झारखंड का पहला सरकारी स्कूल वेब पर
जागरण विशेष -उत्क्रमित मध्य विद्यालय टांगराइन की गतिविधियां वेबसाइट पर अपलोड -सराहनीय पहल
जागरण विशेष
-उत्क्रमित मध्य विद्यालय टांगराइन की गतिविधियां वेबसाइट पर अपलोड
-सराहनीय पहल की शिक्षा विभाग ने भी की तारीफ
वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर : अगर कुछ करने का जज्बा हो तो सुविधाएं मोहताज नहीं होतीं। कुछ ऐसा ही प्रयास एक शिक्षक ने किया है। जमशेदपुर शहर से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मध्य विद्यालय के शिक्षक ने अपना स्कूल का वेबसाइट ही बना डाली है। सिर्फ यही नहीं, इस वेबसाइट में अपनी स्कूल की सारी गतिविधियों को अपलोड किया जा रहा है। यह स्कूल पूर्वी सिंहभूम जिला के पोटका प्रखंड में स्थित है और नाम है उत्क्रमित मध्य विद्यालय, टांगराइन। इस विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार तिवारी ने जब से स्कूल में योगदान दिया है तब से इस स्कूल को चमकाने और शिक्षा विभाग की नजरों से ओझिल इस विद्यालय को सुधारने-संवारने के लिए नित नये प्रयोग कर रहे हैं। इसमें उन्हें कामयाबी भी मिल रही है। इसमें ग्रामीणों और छात्रों और स्कूल के शिक्षकों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। वर्तमान में उन्होंने स्कूल के नाम से वेबसाइट बनाई है। वेबसाइट को डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटटंगराइनडॉटइन टाइप कर खोला जा सकता है। पूर्ण सरकारी रूप से प्राथमिक व मिडिल स्कूल ने अब तक किसी ने भी अपना वेबसाइट नहीं बनाया है। शिक्षक ने अपने प्रयास से स्कूल का वेबसाइट बनाया भी है और विद्यालय की हर गतिविधियों को इसमें अपलोड करने का भी वे प्रयास कर रहे हैं।
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कंडम स्कूल से बना आदर्श स्कूल
शिक्षक अरविंद कुमार तिवारी का इस स्कूल में पदस्थापन 31 जनवरी 2017 को हुआ था। उनका जुड़ाव इस गांव से वर्ष 2005 से ही सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में रहा है। स्कूल में पदस्थापन के बाद स्कूल के बच्चों की सर्वागीण विकास के लिए उन्होंने एक खाका बनाया। इस खाके के अनुसार वे लगातार कार्य कर रहे हैं। इस कारण स्कूल में बच्चों की उपस्थिति बढ़ गई है। अब 95 प्रतिशत से अधिक बच्चे स्कूल पहुंचने लगे हैं। यहां के बच्चे खेल एवं मनोरंजन से वंचित थे। बच्चों को कंप्यूटर साक्षर बनाने का बीड़ा इस शिक्षक ने उठाया है। लिखने की प्रवृति को बढ़ावा तथा भाषा ज्ञान को मजबूत करने के लिए सभी विधार्थियों को प्रतिदिन दो पन्ना ¨हदी तथा दो पन्ना अंग्रेजी लिखने की आदत डाली। कॉपी खत्म होने पर बच्चे अपनी पुरानी कॉपी जमा कर रहे हैं। इसके बाद उन्हें नई कॉपी प्रदान की जायेगी। बच्चों की यह आदत उनमें भाषा की पकड़ एवं भाषा के प्रवाह को बढ़ाने में मदद कर रही है। बक्कड रीडिंग क्लब व सुनो कहानी के द्वारा बच्चों में पढ़ने की प्रवृति को बढ़ावा देने के लिए लगभग बारह पत्रिकाएं नियमित मंगाई जा रही हैं। नई-नई पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके लिए रीडिंग क्लब का गठन किया गया है। 'सुनो' कहानी के तहत बच्चे कहानी सुनाते हैं। इससे बच्चों में पढ़ने की प्रवृति बढ़ रही है। सभी बच्चों का जन्म दिन मनाया जाता है। उन्हें जन्मदिन पर पौधा लगाने के लिए प्रेरित किया गया। योग शिक्षा भी दी जा रही है। बच्चों में गणितीय क्षमता के विकास के लिए 100 तक की गिनती व 20 तक का पहाड़ा के लिए विशेष अभियान 'कहो पहाड़ा' और 'पहाड़ा रैली' निकाली जाती है।
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कोट :
-हमारा लक्ष्य है विद्यालय का सर्वागीण विकास। विद्यालय को किसी भी माध्यम में पिछड़ने न देना है। मैं इसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा हूं। इसमें सभी का सहयोग मिल रहा है। -अरविंद कुमार तिवारी, प्रभारी प्रधानाध्यापक, उत्क्रमित मध्य विद्यालय, टांगराइन, पोटका।
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-किसी सरकारी स्कूल के शिक्षक द्वारा वेबसाइट बना लेना सराहनीय है। शिक्षकों में कुछ अपने स्तर से कार्य करने की ललक होनी चाहिए। तभी शैक्षणिक गति को बढ़ावा मिलेगा। -बांके बिहारी सिंह, जिला शिक्षा अधीक्षक, पूर्वी सिंहभूम।