Covid 19: इम्युनिटी बढ़ाने वाला आंवला बाजार से गायब, इस कारण नहीं मंगा रहे कारोबारी
आंवला रोगरोधी क्षमता बढ़ाने में बहुत कारगर है। इसमें विटामिन सी जिंक मैग्नीशियम के साथ ही शरीर में आयरन ग्रहण करने की क्षमता बढ़ाने का बहुत ही उम्दा गुण हैं।
By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 08:21 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 08:21 AM (IST)
जमशेदपुर, जासं। covid 19 कोरोना काल में बाजार में आंवले की खूब मांग है, लेकिन बाजार से आंवला गायब है। भीषण गर्मी में पूरे जिले में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं होने के कारण भी ऐसी स्थिति बन गई है। एक तरफ दलमा जंगल में लगभग ढाई हजार पेड़ों का आंवला हर साल सूख-सड़ जाता है तो दूसरी ओर भारी मांग के बावजूद सडऩे या खराब होने के डर की मजबूरी में कारोबारी आंवला मंगा ही नहीं रहे हैं। सीजन में यहां आंवला उत्तर प्रदेश, बिहार व बंगाल से आता है।
इस कोरोना काल में आंवला रोगरोधी क्षमता बढ़ाने में बहुत कारगर है। इसमें विटामिन सी, जिंक, मैग्नीशियम के साथ ही शरीर में आयरन ग्रहण करने की क्षमता बढ़ाने का बहुत ही उम्दा गुण हैं। जिससे शरीर में खून बनता है। इसीलिए आयुष मंत्रालय और तमाम वैद्य लोगों को आंवला खाने की सलाह दे रहे हैं। पूर्वी सिंहभूम जिले में यदि कोल्ड स्टोरेज की सुविधा होती तो बाजार से आंवला गायब नहीं होता।
चाह कर भी नहीं मंगा पा रहे आंवला
साकची सब्जी मंडी के आंवले के थोक कारोबारी अनिल मंडल बताते हैं कि इस समय बाजार में आंवले की मांग काफी अधिक है। लेकिन, दुकानें सीमित समय के लिए खोलनी है और आंवले के भंडारण की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए हम लोग आंवला नहीं मंगा पा रहे हैं। सीजन में आंवला उत्तर प्रदेश, बिहार व बंगाल से आता है।
सीजन में हर रोज 20 से 25 क्विंटल आंवला की होती है खपत
अनिल बताते हैं कि जमशेदपुर में आंवले का सीजन जाड़े में दो से ढाई महीने का होता है। साकची सब्जी बाजार में सब्जियों के 12 थोक कारोबारी हैं। सीजन में कोई दो, कोई पांच तो कोई 10 क्विंटल आंवला मंगाता है। इस तरह से हर रोज 20 से 25 क्विंटल आंवला अपने यहां खप जाता है। थोक में 12 से 20 रुपये किलो तो फुटकर में आंवला 30 से 45 रुपये किलो बिकता है।
बाजार से आंवले के तमाम उत्पादों की भी कमी
पतंजलि के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. मनीष डूडिया बताते हैं कि इस समय आयुर्वेदिक दवाएं बनाने वाली तमाम कंपनियों के आंवले के उत्पाद जैसे आंवले का पाउडर, आंवले का रस, आंवला कैंडी व च्यवनप्राश आदि की बाजार में कमी है। कोरोना संक्रमण की शुरुआत में ही रोगरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों लोगों को इनके सेवन की सलाह दी और लोगों ने भी इनका जमकर उपयोग किया।
आंवले के पांच हजार पौधे रोपेगा वन विभाग
डीएफओ डॉ. अभिषेक बताते हैं कि आंवले के फायदे और इसके महत्व को देखते हुए इस साल वन विभाग जिले के विभिन्न क्षेत्रों में आंवले के पांच हजार पौधे रोपेगा। नर्सरी में पौधे तैयार हो रहे हैं। इसके लिए कहीं से कोई आदेश नहीं आया है। यह वन विभाग की अपनी पहल है।
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