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INCAB Jamshedpur: इंकैब के पूर्व परिसमापक शशि अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, ये रही पूरी जानकारी

इंकैब इंडस्ट्रीज के पूर्व परिसमापक शशि अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट के डबल बेंच ने इस मामले में इंकैब कर्मचारियों को तीन सप्ताह में अपना पक्ष रखने जबकि शशि अग्रवाल व कमला मिल्स को तीन सप्ताह में प्रत्युत्तर दाखिल करने का आदेश दिया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 28 Jun 2021 04:12 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jun 2021 09:47 AM (IST)
एनसीएलएटी के आदेश को शशि अग्रवाल व कमल मिल्स ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

जमशेदपुर, जासं। इंकैब इंडस्ट्रीज के पूर्व परिसमापक शशि अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट के डबल बेंच ने इस मामले में इंकैब कर्मचारियों को तीन सप्ताह में अपना पक्ष रखने जबकि शशि अग्रवाल व कमला मिल्स को तीन सप्ताह में प्रत्युत्तर दाखिल करने का आदेश दिया है।

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इंकैब इंडस्ट्रीज मामले में चार जून को नेशनल कंपनी लॉ अपीलिएट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) द्वारा कंपनी को दिवालिया करने के आदेश को खारिज कर दिया था। साथ ही कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) द्वारा लिए गए आदेश पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। इसके अलावा कंपनी के परिसमापक शशि अग्रवाल पर इंसॉल्वेंसी एंड बैंक करप्सी कोड (आइबीसी) के नियमों का अनुपालन नहीं करने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का भी आदेश जारी किया था।

अदालत ने कही ये बात

एनसीएलएटी द्वारा दिए गए आदेश को शशि अग्रवाल व कमल मिल्स ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें अपील संख्या 2209-2210/2021 और कमला मिल्स द्वारा दायर डायरी नंबर 13239-2021 पर न्यायधीश नवीन सिन्हा व न्यायाधीश संजीव खन्न की अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि उनके मुताबिक एनसीएलएटी का आदेश पूरी तरह से तार्किक है। लेकिन अपीलकर्ताओं ने वैधानिक अपील दायर किया है इसलिए कोर्ट उनकी शिकायतों को जरूर सुनेगी। सुनवाई के दौरान कमला मिल्स के वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि लेनदारों की समिति में उनका 80 प्रतिशत शेयर है। इसलिए एनसीएलएटी का आदेश सही नहीं है कि लेनदारों को कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स में शामिल नहीं किया जा सकता है। इस पर जमशेदपुर कर्मचारियों के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि आईबीसी एक्ट के तहत कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स की कमेटी में केवल स्टेट बैंक को ही रहने का अधिकार है न कि किसी प्राइवेट कंपनी को।

शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश

सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने जमशेदपुर और कोलकाता के कर्मचारियों को अपना शपथ पत्र तीन सप्ताह के अंदर फाइल करने का आदेश दिया। वहीं, शशि अग्रवाल व कमला मिल्स को भी तीन सप्ताह में प्रत्युत्तर दाखिल करने का आदेश दिया है। जमशेदपुर के कर्मचारियों की ओर से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव, अवनीश सिन्हा, संजीव महंती, पीएस चन्द्रलेखा और आकाश शर्मा ने हिस्सा लिया। कोलकाता के कर्मचारियों के तरफ से ऋषभ बनर्जी और शशि अग्रवाल की तरफ से वरीय अधिवक्ता केवी विश्वनाथन ने कार्यवाही में हिस्सा लिया।


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