नौकरी छोड़कर भाग रहे गुजरात से लौहनगरी के युवक
गुजरात में बिहार, झारखंड, कोलकाता व उत्तर प्रदेश के लोगों पर हो रहे हमले के गुजरात से आने वाली ट्रेनों में भीड़ बढ़ने लगी है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : गुजरात में बिहार, झारखंड, कोलकाता व उत्तर प्रदेश के लोगों पर हो रहे हमले के गुजरात से आने वाली ट्रेनों में भीड़ बढ़ने लगी है। युवक गुजरात से नौकरी छोड़कर भाग रहे हैं ताकि उनकी जान बच सके। अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस, हावड़ा पोरबंदर एक्सप्रेस ट्रेन में रिजर्वेशन नहीं मिलने के कारण जनरल कोच में लोग भेड़ बकरियों की तरह सवार होकर गुजरात से आ रहे हैं। गुजरात में हो रही मारपीट व प्रताड़ना से परेशान झारखंड व बिहार के मजदूर वर्ग के लोग एक पल के लिए भी वहां रुकना नहीं चाह रहे हैं। मकान मालिकों ने बिहार के किराएदारों का घर से निकालना शुरू कर दिया है। वहां फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जा रही है। जिसके कारण वे लोग काम छोड़ कर गुजरात से पलायन कर रहे है।
गुजरात पुलिस की देखरेख में इन मजदूरों को स्टेशन पहुंचाया जा रहा है। वहीं गुजरात के विभिन्न स्टेशनों में आरपीएफ, जीआरपी व जिला पुलिस ने गश्ती बढ़ा दी है ताकि ट्रेन पकड़ने वाले बिहार व झारखंड के मजदूरों के साथ किसी तरह की मारपीट स्टेशन में न हो।
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मैं पिछले दो वर्षो से गुजरात के साबरकांठा जिले के एक फैक्ट्री में काम कर रहा था, लेकिन बच्ची के साथ दुष्कर्म होने के मामले में तूल पकड़ने लगा और वहां बिहार के वेशभूषा वाले लोगों की पहचान कर उनकी पिटाई सार्वजनिक रूप से की जाने लगी। मैं खुद भी भीड़ का शिकार हुआ और भीड़ ने मेरी पिटाई कर दी, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप से मेरी जान बच पाई। फिर किसी तरह तरह अपना सामान छोड़कर गुजरात से टाटानगर भाग कर आया हूं।
- ओपना बागुनहातु
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गुजरात में अब बिहार व यूपी के लोगों का रहना मुश्किल हो गया है। उनकी पहचान कर उनकी पिटाई की जा रही है। मैं भी जान बचाकर गुजरात से भागने में सफल हो पाया है। एक दल बनाकर युवकों की टोली घूम-घूम कर बिहार व यूपी के पहनावे वाले लोगों की पहचान कर रहे हैं और उसकी पिटाई की जा रही है।
- देवेंद्र पाल, खड़गपुर
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मैं गुजरात अपने मामा के यहां काम करने के लिए गया था, लेकिन वहां का माहौल ठीक नहीं है इस कारण मेरे मामा ने मुझे वापस मेदिनीपुर भेज दिया। ट्रेन की टिकट के लिए कई दिनों से प्रयास कर रहा था। जब रिजर्वेशन नहीं मिला तो जनरल टिकट पर ही वापस मेदिनीपुर जा रहा हूं।
- रमेश मेदिनीपुर
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मैं गुजरात में काम की तलाश में गया था, लेकिन वहां का माहौल अचानक से बदल गया और लोगों को दौड़ा दौड़ा कर मारने पिटने लगे। रात में अपने होटल से निकलना मुश्किल हो गया था। किसी तरह जान बचा कर स्टेशन तक पहुंचा हूं और जनरल टिकट कटा कर ही अपने घर खड़गपुर जा रहा हूं।
- सुजीत मंडल, खड़गपुर