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खुली हवा में सांस की आस में काट रहे जिंदगी

पूर्वी सिंहभूम जिले की घाघीडीह सेंट्रल जेल में बड़ी संख्या में बुज

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Aug 2018 12:51 PM (IST)Updated: Wed, 15 Aug 2018 12:51 PM (IST)
खुली हवा में सांस की आस में काट रहे जिंदगी
खुली हवा में सांस की आस में काट रहे जिंदगी

अन्वेष अम्बष्ठ , जमशेदपुर :

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पूर्वी सिंहभूम जिले की घाघीडीह सेंट्रल जेल में बड़ी संख्या में बुजुर्ग कैदी इस उम्मीद में जिंदगी काट रहे कि शायद उन्हें भी इसी जीवन में खुली हवा में सांस लेने का सौभाग्य प्राप्त हो जाए। लगता है, इनकी उम्मीदें बहुत जल्द पूरी होने जा रहीं। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले और केंद्र सरकार की पहले के बाद ऐसा संभव हो सकेगा।

घाघीडीह जेल में कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम के कैदी रखे गए हैं। इनमें 20 कैदी ऐसे हैं जिनकी उम्र 70 से ऊपर हो चुकी है। ये विभिन्न अपराधों की सजा काट रहे हैं। मालूम हो कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर आगामी दो अक्टूबर को जेलों में बंद वृद्ध बंदियों की रिहाई की केंद्र सरकार ने घोषणा की है। यह पहल इन कैदियों के लिए किसी वरदान से कम नही है। घाघीडीह सेंट्रल जेल में वर्तमान में 1710 बंदी है। इनमें सजायाफ्ता और विचाराधीन बंदी शामिल हैं।

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कई की सजा की अवधि पूरी घाघीडीह जेल में बंद इन बुजुर्ग कैदियों मे से कई की सजा की अवधि पूरी हो चुकी है तो कई ऐसे भी जो आजीवन सजा काट रहे हैं। रिहाई की आस में धीरेंद्र पंडित उर्फ पप्पू सिंह, सूरज सरदार, मत्थरस गागराई, सोइना मुंडा, प्रेमी सुरीन, मिथिलेश सिंह, कुनवर लाल मुर्मू, बाली मुर्मू, विराम चंद्र जैसे बदी हैं।

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धीरेंद्र पंडित की रिहाई सीबीआइ पर टिकी

धीरेंद्र पंडित झामुमो नेता निर्मल महतो हत्याकांड में सजायाफ्ता है। इस चर्चित हत्याकांड की जांच सीबीआइ ने की थी। सजा भी सीबीआइ कोर्ट ने सुनाई थी। उसकी सजा अवधि पूरी हो चुकी है। केंद्रीय एजेंसी का मामला होने के कारण उसकी रिहाई सीबीआइ के रुख व केंद्र सरकार के निर्णय पर टिकी है। इसी हत्याकांड के एक अन्य सजायाफ्ता वीरेंद्र सिंह की जेल में ही मौत हो चुकी है।

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जेल में बंद वृद्ध बंदी

कुंवर लाल मुर्मू, रघुनाथ बलमुचू, मिटकू कैवर्तो, फागू महाली, अंतू पूर्ति और डोमन मुर्मू आदि।

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अप्रैल में 23 बंदियों की हो चुकी रिहाई 26 अप्रैल 2018 को जेल प्रशासन ने सरकार की मंजूरी के बाद 23 बंदियों को रिहा किया था। इनमें अधिकांश आजीवन कारावास के सजायाफ्ता थे।

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आज जेल में जेल अदालत

स्वतंत्रता दिवस पर बुधवार को घाघीडीह सेंट्रल जेल में जेल अदालत का आयोजन होगा। अदालत में छोटे मामलों के बंदियों की रिहाई होगी।


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