तापमान में उतार-चढ़ाव डाल रहा पेट पर बुरा असर, बरते ये सावधानी
तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव का बुरा असर पेट पर पड़ रहा है। इससे उल्टी-दस्त की परेशानी बढ़ रही है। आइए जानिए किन एहतियातों से आप समस्या से बच सकते हैं।
जमशेदपुर, जेएनएन। सावन के महीने में जेठ की दोपहरी सरीखा अहसास। सूरज के तल्ख तेवर और बारिश कम होने से लोगों के पेट पर बुरा असर पड़ रहा है। बच्चों से लेकर बड़े तक पेट की खराबी से परेशान हो रहे हैं।आलम यह है कि अस्पताल में आने वाला हर तीसरा मरीज उल्टी-दस्त से परेशान है। इसके साथ बच्चों में सर्दी-खांसी और बुखार भी हो रहा है, जिससे उनकी हालत बिगड़ रही है।
फिजिशियन डॉ. आरएल अग्रवाल बताते हैं कि मौसम में लगातार बदलाव और तापमान में उतार-चढ़ाव को शरीर सहन नहीं कर पाता। अस्पताल में मरीज उल्टी-दस्त, पीलिया, फूड पॉइजनिंग और टाइफाइड के अधिक पहुंच रहे हैं। दूषित खाने-पीने से उल्टी-दस्त के मरीज बढ़ गए हैं। इसमें जल्दी ध्यान नहीं देने पर पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) हो रही है। यह स्थिति चिंताजनक है। डिहाइड्रेशन की स्थिति में मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है।
बाहर का खाना न खाएं
डॉ. आरएल अग्रवाल ने बताया कि बार-बार तापमान में बदलाव शरीर सहन नहीं कर पाता। खासतौर पर बच्चों को परेशानी होती है। इन दिनों 60 फीसद लोग डायरिया, पेट में संक्रमण, टाइफाइड और पीलिया का शिकार हो रहे है। इन दिनों बाहर खुले में रखी खाने-पीने की चीजें नहीं खाना चाहिए।
इन बातों का रखें ध्यान
- कहीं भी रास्ते चलते पानी न पीएं। बाहर में आरओ या प्यूरिफायर का पानी ही पीएं।
- संभव हो तो पानी उबालकर ठंडा करके पीएं।
- बाहर ठेलों पर बिकने वाली चीजें को खाने से बचें।
- उल्टी-दस्त को नजरअंदाज न करें। तुरंत डॉक्टर को दिखाकर दवाई लें।
- ओआरएस का घोल पीते रहें।
जमशेदपुर में टूट चुका है आठ साल का रिकार्ड
जमशेदपुर शहर का अधिकतम तापमान पिछले आठ साल का रिकार्ड तोड़ चुका है। आइए डालिए छह दिनों के अधिकतम तापमान पर नजर।
पिछले पांच दिन का तापमान
तिथि - तापमान
10 - 35.0
11 - 35.6
12 - 35.8
13 - 36.2
14 - 37.2
15 - 37.4
डिग्री सेल्सियस में