राम मंदिर चुनाव को चार ने भरा नामांकन
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बिष्टुपुर राम मंदिर चुनाव को लेकर पहले दिन चार प्रत्याशियों ने नामा
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बिष्टुपुर राम मंदिर चुनाव को लेकर पहले दिन चार प्रत्याशियों ने नामांकन भरा। नामांकन भरने वालों में एस श्रीनिवास प्रसाद ने अध्यक्ष पद के लिए तो राजा राम राव ने सहायक सचिव, पी लक्ष्मण राव ने सदस्य, एन नरसिंह राव ने वाइस प्रेसीडेंट पद के लिए नामांकन भरा। इधर वर्तमान कमेटी के अध्यक्ष सीएच श्ाकर राव ने कहा कि वे अपने समर्थक प्रत्याशियों के साथ शनिवार को नामांकन करेंगे। उनकी टीम के सदस्य एक साथ शनिवार को फार्म जमा करेंगे।
-------------------
मजिस्ट्रेट को सौंपी गई वोटर लिस्ट फर्जी : दुर्गा राव
मजिस्ट्रेट को सौंपी गई वोटर लिस्ट पूरी तरह फर्जी है। इस वोटर लिस्ट में 4 जून को हुए त्रिपक्षीय समझौते का पालन नहीं किया गया है। यह बातें राम मंदिर परिसर में शुक्रवार की शाम को पत्रकारों से बातचीत में टीम भास्कर के महासचिव पद के प्रत्याशी एसवी दुर्गा प्रसाद ने कही। इस बाबत एसडीओ के समक्ष की गई शिकायत में कहा गया है कि 4 जून को त्रिपक्षीय समझौते के अनुसार सभी निष्कासित सदस्यों के चुनाव लड़ने, वर्ष 2016 तक का वोटर लिस्ट मानने और नई चुनाव तिथि घोषित करने की बात पर सहमति बनी थी। लेकिन इस शर्त का उल्लंघन वर्तमान अध्यक्ष शंकर राव ने किया है। शंकर राव के वोटर लिस्ट से टीम भास्कर का एक भी सदस्य सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि जब नामांकन पत्र वितरण के दौरान 18 सदस्यों का क्रमांक लिखकर नामांकन पत्र वितरण किया गया तो मजिस्ट्रेट को सौंपी गई लिस्ट में उन लोगों के नाम कैसे गायब हो गये यह जांच का विषय है। उपायुक्त व एसडीओ को शिकायत पत्र सौंपे जाने के मौके पर भास्कर राव, पी प्रभाकर राव, सत्या राव, सीएच रमणा, वीडी गोपाल कृष्णा, शंकर रेड्डी सहित कई सदस्य उपस्थित थे।
-----------------
धमकी के कारण देना पड़ा नामांकन पत्र : टी आदिनारायण
राम मंदिर चुनाव को लेकर शंकर राव द्वारा बनाये गये निर्वाचन पदाधिकारी टी आदिनारायण राव से जब यह पूछा गया कि जब मेंबरशिप क्रम संख्या लिखकर नामांकन पत्र का वितरण किया तो मजिस्ट्रेट को सौंपी गई वोटर लिस्ट से टीम भास्कर के सदस्यों का नाम कैसे गायब हो गया। इस पर टी आदिनारायण राव ने कहा कि टीम भास्कर के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी भास्कर राव द्वारा उन्हें उठाकर फेंक दिए जाने की धमकी दिये जाने के बाद मजबूरी में निष्कासित सदस्यों को फार्म देना पड़ा। जहां तक फार्म वितरण की बात है फार्म स्क्रूटनी के दौरान ऐसे ही छंट जायेगा। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है।