जिस आंगन से बेटी की उठनी थी डोली, वहां से निकली अर्थी, वजह है हैरान करने वाली
रूपा 12 मई को सात फेरे लेने वाली थी। घरवाले नाते-रिश्तेदार सब तैयारियों में जुटे थे। शादी का निमंत्रण कार्ड भी बंट चुका था। इसी बीच रूपा ने मौत से रिश्ता जोड़ लिया।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। उलीडीह थाना क्षेत्र के शंकोसाई रोड नंबर एक की रहने वाली 22 वर्षीय रिया कुमारी उर्फ रूपा 12 मई को सात फेरे लेने वाली थी। घरवाले, नाते-रिश्तेदार सब तैयारियों में जुटे थे। शादी का निमंत्रण कार्ड भी बंट चुका था। माता-पिता शादी के लिए आभूषण खरीदने बाजार निकले थे। इसी बीच रिया ने एक झटके में मौत से रिश्ता जोड़ लिया।
आत्महत्या करने के ठीक पहले उसने अपने होने वाले पति भागलपुर जिले बख्यिानपुर के रहने वाले सूरज से मोबाइल पर बात की थी। बातचीत के दौरान ही रिया गुस्से में आ गयी थी और फोन काट दिया था। मोबाइल फोन पुलिस ने जब्त कर लिया है। रिया के पिता रामपाल शर्मा का बालीगुमा में सैलून है। दिन में सैलून में काम के बाद रात में वे दरबानी का काम करते हैं। एक पुत्र गोल्डी है। दो बेटियों में बड़ी रितू सीतारामडेरा थाना क्षेत्र स्थित भुइंयाडीह निर्मलनगर रहती है। रिया उससे छोटी थी। बारात भुइंयाडीह कालिंदी क्लब में दिल्ली से आने वाली थी। आत्महत्या के बाद शादी का माहौल मातम में बदल गया है।
फंदे से लटकती मिली रिया
रामपाल शर्मा ने बताया कि गहने खरीदने पत्नी के साथ जाते समय उन्होंने रिया को भी साथ चलने को कहा था। वह तैयार नही हुई। पत्नी के साथ बड़ी बेटी के घर पहुंचे तो होने वाले दामाद सूरज ने रिया से बातचीत कराने को कहा। बताया कि रिया मोबाइल नहीं उठा रही है। उन्होंने बेटे गोल्डी को इसकी जानकारी दी। गोल्डी ने जाकर देखा तो घर के कमरे का ग्रिल भीतर से बंद था। वह दीवार फांदकर किसी तरह से भीतर घुसा और बहन को फंदे से उतारकर एमजीएम अस्पताल लेकर गया। यहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
रिया की सूरज से फेसबुक से हुई थी दोस्ती
गोल्डी ने बताया कि सूरज से बहन की दोस्ती फेसबुक के माध्यम से हुई थी। बहन करीब डेढ़ वर्ष पहले रेलवे में नौकरी के सिलसिले में भागलपुर स्थित एसकेएस कॉलेज गई थी। नौकरी नहीं हुई। वहां पहली बार सूरज से उसकी मुलाकात हुई। दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। सूरज दिल्ली में मोबाइल दुकान में काम करता है और उलीडीह आवास में एक बार आया था। डेढ़ वर्ष पहले बहन भागलपुर से लौटी थी। बहन दिल्ली और पूना भी काम के लिए सिलसिले में जा चुकी थी। करीम सिटी से बहन ने पढ़ाई की थी। घर में एकमात्र पढ़ी-लिखी वही थी। परिवार उस पर भरोसा करता था। सूरज से अक्सर उसकी मोबाइल पर बातचीत होती रहती थी। शनिवार की सुबह भी दोनों के बीच लंबी बात हुई थी।
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