मंदी का कहर : टाटा मोटर्स से जीएसटी को एक माह में 400 करोड़ की चपत
ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी का आलम यह है कि टाटा मोटर्स में उत्पादन कम होने से जीएसटी को एक माह में 400 करोड़ की चपत लगी है।
जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। आर्थिक मंदी की शुरुआत भारी वाहनों से शुरू हुई थी, जिसका असर अब सभी क्षेत्रों में दिख रहा है। भारी वाहनों की अग्रणी उत्पादक टाटा मोटर्स की मुख्य इकाई (मदर प्लांट) जमशेदपुर में होने की वजह से यहां के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की करीब एक हजार कंपनियां भी इसी पर निर्भर हैं।
टाटा मोटर्स में जून से ब्लॉक क्लोजर की शुरुआत हुई थी, जो अब तक जारी है। 6-7 सितंबर को भी भी ब्लॉक क्लोजर की घोषणा की गई है, जबकि आठ सितंबर को रविवार होने से कुल तीन दिन उत्पादन ठप रहेगा। इसका खामियाजा झारखंड राज्य जीएसटी विभाग को भी उठाना पड़ रहा है। सिर्फ एक माह में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विभाग को 400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
जुलाई में 200 करोड़ का नुकसान
सिर्फ जुलाई माह में राज्य जीएसटी विभाग को 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि कमोबेश इतना ही राजस्व केंद्रीय जीएसटी को जाता है। जुलाई 2018 में टाटा मोटर्स ने 413 करोड़ रुपये एसजीएसटी (स्टेट जीएसटी) के मद में दिया था, जबकि जुलाई 2019 में कंपनी ने 213 करोड़ रुपये ही दिया है। इसका असर यह हुआ कि पूरे कोल्हान का राजस्व कम हो गया। राज्य जीएसटी विभाग को जुलाई 2018 में 170 करोड़ 68 लाख 75 हजार रुपये मिला था, जबकि जुलाई 2019 में यह घटकर 128 करोड़ 79 लाख रुपये हो गया। राजस्व का घटना जून से ही शुरू हो गया था, जो महीने दर महीने बढ़ता ही जा रहा है।
वाहन बाजार के इर्द-गिर्द घूमती कोल्हान की अर्थव्यवस्था
जमशेदपुर समेत पूरे कोल्हान की अर्थव्यवस्था वाहन बाजार के इर्द-गिर्द ही घूमती है, जिसका असर सभी क्षेत्र पर पड़ता है। टाटा मोटर्स के ब्लॉक क्लोजर से राजस्व काफी कम हुआ है।
- संजय कुमार प्रसाद, संयुक्त आयुक्त (प्रशासन), झारखंड राज्य कर (जीएसटी) विभाग, जमशेदपुर प्रमंडल
मंदी से परेशान टाटा मोटर्स के कान्वाई चालक
वैश्विक मंदी का असर ऑटोमोबाइल सेक्टर में ज्यादा देखने को मिल रहा है। टाटा मोटर्स के वाहनों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने वाले हजारो कान्वाई चालक भी भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। कंपनी में लगातार बंदी की वजह से कान्वाई ड्राइवर आज सड़क पर हैं। कंपनी में सूचीबद्ध 975 चालक हैं। इसके अलावा विभिन्न ट्रांसपोर्टरों के अंतर्गत दो हजार से ज्यादा चालक हैं, जो मंदी की वजह से काफी परेशान हैं।
बुक होेती मात्र तीन हजार गाड़ी
टाटा मोटर्स में पहले एक माह में 9000 तक गाड़ी बुक होती थी, जो अब 3000 तक पहुंच गयी है। टीटीसीए (टेल्को ट्रांसपोर्ट कान्वाई एसोसिएशन) के तहत इन गाडिय़ों को कान्वाई चालक उसके गंतव्य तक पहुंचाते थे। प्रतिदिन 300 से 400 तक गाडिय़ां बुक होती थीं, जो अब घटकर 100 तक पहुंच गया है। जुलाई में कुल 3000 गाड़ी डिस्पैच हुई थी। सितंबर में यहां आंकड़ा घटकर 1800 पहुंचने की संभावना है।