गोविंदपुर के लोगों को काम नहीं दे रहीं कंपनियां, हो रहा भेदभाव
अरे भाई तू त गोविंदपुर रहेल न दूरे रह वहां कोरोना फैल गइल बा.। गोविंदपुरवासियों के साथ ऐसा व्यवहार आजकल सामान्य बात हो गई है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : अरे भाई तू त गोविंदपुर रहेल न, दूरे रह, वहां कोरोना फैल गइल बा.। गोविंदपुरवासियों के साथ ऐसा व्यवहार आजकल सामान्य बात हो गई है। दरअसल, गोविंदपुर में कोरोना के मरीज मिलने के बाद बाहरी लोग बस्तीवासियों के साथ भेदभाव व अमानवीय व्यवहार करने लगे हैं। गोविंदपुर के लोगों से दूरी बनाने लगे हैं, जो समाज के लिए हितकर नहीं है। यह बीमारी किसी को भी हो सकती है, ऐसे में इससे घबराने व तंग होने का नहीं है बल्कि मिल-जुलकर इससे निपटना है।
गोविंदपुर निवासी चंदन पांडेय एक दिन मर्सी अस्पताल गए तो वहां जैसे ही लोगों को पता चला कि वह गोविंदपुर से हैं, लोग दूरी बनाने लगे। दूसरी ओर कांग्रेसी नेता पारितोष सिंह का कहना है कि इस इलाके से सटी कंपनियां गोविंदपुर में रह रहे कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुलाने से अब कतरा रही हैं। बहुत सी कंपनियों से मजदूरों का बुलावा आने लगा है लेकिन गोविंदपुर के मजदूरों को काम पर नहीं बुलाया जा रहा है। स्थायी व ठेका मजदूर दोनों को काम से वंचित किया जा रहा है। गोविंदपुर के जो लोग काम करते थे उन्हें काम पर आने की रोक लगा दी गई है तो कइयों को फोन कर नहीं आने की मनाही की गई है। गोविंदपुर के ही राशन विक्रेता सोहन पाल ने बताया कि अब तो साकची बाजार के थोक विक्रेता भी हमें हीन दृष्टि से देखने लगे हैं। जाते ही कहते हैं, दूर रहिए। हम वहीं सामान रख देंगे।
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गोविंदपुरवासियों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। कोरोना संक्रमण से कोई भी पीड़ित हो सकता है, ऐसे में इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि समझदारी से काम करना है। हाल ही में गोविंदपुर का मरीज एक अस्पताल में भर्ती होने गया था लेकिन उसे गोविंदपुर का जानकर भर्ती नहीं किया गया।
डा. परितोष सिंह, महासचिव, प्रदेश कांग्रेस फोटो
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गोविंदपुर निवासियों को क्षेत्र की निकटवर्ती कंपनियों में काम नहीं मिल रहा है। कोरोना को लेकर गोविंदपुरवासियों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। कंपनियों में पहले से आवश्यक कार्य करने वाले क्षेत्र के लोगों को नहीं बुलाया जा रहा है। जिससे इन लोगों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है।
चंदन पांडेय, गोविंदपुरवासी