Move to Jagran APP

अमेजन किंडल में जमशेदपुर की पहली राजनीतिक पुस्तक प्रकाशित, आपको पढना चाहिए

First political book of Jamshedpur. दुनिया के सबसे बड़े ई-बुक प्लेटफार्म अमेजन किंडल में जमशेदपुर की पहली राजनीतिक पुस्तक प्रकाशित हुई है। इस पुस्तक का नाम पर्दे के पीछे राजनेता हैै। पुस्तक के लेखक पत्रकार कवि कुमार हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 05:18 PM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 05:18 PM (IST)
अमेजन किंडल में जमशेदपुर की पहली राजनीतिक पुस्तक प्रकाशित, आपको पढना चाहिए
अमेजनडॉट इन पर b08x1g3swl सर्च कर इस पुस्तक को देखा जा सकता है।

जमशेदपुर, जासं। दुनिया के सबसे बड़े ई-बुक प्लेटफार्म अमेजन किंडल में जमशेदपुर की पहली राजनीतिक पुस्तक प्रकाशित हुई है। इस पुस्तक का नाम 'पर्दे के पीछे राजनेता' हैै। पुस्तक के लेखक पत्रकार कवि कुमार हैं।

loksabha election banner

इस पुस्तक में 45 सालों के अंदर उभरते-डूबते झारखंड और बिहार के राजनीतिज्ञ जैसे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, विधायक सह पूर्व मंत्री सरयू राय, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता पूर्व सांसद डा. अजय कुमार, झारखंड के मंत्री बन्ना गुप्ता, पूर्व छाया मुख्यमंत्री सूरज मंडल, कारपोरेट जगत के विश्व प्रसिद्ध रूसी मोदी आदि के पर्दे के पीछे के अनछुए पहलू पर लिखा गया है।  चुनावी चक्रम में उन नेताओं की आड़ी-तिरछी चालों का ज्रिक भी है। उन नेताओं के खिलाफ किए गए राजीतिक षड़यंत्रों का भंडाफोड़ भी किया गया है। समय की धूल की मोटी परत हटाकर उन वारदातों को इस पुस्तक में जगह दी गई है। अमेजन डॉट इन पर b08x1g3swl सर्च कर इस पुस्तक को देखा जा सकता है। इसका मूल्य मात्र 100 रुपये है।

'दोधारी तलवार' भी संपादन कर चुके कवि कुमार

कवि कुमार ने 2016 में 'दोधारी कलम' नामक पुस्तक का संपादन किया था। यह पुस्तक कोल्हान में पत्रकारिता की नींव रखने वाले कविवर गंगाप्रसाद 'कौशल' और उनकी पत्नी सरला कौशल के कृतित्व और व्यक्तित्व पर आधारित थी। याद रहे कविवर गंगाप्रसाद 'कौशल' ने 1953 में अपने समाचार पत्र 'आजा़द मज़दूर' का संपादन, प्रकाशन और मुद्रण शुरू किया था। 1975 में उनके देहांत के बाद इस समाचार पत्र का संपादन सरला कौशल ने किया। इस पुस्तक में कविवर कौशल की कहानियां, कविताएं और संपादकीय प्रकाशित की गई थीं। इसके अलावा कविवर कौशल को लिखे गए मूर्धन्य साहित्यकार अयोध्या प्रसाद सिंह हरिऔध, राष्ट्रकवि दिनकर, हजारी प्रसाद द्विवेदी, रामकुमार वर्मा, जानकी वल्लभ शास्त्री आदि के पत्र छापे गए थे। इस पुस्तक में देश के मूर्धन्य साहित्यकारों के लेख भी प्रकाशित किए गए थे, जो उन्होंने कविवर कौशल के बारे में लिखे थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.