कन्या पूजन कर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भ्रूण हत्या पर कह दी ये बड़ी बात
नवरात्र की महानवमी पर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना उर्फ ब्रजेश गुप्ता ने कदमा स्थित आवास पर कन्या पूजन किया। उन्होंने अपने हाथ से कन्याओं को प्रसाद खिलाया और उनका आशीर्वाद लेकर विदा किया। इस मौके पर उनकी पत्नी सुधा गुप्ता ने भी सिर झुका कर कन्याओं से आशीर्वाद मांगा।
जमशेदपुर, जासं। नवरात्र की महानवमी पर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना उर्फ ब्रजेश गुप्ता ने कदमा स्थित आवास पर कन्या पूजन किया। उन्होंने अपने हाथ से कन्याओं को प्रसाद खिलाया और उनका आशीर्वाद लेकर विदा किया। इस मौके पर उनकी पत्नी सुधा गुप्ता ने भी सिर झुका कर कन्याओं से आशीर्वाद मांगा।
इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में बन्ना गुप्ता ने कहा कि हम देवी मां से प्रार्थना करते हैं, जो वास्तव में बेटियों को बचाने की परंपरा है, वह अक्षुण्ण रहे। अभी-अभी पटमदा (जमशेदपुर स्थित पूर्वी सिंहभूम जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दक्षिण) में गर्भभात केंद्र का पता चला। हमने जिले की उपायुक्त (विजया जाधव) व सिविल सर्जन (डा. साहिर पाल) को निर्देशित किया। बड़े पैमाने पर वहां छापेमारी हुई। एक चिकित्सक जेल भी गए। कहने का अभिप्राय यह है कि दुनिया इतनी आगे बढ़ गई, लेकिन एक बूंद खून बनाने का काम किसी ने नहीं किया। हम सारे लोग मां के गर्भ से ही जन्म लेते हैं। मां के गर्भ में ही हमारा पूरा शरीर बनता है। जब हम जन्म लेते हैं तो पूरा शरीर खून से लबालब रहता है। बिना मां, बहन या स्त्री के इस सृष्टि की कल्पना नहीं की जा सकती है। हम लोगों के लिए यह शर्म की बात है। गर्भ में बच्चियों की हत्या कर देना महापाप है। इसमें कानून और विधि सम्मत जो कार्रवाई होनी है, वह तो की ही जाएगी। इसके विरोध में लोगों में जागृति आए। यदि हम मां दुर्गा या काली की पूजा करते हैं, तो हमारे घर में जो मां, बहन और बेटी है, सबसे पहले उनका सम्मान होना चाहिए।
भ्रूण हत्या पर बन्ना ने सुनाई कविता
जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र के विधायक व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता एक बेहतरीन कवि भी हैं। जब कभी उन्हें मौका मिलता है, अपनी कविता से सबको प्रभावित करते हैं। पत्रकारों से बातचीत करते हुए भ्रूण हत्या पर एक मार्मिक कविता सुनाई, तो वहां मौजूद सभी की आंखें भर आईं। देखें कविता की पंक्तियां...
‘मिट्टी की मूर्तियां बना-बना हम मेवा-पकवान खिलाते हैं
घर की सीता-लक्ष्मी को दहेज के लिए जलाते हैं
जो गीता-रामायण पढ़कर भी ऐसी हिंसक राह चले
दीनों की सेवा बेहतर है, मानव-मानव से प्रेम करे’
इसी क्रम में उन्होंने कहा कि हम देवी दुर्गा की पूजा करते हैं, उसका हमें सुखद पहलू भी प्राप्त हो। दहेज से मुक्ति मिले। बच्चियों की हत्या से मुक्ति मिले। हम मां, बहन, बेटी और इस सृष्टि को बचाएं। यही सच्ची पूजा होगी।