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पहली बार जमशेदपुर के चिकित्सक बने झारखंड राज्य चिकित्सा पर्षद के अध्यक्ष

झारखंड राज्य चिकित्सा पर्षद की बुधवार को रांची में बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता डॉ. एके सिंह ने की। बैठक में जमशेदपुर के डॉ. साहिर पॉल को सर्वसम्मति से पर्षद का अध्यक्ष चुन लिया गया। इस मौके पर राज्य भर के डॉक्टर्स मौजूद थे।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 08:40 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 08:40 PM (IST)
पहली बार जमशेदपुर के चिकित्सक बने झारखंड राज्य चिकित्सा पर्षद के अध्यक्ष
पहली बार जमशेदपुर के चिकित्सक बने झारखंड राज्य चिकित्सा पर्षद के अध्यक्ष

जमशेदपुर : झारखंड राज्य चिकित्सा पर्षद की ओर से बुधवार को रांची में पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. एके सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इसमें पूर्वी सिंहभूम जिले के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसीएमओ) डॉ. साहिर पाल को अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, रांची के डॉ. विमलेश सिंह को सचिव बनाया गया है। जबकि पूर्व निदेशक डॉ. प्रवीण चंद्रा को सदस्य बनाया गया है।

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डॉ. शाहिर को बधाई देने वालों को लगा तांता

इसके अलावा कमेटी में डॉ. बासुदेव दास, डॉ. सुशील कुमार सिंह, डॉ. विवेक कश्यप व डॉ. प्रदीप कुमार सिंह शामिल हैं। डॉ. साहिर पाल को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद जमशेदपुर के चिकित्सकों में खुशी की लहर है। देर रात तक चिकित्सक उनको फोन कर बधाई देते रहे। चिकित्सकों का कहना है कि यह जमशेदपुर के लिए गर्व की बात है। इससे आधारभूत संचरना मजबूत होगी। वहीं, डॉ. साहिर पाल जिला सर्विलांस पदाधिकारी भी हैं।

पहली बार जिले से बने अध्यक्ष

इससे पूर्व वे पश्चिमी सिंहभूम जिले में तैनात थे लेकिन कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए उनकी तैनाती पूर्वी सिंहभूम जिले में की गई। इसके बाद उन्होंने कमान संभाली। इस दौरान वे भी संक्रमित हुए लेकिन हार नहीं मानी। स्वस्थ होते ही वह फिर से मैदान में कूद पड़े। डॉ. साहिर पाल पोलियो अभियान में भी अहम भूमिका निभाई थी। जिला स्वास्थ्य विभाग में सेवा देने से पूर्व वे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में तैनात थे। डॉ. साहिर पाल के नाम कई उपलब्धि है।

  • झारखंड राज्य चिकित्सा पर्षद के कार्यों की विवरणी
  • चिकित्सकों का स्थायी रजिस्ट्रेशन करना।
  • चिकित्सकों का अस्थायी रजिस्ट्रेशन करना।
  • चिकित्सकों द्वारा लिए गए एनओसी की जांच करना।
  • बेहतर प्रदर्शन करने वाले चिकित्सकों को प्रस्तुति पत्र।
  • लेखा से संबंधित सभी कार्यों का निष्पादन करना।
  • नेशनल मेडिकल काउंसिल द्वारा प्राप्त चिकित्सकों पर शिकायत का निष्पादन करना।
  • डायरेक्ट कार्यालय को प्राप्त चिकित्सकों पर शिकायत का निष्पादन करना।
  • स्वास्थ्य चिकित्सा विभाग के सभी पत्रों का निष्पादन करना।

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