गुरबत की रोशनी से महताब बन चमकी शबीना, जानिए इस बिटिया की उपलब्धि
उसने अपनी गरीबी को कमजोरी नहीं बनने दी। लक्ष्य बना पढ़ाई में जुटी रही। और टायर पंचर की दुकान चलाने वाले अब्दुल हकीम की पुत्री शबीना परवीन ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली।
गम्हरिया [अभय लाभ]। लक्ष्य हासिल करने की लगन हो तो गरीबी कभी आड़े नहीं आती। ऐसा ही कर दिखाया है कि पूर्वी सिंहभूम के जिला मुख्यालय जमशेदपुर से 20 किलोमीटर दूर गम्हरिया के उषा मोड़ में टायर पंचर की दुकान चलाने वाले अब्दुल हकीम की पुत्री शबीना परवीन ने।
उसने अपनी गरीबी को कमजोरी नहीं बनने दी। बल्कि लक्ष्य बना पढ़ाई में जुटी रही और चार्टर्ड एकाउंटेंट बनकर अपने माता-पिता का नाम तो रोशन किया ही, साथ ही तमाम ऐसे बच्चों का हौसला भी बढ़ाया जो अपनी गुरबत को छोड़ कुछ करने की तमन्ना रखते हैं। द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की ओर से हुई परीक्षा में शबीना परवीन ने सेकेंड ग्रुप में 60 फीसद अंक हासिल कर जिले के साथ-साथ प्रदेश का नाम भी रोशन किया।
को-ऑपरेटिव कॉलेज से की इंटर की पढ़ाई
चार भाई बहनों में पिता अब्दुल हकीम और माता हसीदा खातून की एकलौती पुत्री शबीना गम्हरिया के केरला पब्लिक स्कूल से 78 प्रतिशत अंकों के साथ मैट्रिक पास करने के बाद को-ऑपरेटिव कालेज से 91 फीसद अंकों के साथ इंटर पास किया। इसके बाद सीपीटी परीक्षा पास करने के बाद सीए की परीक्षा में उश्रीर्ण होकर चार्टर्ड एकाउंटेंट बनने का गौरव हासिल किया।
दिक्कतों के बाद भी नहीं रोकी बेटी की पढ़ाई
छोटी सी पंचर की दुकान चलाकर परिवार का भरण-पोषण करने में अब्दुल हकीम को काफी दिक्कतों का समाना करना पड़ा, लेकिन पुत्री की शिक्षा में उन्होंने कोई रुकावट नहीं आने दी और उसकी पढ़ाई जारी रखी। शबीना की सफलता से उसके माता-पिता के अलावा सगे-संबंधियों में हर्ष है। उसके माता-पिता ने बताया कि बचपन से ही उसकी पुत्री मेधावी थी।
आकांक्षा ने पास की चार्टर्ड एकाउंटेंसी फाइनल परीक्षा
जमशेदपुर के न्यू रानीकुदर निवासी आकांक्षा गुप्ता ने चार्टर्ड एकाउंटेंसी 2018 की फाइनल परीक्षा बेहतर अंक प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण की है। फाइनेंशियल रिपोर्टिंग में 59, स्ट्रेटजिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट विषय में 60, एडवांस्ड ऑडिटिंग एंड प्रोफेशनल एथिक्स में 49, कारपोरेट एंड अलाइड लॉ में 62 अंक मिले हैं। कुल 230 अंक के साथ आकांक्षा ने फाइनल परीक्षा उत्तीर्ण किया है। आकांक्षा के पिता का नाम सोहन गुप्ता व मां का नाम सुमन गुप्ता है। पुत्री की उपलब्धि से वे प्रसन्न हैं।