Weekly News Roundup Jamshedpur : बन्ना के नए अवतार से हड़कंप, पढ़िए चिकित्सा जगत की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur इन दिनों बिना काफिला के ही स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जहां-तहां निरीक्षण करने पहुंच रहे हैं। रांची रिम्स में जमीन पर बैठकर वे समस्या सुन रहे हैं।
जमशेदपुर, अमित तिवारी। Weekly News Roundup Jamshedpur Health online इन दिनों बिना काफिला के ही स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जहां-तहां निरीक्षण करने पहुंच रहे हैं। रांची रिम्स में जमीन पर बैठकर वे कर्मचारियों की समस्याएं सुन चुके हैं। वहीं एमजीएम अस्पताल में गाड़ी बदल निरीक्षण करने पहुंच गए थे। बुधवार को एमजीएम कॉलेज में भी धमक पड़े। उन्हें अधिकतर एमबीबीएस छात्र पहचान नहीं सके। एक सामान्य व्यक्ति की तरह ब्वॉयज हॉस्टल का चक्कर लगाते रहे। जब वार्डन और प्रिंसिपल को पता चला तो आनन-फानन में पहुंचे। तबतक मंत्री खामियों से अवगत हो चुके थे। बन्ना गुप्ता के इस नए अवतार से चिकित्सा जगत में हड़कंप मचा हुआ है। कब कहां पहुंच जाएं, यह कोई नहीं जान रहा। स्वास्थ्य मंत्री का साफ कहना है कि हकीकत जानना चाहता हूं, ताकि खामियों को दूर कर सकूं। तामझाम, पदाधिकारियों के साथ निरीक्षण करने से कोई चीज सही ढंग से नहीं समझ में आती। बिना बताए ही पहुंच जाइए, सबकुछ पता चल जाएगा।
कोरोना से उड़ गई है नींद
कोरोना वायरस ने सबकी नींद उड़ा दी है। जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक सहमा हुआ है। कहीं लौहनगरी में यह वायरस प्रवेश न कर जाए। बीते दिनों सोशल मीडिया पर खबर वायरल हुई कि जमशेदपुर में कोरोना वायरस का पहला संदिग्ध मरीज मिला है। उसका टीएमएच अस्पताल में इलाज चल रहा है। इतना सुन कर विभाग के हाथ-पांव फूलने लगे। तत्काल स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी टीएमएच पहुंच गए। मरीज का पूरा विवरण लिया गया। यह खबर आग की तरह शहर में फैल गई। इससे परेशान टीएमएच प्रबंधन व सिविल सर्जन दोनों ने अपने-अपने स्तर से तत्काल विज्ञप्ति जारी कर इसका खंडन किया। कहा कि जमशेदपुर में अभी एक भी कोरोना वायरस का मरीज नहीं मिला है। सोशल मीडिया पर फैली अफवाह को पहली बार विभाग ने इतनी प्रमुखता से लिया। उससे बचाव के लिए अपनी रणनीति साझा किया। इससे कोरोना के खौफ का अंदाजा लगाया जा सकता है।
भवन शिफ्ट कराने में 35 माह
दो साल पर होने वाले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) का चुनाव इस बार 35 माह पर हो रहा है, जो एक मुद्दा बन गया है। मतदानकर्मी इसके कारण जानने की कोशिश किए तो उन्हें आइएमए भवन को शिफ्ट कराने की बात कही गई। लेकिन, यह बात उन्हें पच नहीं रही है। उनका कहना है कि चुनाव से आइएमए भवन को शिफ्ट कराने का क्या संबंध। नई कमेटी आती तब भी भवन को शिफ्ट करा सकती है। आइएमए से करीब एक हजार डॉक्टर जुड़े हैं। इसबार 29 मार्च को चुनाव है। अध्यक्ष पद के लिए डॉ. जीसी माझी, डॉ. साहिर पॉल, डॉ. ओपी पात्रा व डॉ. मिंटू अखौरी सिन्हा ने नामांकन किया है। बीते चुनाव में डॉ. माझी सिर्फ 22 वोट से हार गए थे। वहीं, सचिव पद के लिए डॉ. सौरव चौधरी, डॉ. संतोष गुप्ता व डॉ. शरद ने नामांकन किया है। डॉ. सौरव 34 वोट से हार गए थे।
नहीं खुला जन औषधि केंद्र
आठ साल बाद भी महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जन औषधि केंद्र नहीं खुल सका। जबकि, इसके लिए लाखों रुपये खर्च कर केंद्र बना था। चिकित्सकों को जेनरिक दवाएं लिखने का सख्त निर्देश है लेकिन, वह नहीं लिखते। वह सुनी-सुनाई बातों पर ज्यादा ध्यान देते हैं। कहते हैं कि जेनरिक दवाओं की क्वालिटी निम्न स्तर की होती है, जो मरीजों पर असर नहीं करती। इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन औषधि दिवस पर कहा- मैं राज्य सरकारों से अपील करता हूं कि अपने चिकित्सकों से जेनरिक दवाएं लिखने को कहें। उन्होंने कहा कि भारत में बनी जेनरिक दवाओं की पूरी दुनिया में डिमांड है। सरकार ने हर अस्पताल के लिए जेनरिक दवाएं लिखना जरूरी कर दिया है। बावजूद एमजीएम में जन औषधि केंद्र खुल रहा न चिकित्सक दवाएं लिख रहे। सिस्टम सवालों के घेरे में है। सच्चाई यह है कि जेनरिक दवाएं ब्रांडेड जैसी काम करती हैं।