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Gudri Massacre: राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से ग्रामीणों ने कहा, पत्‍थलगड़ी समर्थक हमें भी मार देंगे

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू गुदड़ी थाना क्षेत्र के बुरुगुलीकेरा गांव पहुंचीं। पिछले दिनों इस गांव में सात पत्थलगड़ी विरोधियों की भीड़ ने पिटाई के बाद गर्दन काट कर हत्या कर दी गई थी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 02:22 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 09:46 AM (IST)
Gudri Massacre: राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से ग्रामीणों ने कहा, पत्‍थलगड़ी समर्थक हमें भी मार देंगे
Gudri Massacre: राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से ग्रामीणों ने कहा, पत्‍थलगड़ी समर्थक हमें भी मार देंगे

जमशेदपुर /सोनुवा, जेएनएन। Governor Draupadi Murmu heard the pain of the families of victims of the Gudari massacre  राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू मंगलवार को कोल्‍हान प्रमंडल के पश्चिम सिंहहभूम जिले के गुदड़ी थाना क्षेत्र के बुरुगुलीकेरा गांव पहुंचीं। पिछले दिनों इस गांव में सात पत्थलगड़ी विरोधियों की भीड़ ने पिटाई के बाद गर्दन काट कर हत्या कर दी गई थी।

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राज्‍यपाल ने नरसंहार में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की और उनकी पीड़ा सुनीं। नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण राज्‍यपाल के दौरे को लेकर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। हर जगह पुलिस की तैनाती की गई थी। हर जगह की तलाशी ली गई थी। राज्यपाल हेलीकॉप्टर से लोढ़ाई बाजार स्थित मैदान पहुंचीं। वह यहां से बुरुगुलीकेरा गांव गई और नरसंहार में मारे गए ग्रामीणों के स्वजन से मिलीं। मुलाकात और बातचीत के बाद राज्‍यपाल ने कहा कि जिस तरह सात लोगों की हत्‍या कर दी गई वह दिल दहलानेवाली है। ऐसी नृशंस घटना आगे न हो, इसकी मुकम्‍मल व्‍यवस्‍था होनी चाहिए।उन्‍होंने कहा कि जिन लोगों को मारा गया वे पत्‍थलगड़ी समर्थकों के विचारों से इत्तफाक नहीं रखते थे। वे यह मानने को तैयार नहीं थे कि सरकार को नहीं मानेंगे और  सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं लेंगे। इतनी नृशंस हत्‍या की वजह यही रही। 

 

बुरुगुलीकेरा गांव में नरसंहार के शिकार लोगों के परिजनों से बात करतीं राज्‍यपाल द्रौपदी मुर्मू।

ग्रामीणों ने कहा, हमें भी वे लोग मार देंगे

बुरूगुलीकेरा पुलिस पिकेट में रह रहे हत्याकांड से प्रभावित पीड़ित परिवार के लोगों ने राज्यपाल से अपनी बेबसी व हत्याकांड के बाद अब तक जारी खौफ की भयावहता बयां की। मृतकों की विधवाओं व उनके परिजनों ने अपनी मातृभाषा हो में ही सारी बातें बयां करते हुए कहा कि अब भी हत्याकांड में शामिल प्रमुख लोग खुलेआम घूम रहे हैं। ऐसे में पत्थलगड़ी समर्थक उन्हें भी मार डालेंगे। पुलिस पिकेट हटा, तो सरकारी  सुविधा लेने वाले सभी लोग मार डाले जाएंगे। ग्रामीणों ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को बताया कि हत्याकांड के पीछे पत्थलगड़ी समर्थक ही हैं। वर्ष भर से इस बाबत झगड़ा चल रहा था। हत्याकांड में शामिल कई लोग अब भी खुलेआम घूम रहे हैं। 

