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Weekly News Roundup Jamshedpur : यहां हादसे का हो रहा इंतजार, पढ़‍िए च‍िक‍ित्‍सा जगत की अंदरूनी खबर

सदर अस्पताल में भेड़-बकरी की तरह एक ही दिन में 50 से अधिक महिलाओं का बंध्याकरण कर दिया जा रहा है। नियम कहता है कि एक दिन में अधिक से अधिक 20 से 30 ऑपरेशन ही किए जा सकते हैं।

By Edited By: Published: Fri, 20 Mar 2020 09:04 AM (IST)Updated: Fri, 20 Mar 2020 09:16 AM (IST)
Weekly News Roundup Jamshedpur : यहां हादसे का हो रहा इंतजार, पढ़‍िए च‍िक‍ित्‍सा जगत की अंदरूनी खबर

जमशेदपुर, अमित तिवारी। Weekly News Roundup Jamshedpur Health online सदर अस्पताल में भेड़-बकरी की तरह एक ही दिन में 50 से अधिक महिलाओं का बंध्याकरण कर दिया जा रहा है। जबकि नियम कहता है कि एक दिन में अधिक से अधिक 20 से 30 ऑपरेशन ही किए जा सकते हैं।

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आलम यह है कि कभी-कभी टारगेट पूरा करने के लिए एक ही दिन में 60 से अधिक महिलाओं का बंध्याकरण कर दिया जाता है। जिस दिन बंध्याकरण होता है, उस दिन महिलाओं की लंबी कतार लगी रहती है। ऑपरेशन थिएटर में जाने वाली महिलाओं को जमीन पर बैठा दिया जाता है। बंध्याकरण दोपहर 12.30 बजे से 2.30 बजे तक होता है, पर इसे दो शिफ्ट में दिखाया जाता है। अस्पताल प्रशासन को इन महिलाओं की स्वच्छता का कोई ख्याल ही नहीं। बस यूं समझिए अस्पताल प्रशासन किसी हादसे का इंतजार कर रहा है। हादसे के बाद ही स्वास्थ्य विभाग की कुंभकर्णी तंद्रा टूटेगी। जब लोग काल कवलित होने लगेंगे।

इसे कहते हैं दीपक तले अंधेरा

जी हां, इसे ही कहते हैं, दीपक तले अंधेरा। सिविल सर्जन साहब पूरे जिले को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए नसीहत देते फिर रहे हैं। लेकिन, उन्हीं के कार्यालय में अनदेखी की जा रही है। सिविल सर्जन कार्यालय में ना तो सैनिटाइजर उपलब्ध है, ना ही एन-95 मास्क। अब उन्हें कौन समझाएं कि दूसरों को नसीहत देने से पहले उसे खुद पर भी लागू करना जरूरी होता है। सिविल सर्जन कार्यालय ही नहीं समूचे सदर अस्पताल में आपको सैनिटाइजर देखने को नहीं मिलेगा। सबकुछ जैसे-तैसे ही चल रहा है। ऐसे में कोरोना वायरस संक्रमण से कैसे बचाव होगा यह समझ से परे है। उधर, उपायुक्त महोदय ने अपने कार्यालय के बाहर लिक्विड साबुन और पानी की व्यवस्था कर दी है। यहां जो भी मुलाकाती आते हैं, उन्हें पहले हाथ धोना अनिवार्य कर दिया गया है। उधर, एमजीएम अस्पताल का हाल भी ठीक नहीं। हां, आइसोलेशन वार्ड जरूर तैयार है।

कालाबाजारी पर नकेल जरूरी

एक तरफ शहर कोरोना वायरस से होने वाले संक्रमण को लेकर भयाक्रांत है, वहीं नकली सामान बनाने और बेचने वालों की चांदी हो गई है। गुरुवार को ही एसडीओ चंदन कुमार ने स्टार टॉकीज के पास से नकली सैनिटाइजर बनाने वाली कंपनी पर छापा मारकर उसे सील कर दिया। यह जिला प्रशासन की अच्छी पहल है। लेकिन उन्हें दूसरे और धंधेबाजों पर भी नकेल कसनी होगी। जुगसलाई व बर्मामाइंस क्षेत्र में कई ऐसे स्थान हैं, जहां नकली सैनिटाइजर धड़ल्ले से बनाए जा रहे हैं। यह हाल तब का है, जब सरकार ने सीधे ऐसे लोगों को जेल में डालने का आदेश दिया है। हमसभी को भी ऐसे नकली सामान बेचने वालों से सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि, आगे का समय और खतरनाक होने वाला है। एन-95 मास्क की जगह नकली मास्क औने-पौने दाम में बिक रहे हैं, लेकिन मूल्य नियंत्रण के लिए अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

डरें नहीं, बस सचेत रहें

आक्छी..आक्छी..। घर से निकलते वक्त कोई छींक दे तो घर-परिवार हो या आस-पड़ोस, कहते हैं, थोड़ी देर रुक जाओ। लेकिन ये छींक तो इन दिनों घर से सीधे अस्पताल पहुंचा दे रही है। लोगों में डर कुछ ऐसा समा गया है कि जरा सी छींक आई नहीं कि घरवाले सीधे आइसोलेशन वार्ड पहुंचा दे रहे हैं। एक ऐसी महिला अपने पति को लेकर सीधे वहां पहुंच गई। बताया कि दो दिनों से छींक रहे हैं। वह जांच का दबाव बनाने लगी। ऐसे ही कई और भी वहां आए, जिन्हें नर्सो ने समझाया कि घबराएं नहीं। आने वाले समझदार जरूर थे कि सावधानी बरती। लेकिन, इतना खौफ भी ठीक नहीं। डॉक्टर बार-बार बता रहे हैं कि हर सदी-खांसी कोरोना का लक्षण नहीं है। एहतियात जरूर बरतें, पर मन में कोरोना-कोरोना न बिठा लें। साफ-सफाई रखें। छींक आती है, बुखार आता है तो डॉक्टर से जांच करा लें। सावधानी बरतें। बात खत्म।


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