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स्वर्ण व्यवसायियों पर कसेगी शुद्धता की नकेल, ये रहा नया नियम Jamshedpur News

केंद्र सरकार की नई अधिसूचना के बाद स्वर्ण व्यवसायियों को हॉलमार्क सर्टिफिकेशन लेना अनिवार्य है। निर्धारित तिथि के बाद भी कोई व्यवसायी आभूषणों की खरीद-बिक्री नहीं कर पाएगा।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 11:52 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 11:52 AM (IST)
स्वर्ण व्यवसायियों पर कसेगी शुद्धता की नकेल, ये रहा नया नियम Jamshedpur News
स्वर्ण व्यवसायियों पर कसेगी शुद्धता की नकेल, ये रहा नया नियम Jamshedpur News

मुख्‍य बातें

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  • केंद्र सरकार की नई अधिसूचना के बाद स्वर्ण व्यवसायियों को अनिवार्य है हॉलमार्क सर्टिफिकेशन लेना
  • 395 स्वर्ण व्यवसायी हैं ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड में रजिस्टर्ड
  • 15 जनवरी 2021 तक हॉलमार्क लेेने की है बाध्यता, नहीं तो आभूषण निर्माण, भंडारण व बिक्री पर रहेगी रोक
  • 40 पाट्र्स प्रति 1000 से कम शुद्धता पर प्रतिष्ठान का लाइसेंस हो जाएगा रद, सजा का भी है प्रावधान

जमशेदपुर, निर्मल प्रसाद। सोने के खुदरा व्यापार में होने वाली मिलावट से उपभोक्ताओं को सुरक्षा देने के लिए केंद्र सरकार ने ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) के नियमों में बदलाव किया है। 15 जनवरी 2021 तक सर्टिफिकेशन ऑफ रजिस्ट्रेशन ऑफ ज्वेलर्स के प्रावधानों के तहत सोने के आभूषण बनाने, भंडारण करने और बेचने वालों को अनिवार्य रूप से अपने संस्थान का हॉलमार्क सर्टिफिकेशन लेना होगा। निर्धारित तिथि के बाद भी कोई व्यवसायी बिना सर्टिफिकेशन के आभूषणों की खरीद-बिक्री नहीं कर पाएगा। 

केंद्र सरकार ने नियमों में जो बदलाव किया है उसका उद्देश्य ग्राहकों को खरीदे गए आभूषण के शुद्धता की गारंटी देना है। यदि किसी ग्राहक द्वारा खरीदे गए आभूषण की शुद्धता की कमी का अंदेशा होगा तो उसे बीआइएस तीसरे पक्ष द्वारा शुद्धता की जांच कराकर ग्राहक को संतुष्ट करेगी, लेकिन इसके लिए ग्राहक को उचित बिल के साथ सोना खरीदना होगा। इसके बिना वे शुद्धता का दावा नहीं कर पाएंगे। नया नियम प्रभावी होने के बाद कोई भी स्वर्ण व्यवसायी ग्राहक को मिलावटी आभूषण नहीं बेच पाएंगे। यदि वह ऐसा करते हैं तो उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी।

शुद्धता में कमी पर लगेगा जुर्माना 

यदि किसी स्वर्ण व्यवसायी ने ग्राहक को 916 मार्क शुद्धता वाले आभूषण बेचे और उसकी शुद्धता में 40 पाट्र्स पर 1000 (पीपीटी) की कमी पाई गई तो संबधित प्रतिष्ठान का लाइसेंस रद हो सकता है। उसे एक लाख रुपये का जुर्माना या एक वर्ष की जेल या दोनों सजा एक साथ हो सकती है। वहीं, पीपीटी शुद्धता जितनी कम होगी, कारोबारी उसका दोगुना सोना संबधित ग्राहक को देेगा। 

आवेदन की प्रक्रिया 

प्रतिष्ठान संचालक को दस्तावेज के रूप में पार्टनरशिप फर्म, ट्रेड लाइसेंस, जीएसटी सर्टिफिकेट या रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से संबधित दस्तावेज बतौर सुबूत देना होगा। प्रतिष्ठान का पता के रूप में साथ इनकम टैक्स की एसेसमेंट रिपोर्ट, प्रोपर्टी टैक्स की रसीद, किराया रसीद या लीज डीड दे सकते हैं। वहीं, आवेदक के दस्तावेज के तौर पर आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आधार कार्ड या पासपोर्ट भी दे सकते हैं। वहीं, प्रतिष्ठान कहां स्थित है इसके लिए उन्हें पेन से स्केच बनाकर देना होगा कि उनका प्रतिष्ठान उक्त सड़क पर संबधित लैंड मार्क के बगल में है। 

पांच वर्षो के लिए मिलेगा लाइसेंस 

कोई भी संस्थान डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट बीआइएस डॉट जीओवी डॉट इन पर जाकर हॉलमार्क सर्टिफिकेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। इसके लिए उन्हें 18 फीसदी जीएसटी के साथ आवेदन फीस देना होगा। जांच के बाद उन्हें पांच वर्षो के लिए लाइसेंस मिलेगा। आवेदन शुल्क संस्थान के टर्नओवर के आधार पर लगेगा।

सोने की क्या है शुद्धता

  • 916 मार्क : 22 कैरेट
  • 750 मार्क : 18 कैरेट
  • 585 मार्क : 14 कैरेट

नियम की अनदेखी पर हो सकती कार्रवाई

सभी स्वर्ण व्यवसायी हॉलमार्क सर्टिफिकेशन समय पर लें। इसके लिए विभाग समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। यदि किसी प्रतिष्ठान ने हॉलमार्क सर्टिफिकेशन लेने के बावजूद शुद्धता में कमी करता है तो शिकायत मिलने पर उनके खिलाफ तय प्रावधानों के तहत कार्रवाई हो सकती है। 

-एसडी सेलवन, हेड सह वैज्ञानिक बीआइएस, झारखंड 


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