पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने जेपीएससी के खिलाफ खोला मोर्चा, मेधा घोटाले का आरोप Jamshwdpur News
जेपीएससी रिजल्ट में कथित गड़बड़ी के खिलाफ भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी ने मोर्चा खोलते हुए ट्वीट कर जेपीएससी पर सवाल दागे हैं। उन्होंने आंदोलन शुरू करने की बात कही है।
जमशेदपुर, जेएनएन। 326 पदों पर नियुक्ति के लिए झारखंड में ली गई छठी जेपीएससी नियुक्ति परीक्षा के परिणाम में व्यापक अनियमितता का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता व पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने जेपीएससी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कुणाल षाड़ंगी ने ट्विटर पर ट्वीट के माध्यम से झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) पर रिजल्ट में धांधली करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार के चर्चित मेधा घोटाले की तर्ज पर जेपीएससी ने भी मेधा घोटाला को अंजाम दिया है।
कुणाल ने इसे मेधावी युवाओं के साथ धोखा करार देते हुए राज्य सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए हैं। कहा कि पेपर 01 जो कि क्वालीफाइंग परीक्षा थी उसके अंकों को जोड़कर अंतिम परिणाम जारी कर दिया गया है, जो जेपीएससी के नियमों का ही उल्लंघन है। इसके अलावे यूपीएससी, यूपीपीएससी, बीपीएससी एवं अन्य राज्य सेवा आयोग भी अनिवार्य विषयों के प्राप्तांक को फाइनल मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़ते हैं। कुणाल ने कहा कि जेपीएससी द्वारा नियम विरुद्ध जारी परिणाम को लेकर परीक्षार्थियों में रोष है, जो उचित है। निश्चित ही जेपीएससी ने नियम विरुद्ध और सर्वोच्च न्यायालय के गाइडलाइंस के विरुद्ध फाइनल मेरिट लिस्ट बनाकर सुयोग्य और मेधावी उम्मीदवारों के साथ छल किया है। उन्होंने झारखंड सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाया है और युवाओं के साथ सरकार नियोजित धोखा करार दिया।
कुल 326 पदों के लिए जारी हुई है अंतिम मेधा सूची
झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा 326 पदों के लिए मेरिट अनुसार फाइनल परिणाम जारी किया है। इन पदों में प्रशासनिक सेवा के 143, वित्त सेवा के 104, शिक्षा सेवा के 36, सहकारिता सेवा के 09, सामाजिक सुरक्षा सेवा के 03, सूचना सेवा के 07, पुलिस सेवा के 06 और योजना सेवा के 18 पद शामिल हैं।
कुणाल षाड़ंगी ने उठाए ये सवाल
कुणाल षाड़ंगी ने सवाल उठाए हैं कि लॉकडाउन के दौरान आखिर किस दबाव में रात्रि साढ़े नौ बजे परीक्षा परिणामों को जारी किया गया?आरोप लगाया कि षड्यंत्र पूर्वक फाइनल रिजल्ट जारी किया गया ताकि लॉकडाउन के कारण परीक्षार्थियों द्वारा विरोध प्रदर्शन ना किया जा सके। कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण रांची रेड जोन एरिया है। जेपीएससी की गड़बड़ी से छले गये प्रतिभागी ना तो राज्यपाल से मिल सकतें है और ना ही उचित फोरम पर विरोध दर्ज करा सकतें है। कुणाल षाड़ंगी ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार के संरक्षण में सुनियोजित तरीके से कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए जेपीएससी ने मेधावी छात्र- छात्राओं के साथ धोखा किया है। उन्होंने जेपीएससी को इस गड़बड़ी के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है।
ये गिनाए उदाहरण
- केस स्टडी 01 : झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा जारी अंकतालिका में मुख्य परीक्षा के प्रश्न पत्र-1(क्वालीफाइंग पेपर) के अंक जोड़े जाने के कारण बहुत से अभ्यर्थी अनुत्तीर्ण हो गए जिन्हें मेरिट के अनुसार उत्तीर्ण होना चाहिए था।
- केस स्टडी 02 : मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार के अंकों को जोड़कर जेपीएससी द्वारा कटऑफ ( UR- 600, EBC1- 594, BC2- 621, SC- 538, ST- 524 ) अंक जारी किया गया था। जबकि EBC1 कैटेगरी में ऐसे अभ्यर्थियों का भी चयन किया गया जिनका प्राप्तांक 593 है।
- केस स्टडी 03 : आयोग द्वारा जारी अंकपत्र में PAPER-V के स्थान पर PAPER-lV दर्शाया गया।