सर्दी आते ही खिलखिलाने लगे फूलों के बाग, प्रतिदिन बिक रहे ढाई हजार पौधे
आप भी अगर फूलों की बगिया अपने घर में महकाना चाहते हैं तो सर्दी से अच्छा मौसम कोई नहीं। लौहनगरी में कई ऐसे शौकीन है जिन्होंने अपनी छत को ही बगिया बना लिया है।
जमशेदपुर, जासं। सर्दी आते ही शहर में रहने वाले फूलों के शौकीनों का झुकाव शहर में बिकने वाले फूलों के पौधों की दुकानों की तरफ होने लगा है। आप भी अगर फूलों की बगिया अपने घर में महकाना चाहते हैं तो सर्दी से अच्छा मौसम कोई नहीं। लौहनगरी में कई ऐसे शौकीन है जिन्होंने अपनी छत को ही बगिया बना लिया है और रंग-बिरंगे फूल के बीच अपने दिन गुजार रहे हैं।
शहर के आबादी के जिन घरों में फूल लगाए गए हैं उनकी देखभाल करीब 90 से 100 मालियों द्वारा की जाती है। साकची के दास नर्सरी सहित अन्य 20-25 नर्सरी व दुकानों में फूलों के पौधे व बीज मिलते हैं। यहां से प्रतिदिन दो हजार से ढाई हजार फूलों के पौधों की बिक्री हो रही है। पौधे बंगाल से शहर में मंगाया जाते हैं। वहीं नर्सरी में बीज डालकर फूलों को पौधो उगाया जा रहा है। पौधे 10-15 रुपये में बिक रहे हैं जबकि फूल लगे पौधे 30-50 रुपये में एक मिल रहा है।
सर्दी में लगने वाले फूलों के पौधे
मैरीगोल्ड, जाफरी, डहेलिया, ऑरनामेंटल कैबेज, बिगोनिया, डेजी, गजेनिया हेली, ल्यूपिन वाल फ्लावर, एलाइसम, कैंडीटफ, कारनेशन, डायमोरफोतिका, आइस प्लांट, ल्युपिन, ब्राचीकम, लाइनेरिया, निकोटियाना, नाइजेलिया, इम्पेशन्स, पैंजी, फ्लॉक्स, साइनेरिया, साल्विया। इसके अलावा सांध्य मालती, पेटुनिया, रजनीगंधा ट्यूबरोज, ग्लैडिओलस, कैलेन्डुला एन्टिरहिनम, एलिसम, डिमोरफोथेका, एसोलिझिया, लाइनेरिया, ब्रासिका, मेतुसेरिया व वेरबेना सर्दियों के फूल है।
नर्सरियों पर लगी रहती है भीड़
सर्दी के मौसम में कई प्रजातियों के फूल के पौधे आसानी से नर्सरी व बाजार में मिल जाते हैं। नर्सरी वाले तो खुद ही बीज के मदद से पौधे को उगाते हैं। जबकि बाजार में जो फूल के पौधे बिकते हैं वे दुकानदार बंगाल से मंगवाते हैं।
गुलाब का मौसम आ गया
लाल, सफेद, गुलाबी, काले, नीले व हरे गुलाब भी अब खिलने लगे हैं। इसकी 90 से ज्यादा प्रजातियों से लोग वाकिफ हैं। अपनी खुशबू व खुबसूरती के कारण ही इसे फूलों का राजा भी कहा जाता है। सर्दियों में खिलने वाला ट्यूलिप काफी खूबसूरत व सुगंध फैलाने वाला फूल है। इसकी 115 प्रजाति है, यह करीब सभी रंगों में पाया जाता है।
डहेलिया करती है आकर्षित
डहेलिया एक बड़े आकार व 40 से ज्यादा रंगों में पाया जाने वाला फूल है। इसकी 40,000 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। इसमें हाइब्रिड डहेलिया के फूल काफी बड़े होते हैं। इसके लिए खुली धूप वाला बागिचा या गमला बेहतर है। यह लाल, पीला, गुलाबी, बैंगनी और दोहरे रंगों में मिलती है। डहेलिया के अलावा गेंदा के फूल भी सर्दी के मौसम में लोग अपने घरों में लगाते हैं। इसके हाइब्रिड फूल काफी बड़े होते हैं।
इस तरह लगाएं गमलों में पौधे
सर्दी के मौसम में ज्यादातर लोग गमले में पौधे लगाना शुरू कर देते हैं। इसके लिए गमले में आधा हिस्सा पुरानी गोबर की खाद, आधा हिस्सा कोकोपीट, थोड़ी सी मिट्टी (पुराने गमले की) मिलाकर गमले को भर लें। फिर इसमें पौधा लगाएं। अगले पन्द्रह दिन तक पौधे में पानी के अलावा कुछ नहीं देना है। हालांकि पानी डालने से पहले ध्यान रखें कि पहले डाला गया पानी सूख गया हो। पंद्रह दिन बाद आप पौधों में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश की बराबर मात्रा में मिश्रण को पानी में घोलकर स्प्रे कर सकते हैं या चाहें तो सूखा मिश्रण डालकर पानी दे दें। इस मिश्रण का प्रयोग एक माह तक हर सप्ताह करना है।
जानकारों से पूछकर ही करें पौधों का चुनाव
जानकारों से पूछकर ही फूलों के पौधों का चुनाव करना जरूरी है। तभी घर की फुलवारी को हरी भरी रखना संभव हो पाएगा। सर्दियों में विभिन्न तरह के पौधों के लिए धूप, पानी, हवा, पौष्टिक भोजन (मिट्टी-खाद) आदि की आवश्यकताएं होती हैं। इन सभी बातों पर ध्यान देकर बागवानी करने पर ही पेड़, पौधे और फूल अच्छे होंगे।
पौधों की बिक्री बढ़ जाती
सर्दी आते ही फूलों के पौधों की बिक्री बढ़ जाती है। इस मौसम में डहेलिया, गेंदा सहित अन्य फूलों के पौधे बिक्री होते हैं।
- सुखदेव गिरी, नर्सरी संचालक, साकची
बाजार सजकर तैयार
- डहलिया व गेंदा कर रहा लोगों का आकर्षित
- प्रतिदिन बिक रहे ढाई हजार पौधे
- 20 से 25 नर्सरी पर मिलते हैं फूलों के पौधे
- 10 से 15 रुपये में बिक रहे हैं बिना फूल लगे पौधे
- 30 से 50 रुपये में एक मिल फूल लगा पौधा