्ट्रीय मेडिकल परिषद (एनएमसी) लाने की बात कहीं जा रही है, जो स्वीकार नहीं की जा सकती है। क्योंकि इसके जरिए सरकार मेडिकल बैकग्राउंड से बाहर के साढ़े तीन लाख लोगों को एलोपैथी की प्रैक्टिस का लाइसेंस देना चाहती है। इसे लागू होना नीम हकीमों (मुन्ना भाइयों) को वैधानिकता देने जैसा है, इससे आम लोगों को भारी नुकसान हो सकता है। डॉ. अशोकन ने कहा कि हमारे देश के हजारों डॉक्टर विदेशों में सेवा दे रहे हैं। लेकिन हमारी सरकार अनुबंध पर डॉक्टरों की बहाली कर रही है। ऐसे में डॉक्टरों को सम्मान नहीं मिल पा रहा है और वे देश के बाहर जाने को मजबूर है। डॉ. अशोकन ने पीपीपी मोड को भी फ्लॉप बताया। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में पीपीपी मोड पर कई सुविधाएं देने का दावा किया जा रहा है लेकिन इसका पूरा लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। यह सुविधा देश के किसी राज्य में सफल नहीं हो सका है।

इस अवसर पर टीएमएच के जीएम डॉ. राजन चौधरी, डॉ. केपी दूबे, आइएमए के अध्यक्ष डॉ. उमेश खां, सचिव डॉ. मृत्युंजय सिंह, डॉ. एके विरमानी, डॉ. एसएन झा, डॉ. एके लाल, डॉ. साहिर पॉल, डॉ. सौरव चौधरी, डॉ. संतोष गुप्ता, डॉ. निर्मल कुमार, डॉ. जीसी माझी, डॉ. संगीता सिंघल, डॉ. अरुण कुमार, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. आरवाई चौधरी, डॉ. लक्ष्मण हांसदा, डॉ. मंजू दुबे, डॉ. पीके दत्ता सहित अन्य डॉक्टर उपस्थित थे।

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डॉ. अरुण ने उठाया कोल्हान में संगठन को मजबूत करने का मुद्दा

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार ने कोल्हान में संगठन को मजबूत करने का मुद्दा उठाया। इस पर सचिव ने कहा कि जमशेदपुर शाखा को यह अधिकार है कि वे नई शाखा की स्थापना कर सकता है।

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फ्री पेपर प्रेजेटेशन में टीएमएच का रहा दबदबा

प्रदेशभर से आए डॉक्टरों ने भी अपना-अपना पेपर भी प्रस्तुत किया। इसमें टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) की डॉ. मानसा को प्रथम पुरस्कार दिया गया। वहीं दूसरे स्थान पर डॉ. दुर्गेश नंदनी व तीसरे स्थान पर डॉ. अर्पिता साहा रहीं। वहीं टीएमएच के ही डॉ. वैभव महेश्वरी को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।


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