Infosys और Tata की केंद्र सरकार ने की सार्वजनिक आलोचना, अब उद्योग जगत नाराज
हाल ही में केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स वेबसाइट को लेकर इंफोसिस को घेरे में लिया था। इसके पहले ऑनलाइन रिटेल मार्केटिंग को लेकर सरकार के खिलाफ टिप्पणी की थी। एक के बाद एक ऐसी घटनाओं ने उद्योग जगत को नाराज कर दिया है।
जमशेदपुर : केंद्र की मोदी सरकार को पूंजीपतियों का सहयोगी बताया जाता था। लेकिन पिछले दिनों देश में जो घटनाक्रम हुआ उससे देश के कई औद्योगिक घराने मोदी सरकार से नाराज हो गई है। साथ ही औद्योगिक इकाइयां भी अब अपने साथी कंपनियों के खिलाफ हुए सार्वजनिक निंदा से परेशान है।
पिछले दिनों आयकर की वेबसाइट में हुई गडबड़ी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इंफोसिस कंपनी के खिलाफ हमला बोला। कहा कि कि भारतीय तकनीकी दिग्गज इंफोसिस आयकर वेबसाइट में हुई गड़बड़ी को हल करने में विफल है। ऐसे में आरएसएस ने इंफोसिस को राष्ट्र विरोधी कंपनी करार दिया। इससे कई कंपनियां नाराज हो गई। क्योंकि वित्त मंत्रालय पूरे मामले में इंफोसिस के सीईओ को सम्मन जारी किया है। साथ ही ट्वीट कर पूरे मामले की जानकारी दी। इससे भी भारतीय आइटी कंपनियों का चेहरा रही इंफोसिस को धक्का लगा।
वाणिज्य मंत्रालय ने भी की थी टाटा समूह की निंदा
केंद्र सरकार जल्द ही देश में उपभोक्ता संरक्षण कानून लेकर आ रही है। 106 अरब डॉलर वाली टाटा समूह की इसकी निंदा की तो वाणिज्य मंत्रालय ने सार्वजनिक रूप से टाटा समूह को फटकार लगाया। कहा कि स्थानीय कंपनियों को केवल अपने मुनाफे के बारे में नही सोचना चाहिए। इस तरह से ऐसी पांच घटनाएं हुई जिससे भारतीय उद्योग जगत केंद्र सरकार से खासे नाराज है। जो केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक रूप से निंदा करने को लेकर खासे नाराज है। साथ ही उद्योग जगत के नेताओं की चिंता भी इस मामले में बढ़ा दी है। हालांकि घरेलू व्यवसायों को सुरना देना मोदी सरकार की प्राथमिकता रही है ताकि अमेजन सहित विदेशी कंपनियों के व्यवसाय व ई-कॉमर्स व्यवसाय पर लगाम लगाई जा सके।
हर कंपनी डरी हुई है
एक कंपनी के एक्जीक्यूटिव का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लगातार की जा रही आलोचनाओं से हर कोई डरा हुआ है। इससे निवेशकों की अवधारणा खराब हो रही है। क्योंकि कोई भी कंपनी सरकार के साथ बेईमानी नहीं करना चाहती।
कंपनियों पर सीधे हमले से धक्का लगा
इमेज गुरु और पीआर फर्म परफेक्ट रिलेशंस के सह-संस्थापक दिलीप चेरियन ने कहा कि भारतीय व्यवसायों के पर सीधे हमले व टिप्पणी से कंपनियों की प्रतिष्ठा को धक्का लगा है। वहीं, मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने इंफोसिस का बचाव करते हुए कहा कि इसने विश्व स्तर पर भारत की सॉफ्टवेयर प्रतिष्ठा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लेकिन गड़बड़ियों की व्याख्या करने की आवश्कता है। इसे देश को नुकसान पहुंचाने की साजिश नहीं की।
हालांकि, आरएसएस के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि जिस तरह से कंपनियों की आलोचना की गई है, उसमें कुछ भी गलत नहीं है। कहा कि कंपनियों को मोटी चमड़ी का होना चाहिए और उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। हालांकि मोदी सरकार के किसी राजनेता ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।