गांव में पुलिस पिकेट स्‍थायी: एसपी

ग्रामीणों के बीच हावी भय को देखते हुए एसपी इन्द्रजीत महथा ने राज्यपाल को बताया कि ग्रामीण भयभीत न हों। गांव में पुलिस पिकेट स्थायी कर दिया गया है। ग्रामीणों ने आरोपियों के जेल से छूटने का भय व्यक्त किया, तो एसपी ने पुन: राज्यपाल को कहा कि मतबूत केस है। सात-आठ माह में ही फैसला आ जाएगा। सभी आरोपितों को आजीवन कारावास होना निश्चत है। घंटे भर से अधिक समय तक ग्रामीणों के साथ रहकर राज्यपाल ने खड़े-खड़े ही एक-एक कर सभी से जानकारी ली। ग्रामीणों को मिली सरकारी सुविधाओं, स्कूल में पढ़ाई का हालचाल समेत रोजमर्रा की समस्याओं व पेयजल की स्थिति के बारे में सवाल किए। ग्रामीणों ने चुआं के पानी से पेयजल लेने की बात बताई। इस पर उपायुक्त अरवा राजकमल ने राज्यपाल को बताया कि यहां जलमीनार की योजना प्रस्तावित है। डीसी ने राज्यपाल को तीन परिवारों को चार बकरी और एक बकरा का सेट प्रत्येक परिवार को दिए जाने की जानकारी दी। जबकि बाकी बचे चार परिवार को आज ही चार बकरी और एक बकरा का सेट प्रदान किए जाने की बात कही। राज्यपाल ने डीसी को चार माह की गर्भवती पीड़ित विधवा का मेडिकल चेकअप कराने को कहा। 

सात आरोपी अब भी खुले में घूम रहे

ग्रामीणों ने बताया कि सात आरोपी अब भी खुले में घूम रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि आप सब लोगों के आने पर वे सुरक्षित महसूस करते हैं। लेकिन सभी के जाने के बाद वे पुलिस पिकेट से बाहर निकलते हैं, तो उन्हें धमकी दी जाती है। स्नान आदि के बाबत सवाल किए जाने के बाद उन्होंने डीसी को गांव में तालाब बनवाने का भी निर्देश दिया। क्षेत्र में बीमारियों के बाबत सवाल किए जाने पर ग्रामीणों ने डायरिया व मलेरिया की समस्या बताते हुए पूर्व में डायरिया से ग्रामीणों की मौत होने की जानकारी दी। इस पर राज्यपाल ने डीसी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने को कहा। इस पर डीसी ने गांव में जलमीनार प्रस्तावित होने की जानकारी दी। नजदीकी बैंक शाखा के बाबत उन्होंने सवाल किया, तो ग्रामीणों ने बताया कि लोढ़ाई और सोनुवा में बैंक है। 

84 परिवार ले रहे सरकारी सुविधा का लाभ 

राज्‍यापाल ने सरकार से लाभ लेने वाले परिवारों की संख्या पूछी, तो बताया गया कि 84 परिवार सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं, जबकि 125 परिवार पत्थलगड़ी समर्थक होने के कारण लाभ नहीं ले रहे। ग्रामीणों ने बताया कि पत्थलगड़ी समर्थक विस व लोस चुनाव में वोट नहीं देने की बात कहकर धमकी दे रहे थे। ग्रामीणों ने बताया कि पत्थलगड़ी समर्थक पहले से ही एक ही परिवार में दो-दो आवास योजना का लाभ ले चुके हैं। इसके बाद हम पर सभी सरकारी पहचान पत्र जमा करने का दबाव बनाने लगे। लेकिन हम सरकारी सुविधाएं लेंगे, इसलिए पहचान पत्र और राशन कार्ड पत्थलगड़ी समर्थकों को नहीं सौंपा।

बच्चे से पूछा, स्कूल नहीं गए क्या

राज्यपाल ने मौके पर एक बच्चे से सवाल करते हुए कहा कि आज स्कूल नहीं गए। इस पर बच्चे ने तपाक से जवाब देते हुए कहा नहीं आज आपको देखना था, इसलिए नहीं गए।

शिक्षित होने व नशे से दूर रहने की दी हिदायत

राज्यपाल ने ग्रामीणों को अपने बच्चों को शिक्षित करने व नशे से दूर रहने की हिदायत दी। हंड़िया सरना स्थल के लिए थोड़ा बनाओ, लेकिन सेवन ज्यादा मत करो। राज्यपाल के मौके पर आकर घंटे भर से अधिक समय तक खड़े-खड़े ही बात करने के बाद लौटने का उपक्रम करने लगी, तो ग्रामीणों ने थोड़ी देर उनसे कुर्सी पर बैठने का अनुरोध किया। इस पर राज्यपाल ने भी उनके अनुरोध को स्वीकार कर कुर्सी पर बैठी और ग्रामीणों से एक एक कर गुलदस्ते के रूप में लाए गए गेंदा फूल स्वीकार किए। हालांकि उन्होंने ग्रामीणों से यह भी कहा कि दुख के मौके पर आई हूं। गुलदस्ता देना ठीक नहीं है। इस पर लोगों ने कहा कि दुखी तो हम सभी हैं, लेकिन आप पहली बार हमारे बीच आई हैं। इसलिए आपका सम्मान करना हमारा फर्ज है। 

