अब्दुल की मौत कैसे हुई, डॉक्टरों ने शुरू की जांच
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गुरुवार को
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गुरुवार को हुई अब्दुल सलीम खान की मौत की जांच अस्पताल प्रबंधन ने शुरू कर दी है। शुक्रवार को एमजीएम अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी ने आरोपी चिकित्सकों को बुलाकर पूछताछ की। हालांकि, रिपोर्ट मेडिकल टीम तैयार करेगी।
शनिवार को मेडिकल टीम का गठन किया जाएगा। अब्दुल सलीम खान को इलाज करने वाले चिकित्सकों से पूछताछ के बाद पता चला है कि उसके मुंह से खून बीते चार माह से निकल रहा था। इस दौरान बीच-बीच में उसे बुखार भी आ रहा था। बीते बुधवार को जब उसकी स्थिति गंभीर हुई तो उसे अस्पताल लाया गया, जहां उसे भर्ती कर लिया गया। इस दौरान जब मरीज का एक्सरे कराया गया तो वह गंभीर निमोनिया से ग्रस्त मिला। वहीं उसके छाती में इंफेक्शन फैल गया था। साथ ही मुंह से खून निकलने की समस्या बीते चार माह से थी। फिलहाल निमोनिया से राहत दिलाने के लिए चिकित्सकों ने सेफोटाक्सीम सोडियम नाम का इंजेक्शन दिया, जो एंटीबायोटिक है। परिजनों का आरोप है कि यह इंजेक्शन देने के 15 मिनट बाद मरीज की मौत हो गई। वहीं चिकित्सकों का कहना है कि निमोनिया में सेफोटाक्सीम सोडियम नामक इंजेक्शन काफी कारगार है। बतातें चलें कि बीते गुरुवार को कदमा शास्त्री नगर निवासी (45) वर्षीय अब्दुल सलीम खान की मौत हो गई थी। इसके बाद मृतक के परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा व तोड़फोड़ किया था।
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एंबुलेंस चालक को शो-कॉज
परिजनों का आरोप है कि जब मरीज की स्थिति गंभीर हो गई तो चिकित्सकों ने उसे टीएमएच रेफर कर दिया। इस दौरान जब वह एंबुलेंस लेने के लिए पहुंचे तो वहां पर कोई भी चालक मौजूद नहीं था। इस दौरान करीब 45 मिनट तक वह इधर से उधर भटकते रहें। अंत में जब एंबुलेंस नहीं मिली और वह जैसे ही मरीज के पास पहुंचे तो वह दम तोड़ दिया। इसे देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने ड्यूटी पर तैनात चालक को शो-कॉज किया है। शुक्रवार को महाबीर जयंती की छुंट्टी होने के कारण पत्र जारी नहीं किया जा सका।
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