किसी की मां की तबीयत खराब तो किसी की बेटी अकेली
लॉकडाउन में पिछले 52 दिनों से किसी की बेटी दिल्ली में अकेली फंसी है तो किसी के माता-माता पिता बीमारी से जूझ रहे हैं। यही मजबूरी है कि लोग ट्रेनों से सफर रहे हैं। जैसे ही रेलवे ने ट्रेन के परिचालन की घोषणा की लौहनगरी के लोगों ने आनन-फानन में टिकटों का रिजर्वेशन कराया और चल पड़े दिल्ली अपनों के पास। इधर टाटानगर में आने वाले सभी रेल यात्रियों की पूरी जानकारी सीनियर डीसीएम मनीष कुमार पाठक ने ली। वे प्लेटफार्म नंबर एक से तीन तक घूम-घूम कर पूरी सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखे हुए थे।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : लॉकडाउन में पिछले 52 दिनों से किसी की बेटी दिल्ली में अकेली फंसी है तो किसी के माता-माता पिता बीमारी से जूझ रहे हैं। यही मजबूरी है कि लोग ट्रेनों से सफर रहे हैं। जैसे ही रेलवे ने ट्रेन के परिचालन की घोषणा की लौहनगरी के लोगों ने आनन-फानन में टिकटों का रिजर्वेशन कराया और चल पड़े दिल्ली अपनों के पास। इधर, टाटानगर में आने वाले सभी रेल यात्रियों की पूरी जानकारी सीनियर डीसीएम मनीष कुमार पाठक ने ली। वे प्लेटफार्म नंबर एक से तीन तक घूम-घूम कर पूरी सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखे हुए थे।
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मैं टाटा मोटर्स का कर्मचारी हूं। जनवरी माह में मेरी पत्नी व बच्चे गुड़गांव गये थे। ट्रेन परिचालन शुरू होते ही मैं अपने परिवार को लाने के लिए दिल्ली जा रहा हूं।
-करण मल्होत्रा, टेल्को
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मैं अपनी ताई व उनके बच्चों से मिलने के लिए दिल्ली जा रहा हूं। वे टाटानगर नहीं आ पा रहे हैं। वहां जाने के बाद किसी तरह टिकट रिजर्व कराकर उन्हें लेकर टाटानगर लौटना है।
शुभम, टिनप्लेट
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मेरी बेटी दिल्ली में जॉब करती है। उसकी तबीयत वहां बिगड़ गई है। उसे देखने वाला कोई नहीं है। लॉकडाउन के कारण मैं अपनी बेटी के पास नहीं जा पाई। अब जा रही हूं।
उषा देवी आदित्यपुर
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मैं दिल्ली जाने वाला था लेकिन लॉकडाउन के कारण नहीं जा पाया। मेरी बेटी दिल्ली में अकेली रहती है। उसने कई बार मुझे बुलाया लेकिन नहीं जा पाया। मैं उसके पास जा रहा हूं।
प्रमोद कुमार सरायकेला
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मेरे पिता का दिल्ली में आपरेशन हुआ है। मां की भी तबीयत खराब है। मैं मेरी पत्नी व बच्चे लॉकडाउन के कारण टाटानगर में फंस गए। अपने माता पिता को देखने दिल्ली जा रहा हूं।
- गणेश कुमार गोलमुरी