स्कूल का किया निरीक्षण 

बुरूगुलीकेरा कांड के प्रभावितों से मुलाकात के बाद रज्यपाल ने गांव के ही उत्क्रमित मध्य विद्यालय का  निरीक्षण कर जानकारी ली। विद्यालय में कक्षा एक से पांच तक के सभी छात्र-छात्राएं एक साथ बैठे थे। उन्होंने बच्चों से नाम आदि पूछे।एक बच्चे को खड़ा कर कक्षा में लगे चार्ट से क से कूबतर समेत पूरा चार्ट पढ़ने को कहा। छात्र ने पूरा पढ़कर सुनाया भी। एक अन्य कक्ष में कक्षा 6 से 8 तक के सभी विद्यार्थी एक साथ बैठे थे। यहां भी उन्होंने बच्चों से बातचीत कर जानकारी ली। साथ ही बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेल की आवश्यकता बताई। इस पर बच्चों ने खेल का मैदान न होने की जानकारी दी। इस पर राज्यपाल ने डीसी को खेल का मैदान जमीन समतल करवाकर बनवा देने को कहा। उन्होंने कहा कि गांव के बच्चे भी राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर खेलेंगे। इसके लिए खेल की सुविधा होना जरूरी है। उन्होंने स्कूल में बन रहे मध्याह्न भोजन का जायजा लिया। आलू व पपीते की बन रही सब्जी को जांचा। उन्होंने शिक्षकों को स्वच्छता पर ध्याने देने की हिदायत दी। बताया गया कि स्कूल में चार नियमित व एक पारा शिक्षक हैं। जबकि बच्चे सौ से अधिक हैं।

ये रहा घटनाक्रम 

16 जनवरी को पत्थलगड़ी विरोधियों ने बुरूगुलीकेरा गांव में छह पत्थलगड़ी समर्थकों के घरों में लूटपाट, तोडफ़ोड़ व मारपीट की।उसके बाद 19 जनवरी को  पत्थलगड़ी समर्थकों ने बुरूगुलीकेरा गांव में पंचायत बुलाकर 7 लोगों की गला काटकर हत्या कर दी। जिनकी हत्‍या की गई उनमें  लोम्बा बुढ़, निर्मल बुढ़, कोंजे टोपनो, बोवास लोमगा, एतवा बुढ़, जावरा बुढ़ व जेम्स बुढ़ शामिल रहे। 21 जनवरी को दोपहर 1:30 बजे पुलिस अधीक्षक को 7 पत्थलगड़ी विरोधी ग्रामीणों का अपहरण कर हत्या की सूचना मिली। 22 जनवरी  को सुबह 7 बजे पुलिस व सीआरपीएफ ने मिलकर जंगल से 7 ग्रामीणों के शव बरामद कर लिया। 22 जनवरी को  दोपहर 2:30 बजे पुलिस हत्याकांड से जुड़े तीन अभियुक्तों व शवों को लेकर लोढ़ाई कैंप पहुंची।

23 जनवरी को मुख्‍यमंत्री पहुंचे थे गांव

23 जनवरी  को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुरूगुलीकेरा गांव पहुंचे और पीडि़त परिवारों से मिले। इसी दिन एसआइटी का गठन हुआ। 24 जनवरी को  प्रशासन ने बंदगांव, सोनुवा, गुदड़ी में धारा 144 लागू किया। 24 जनवरी को एसआइटी ने 12 अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। इनमें आठ नामजद थे। इसी दिन भाजपा सांसदों की टीम जांच के लिए पहुंची मगर उन्हें सोनुवा से आगे जाने नहीं दिया गया। 25 जनवरी को हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद हुए। फारेंसिक टीम ने भी अपनी जांच शुरू की।

इन्‍हें भेजा गया जेल

26 जनवरी को सभी 15 हत्या अभियुक्तों को चाईबासा जेल भेजा गया। जिन्‍हें जेल भेजा गया उनमें एसी सुखराम बुढ, एसी राणसी बुढ, एसी मनसुख बुढ, एसी जीतेन्द्र बुढ, एसी.कोंजे बुढ, ए.सी. टीपरु बुढ, ए.सी. जयङ्क्षसह बुढ, ए.सी. बुधुवा बुढ, ए.सी. मानव बुढ, ए.सी. बुधुवा बुढ, ए.सी. सुरसेन बुढ, ए.सी. हेरमन बुढ, ए.सी. नागु बुढ़, ए.सी. कौंजे लुगून, ए.सी. सनिका लुगून, ए.सी. प्रभु सहाय टोपनो, ए.सी. दाऊद लुगुन,  सुकवा मुंडा व गुसरु बुढ़ शामिल हैं। 


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