जमशेदपुर में होगा आइ लीग के यूथ टूर्नामेंट का फाइनल राउंड, हो चुके हैं आइएसएल के मुकाबले
झारखंड के जमशेदपुर के जेआरडी टाटा स्पोट्र्स कांप्लेक्स में अब आइ लीग यूथ टूर्नामेंट का फाइनल राउंड होगा। इससे पहले आइएसएल के मुकाबले हो चुके हैं।
जमशेदपुर, जासं। इंडियन सुपर लीग (आइएसएल) की सफल मेजबानी के बाद अब जेआरडी टाटा स्पोट्र्स कांप्लेक्स में आइ लीग यूथ टूर्नामेंट का फाइनल राउंड होगा। अंडर-18 आइ लीग जनवरी व फरवरी महीने में तथा अंडर-13 व अंडर-15 आइ लीग अप्रैल महीने में आयोजित की जाती है।
जमशेदपुर एफसी के ग्र्रासरूट कार्यक्रम को देखने अखिल भारतीय फुटबॉल फेडरेशन (एआइएफएफ) के तकनीकी निदेशक आइजक के साथ पहुंचे आइ लीग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनंदो धर ने बताया कि लौहनगरी में फुटबॉल के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का आधारभूत संरचना है। यह विश्व स्तरीय स्टेडियम है। यहां का हाई परफॉर्मेंस सेंटर देश में अव्वल है। हम इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं।
जेएफसी के ग्र्रासरूट प्रोग्र्राम से सीख ले क्लब
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय फुटबॉल फेडरेशन ग्र्रासरूट पर ज्यादा जोर दे रही है। सात साल पहले तक अंडर-18 आइ लीग में सिर्फ 14 टीमें भाग लेती थी। लेकिन अब फेडरेशन अंडर-13 व अंडर-15 लीग भी करा रही है, ताकि ग्र्रासरुट स्तर से फुटबॉल का विकास हो। फिलहाल देश भर की 300 टीमें जूनियर लीग में खेल रही है। सुनंदो ने कहा कि जमशेदपुर एफसी जिस तरह ग्र्रासरूट लेवल पर कार्य कर रही है, वह दूसरे क्लबों के लिए नजीर है।
टीडब्ल्यू 3 से हो रही उम्र जांच
सुनंदो ने बताया कि भारत में 'उम्र चोरी' करना एक आम बात है। किसी भी खेल की बात करें तो 18 साल के बच्चे अंडर-15 में खेलते हैं। ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन अब टीडब्लू 3 मेथड (टैनर ह्वाइटहाउस एक्सरे) से अब खिलाडिय़ों की जांच कर रही है, ताकि उसका किसी खास खिलाड़ी का सही जैविक उम्र पता चल सके। यह जांच सिर्फ 16 साल के उम्र तक के खिलाडिय़ों पर ही की जाती है। भारत में सबसे पहले उम्र जांच के लिए टीडब्ल्यू थ्री मेथड का प्रयोग भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड ने किया था। टीडब्ल्यू थ्री मेथड में रिस्ट (कलाई) की हड्डी की जांच की जाती है। अभी गोल्डन बेबी लीग का आयोजन किया जाएगा। इसमें तीन से छह उम्र के बच्चों को रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। इसके तहत अभी तक देश भर से 22 हजार बच्चों ने पंजीयन कराया है। आइ लीग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनंदो ने कहा कि आइ लीग व आइएसएल का मर्जर में अभी वक्त लगेगा।
खुद का स्टाइल विकसित करे भारतीय फुटबॉल : आइजक
ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के तकनीकी निदेशक आइजक ने कहा कि भारत को ना तो स्पेनिश ना ही लैटिन स्टाइल के फुटबॉल पर निर्भर रहना चाहिए। उसे खुद का भारतीय स्टाइल विकसित करना होगा। जमशेदपुर एफसी की सुविधाओं का जायजा लेने पहुंचे आइजक ने कहा कि जापान, कोरिया जैसी एशियाई टीमों से भारतीय फुटबॉल की तुलना करें तो यहां फुटबॉल काफी धीमा खेला जाता है। तकनीक का भी अभाव है। जैसे सोना से गहने बनाने में काफी मेहनत करना पड़ता है, वैसा ही हमें करना होगा। प्रतिभाएं तो हैं, लेकिन उसे तराशना होगा।
बनाने होंगे अधिक कोच
इसके लिए कोचिंग एजुकेशन के साथ अधिक से अधिक कोच बनाने होंगे। आइजक ने माना कि भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जमशेदपुर की बात करें तो यहां के तीरंदाज विश्व फलक पर अपना अमिट छाप छोड़ रहे हैं। फुटबॉल में भी हम ऐसा कर सकते हैं। अंडर-17 विश्वकप की मेजबानी के सवाल पर उन्होंने कहा कि सिर्फ हमें मेजबान देश नहीं बनना चाहिए। हमें विजेता टीम तैयार करना होगा। इसके लिए मेड इन इंडिया स्टाइल पर काम करना होगा।