टाटा स्टील के पूर्व प्रबंध निदेशक ने नववर्ष को लेकर कही दिल की बात,पढि़ए
टाटा स्टील के पूर्व प्रबंध निदेशक डॉ जेजे ईरानी ने बताया कि जमशेदपुर आने से पहले उन्होंने पहली जनवरी को कभी उत्सव के रूप में नहीं मनाया।
जमशेदपुर, जेएनएन। टाटा स्टील के पूर्व प्रबंध निदेशक डॉ जेजे ईरानी ने नववर्ष को लेकर खास जानकारी साझा की। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने बताया कि जमशेदपुर आने से पहले उन्होंने पहली जनवरी को कभी उत्सव के रूप में नहीं मनाया। आइए पढिए उन्होंने क्या कहा:
मेरा जन्म नागपुर (महाराष्ट्र) के पारसी परिवार में हुआ। बचपन में हमलोग पारसी नववर्ष मनाते थे, लेकिन आसपास या पूरे शहर का माहौल ऐसा था कि दीवाली को ही नया साल समझते थे। पहली जनवरी तो कब आती थी और कब निकल जाती थी, पता ही नहीं चलता था। बचपन या कॉलेज लाइफ में भी हमने कभी पहली जनवरी को उत्सव के रूप में नहीं मनाया। जब टाटा स्टील में नौकरी की और जमशेदपुर आया, तो मनाने लगा। कंपनी में आज भी पहली जनवरी को सभी ऑफिसर एक साथ मिलकर केक काटते हैं और उत्सव मनाते हैं। यह परंपरा 50 वर्ष से चली आ रही है।
मैसेज में नहीं मिलती ग्रीटिंग कार्ड के जैसी खुशी
अभी-अभी टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन का पत्र मिला, जिसमें नववर्ष 2019 की उन्होंने बधाई दी है। सचमुच बधाई पत्र या ग्रीटिंग कार्ड पाकर जो खुशी मिलती है, वह मोबाइल पर मिले मैसेज या फोन से नहीं मिलती। मैं तो ग्रीटिंग कार्ड से बहुत आनंदित होता हूं। वैसे भी मेरी उम्र 80 वर्ष से ज्यादा हो गई है। मैं पुराने ख्याल का हूं। शायद इसलिए भी मेरा मानना है कि कार्ड की बराबरी कोई नहीं कर सकता। इसमें अपनापन महसूस होता है। रिश्ते की गर्माहट बढ़ जाती है।
सभी को न्यू ईयर मनाना चाहिए
मेरा मानना है कि न्यू ईयर सबको मनाना चाहिए। वैसे भी यह पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इसमें जाति-समाज का कोई बंधन नहीं है। इससे एकता का भाव भी जगता है, जबकि अभी देश के अलग-अलग हिस्से में अलग-अलग पर्व-त्योहार मनाए जाते हैं। इससे यह भाव निकलता है कि देश पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण में बंटा हुआ है। कॉमन सेलिब्रेशन होना चाहिए, वह न्यू ईयर से अच्छा दूसरा नहीं हो सकता। यह देशवासियों को आपस में जोड़ेगा।
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