डेढ़ सौ किशोरियों का समूह सरकार तक पहुंचा रहा अपनी आवाज Jamshedpur News
झारखंड के छह आकांक्षी जिलों से डेढ़ सौ किशोरियों का समूह अपनी आवाज़ सरकार और समाज तक पहुंचा रहा है। इसमें सरायकेला भी शामिल है।
जमशेदपुर, जासं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएचएफएस) और यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन ऑन स्कूल एजुकेशन (युडीआइसी) के आंकड़ों के अनुसार झारखंड में 15-24 वर्ष की आयु की 38 प्रतिशत युवतियों का विवाह 18 साल आयु से पहले कर दिया गया जबकि राष्ट्रीय औसत 27 प्रतिशत था। झारखंड में 22 प्रतिशत लड़कियों ने प्राथमिक से माध्यमिक स्कूल में प्रवेश नहीं किया जबकि राष्ट्रीय औसत 11 प्रतिशत है।
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर झारखंड के छह आकांक्षी जिलों से डेढ़ सौ किशोरियों का समूह अपनी आवाज़ सरकार और समाज तक पहुंचा रहा है। इसमें सरायकेला भी शामिल है। इस अभियान का नाम अब मेरी बारी है। इसके माध्यम से शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य, यौन और प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारों, कौशल, सुरक्षा, सशक्तिकरण जैसी प्राथमिकताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने का काम किया जा रहा है। पिछले महीने रांची में एक चर्चा सत्र में इन किशोरियों ने राज्य में किशोरों की प्राथमिकताओं के बारे में चर्चा की और अपनी मांगों को अंतिम रूप दिया।
सोशल ऑडिट
विशेषज्ञों और गैर सरकारी संगठनों की मदद से गांव की मैपिंग शीट, सामाजिक ऑडिट और सामुदायिक बैठकों की योजना जैसे उपकरण बनाए गए। ये उपकरण झारखंड में किशोरों के सशक्तीकरण के लिए मौजूदा सरकारी योजनाओं और रणनीतियों के बारे में डेटा एकत्रित करने के साथ ही उनकी कमियों को उजागर करने में मदद करेंगे। सरकारी योजनाओं के प्रभाव का आकलन करने के लिए सरायकेला के अलावा सिमडेगा, दुमका, गुमला, देवघर और लोहरदगा में सामाजिक ऑडिट के माध्यम से किशोर-केंद्रित सरकारी योजनाओं के प्रभाव का आकलन किया जा रहा है। इन सोशल ऑडिट से उत्पन्न आंकड़ों का विश्लेषण किया जाएगा और जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सरकारी अधिकारियों, सामुदायिक नेताओं तक खुले पत्र, चर्चा, ओपन माइक सत्र और बस यात्रा के द्वारा विश्लेषण पहुंचाया जायेगा।
अब मेरी बारी अभियान
ये सभी गतिविधियां अब मेरी बारी अभियान के दूसरे चरण में हो रही है। इसमें स्ट्रेटेजिक फिलांथ्रोपी संस्था सहयोग कर रही है। योजनाओं की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए उपकरणों के साथ सुसज्जित, राज्य के विभिन्न जिलों की 150 किशोरियां सरकारी अधिकारियों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और सामुदायिक नेताओं से मिलकर राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यकम (आरकेएसके), सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) और मासिक धर्म स्वच्छता योजना (एमएचएस) की पहुंच और गुणवत्ता सुधार लाने के बारे में चर्चा कर रही हैं। अगस्त के अंत तक किशोरियां 200 से अधिक पत्र स्थानीय सरकारी अधिकारियों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और सामुदायिक नेताओं के समक्ष प्रस्तुत करेंगी।
सितंबर में राजस्थान की लड़कियों से जुड़ेंगी
सितंबर में वे राजस्थान की 150 लड़कियों के साथ जुड़ेंगी। बस यात्रा के माध्यम से अब मेरी बारी अभियान का संदेश झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के जिलों में पहुंचाया जायेगा। इस संबंध में क्वेस्ट अलायंस के कार्यक्रम अधिकारी सुशांत पाठक का कहना है कि इन लड़कियों को ऐसे मंच की आवश्यकता थी जो उन्हें मुख्य धारा में लाने में उनका समर्थन कर सके, उनके आत्मविश्वास का निर्माण कर सके। दसरा के एसोसिएट डायरेक्टर, शैलजा मेहता ने कहा कि अब मेरी बारी अभियान के पहले चरण में किशोरों को उनके लोकतांत्रिक कर्तव्यों के महत्व को समझने के लिए निर्देशित किया गया था। दूसरे चरण में हम झारखंड के छह आकांक्षी जिलों में किशोरों को सशक्त बनाने के लिए डेटा, उपकरण और एक सहायक नेटवर्क बना रहे हैं।